कफ विकार से दुखी संसारजाने कैसे बचें इस समस्या सेकफ की समस्या लगातार बनी रहनाएक खतरनाक बीमारी है।कफ के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमतादिनोंदिन कमजोर होती चली जाती है।आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थ【1】चिकित्सा चंद्रोदय【2】वैद्य चिंतामणिके अनुसारकफ के कारण ही रोग प्रतिरोधक क्षमता(IMMUNITY) खत्म होती चली जाती है। इसके कमजोर होने परतन रोगों का पिटारा बनने लगता है।आधि-व्याधि, विकार का असर बहुत जल्दी औऱ अतिशीघ्र होता है। इसी वजह से ऐसे में शरीर अत्यंत कमजोर होने लगता है और हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं।“आरोग्य प्रकाश शास्त्र के मुताबिक-कफ की बीमारी यदि लगातार बनी हुईहै, तो ऐसा मरीज कम उम्र में ही नामर्दी,पुरुषार्थ हीनता का शिकार हो सकता है।आजकल के बच्चे और नई पीढ़ी केयुवा कफ विकार से बहुत पीड़ित हैं,इसका कारण है-खतरनाक प्रदूषण, जिससे फेफड़ोंमें इंफेक्शन हो जाता है।आयुर्वेद चिकित्सा के अलावा अन्यपेथी में कफ रोग का स्थाई उपायउपलब्ध नहीं हैं।ध्यान देने योग्य बातेंयदि किसी को भी पूरे वर्ष जुक़ामबना रहता है।कुछ लोगों को मौसम के बदलने सेसर्दी हो गर्मी, सर्दी-खाँसी तुरन्त हो जाती है।किसी-किसी को सर्दी खाँसी हमेशा बनी रहती है।फेफड़ों की खराबी भी कफ रोग का एक कारण हो सकता है। ऐसे में कोई भी ऐलोपैथिक या अंग्रेजी मेडिसिन असर नहीं दिखाती, अपितु श्वांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है।?? ???? ??कफ रोगों का स्थाई इलाज!!अमृतम!!शुद्ध आयुर्वेदिक ओषधि हैइसे छोटे बच्चों से लेकर बड़ी उम्र केमरीजों को भी दिया जा सकता है।यह पुराने से पुराने निमोनिया को मिटानेमें भी सहायक है।
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