जो संसार का करे भला-
उसका नाम है अतिबला
गुणों के कारण अतिबला के आगे देवता भी शीश झुकाते हैं। यह मधुमेह नाशक अद्भुत ओषधि है।
वनोषधि चंद्रोदय के रचयिता वेद्याचार्य
श्रीचंद्रराज भंडारी ‘विशारद’ के अनुसार
अतिबला के बीज और सारा वृक्ष मूत्रल
शांतिदायक है। मूत्र-सम्बन्धी बीमारियों
में, पुराने अतिसार में, जीर्ण ज्वर में
एवं सूतिका रोग में विशेष उपयोगी है।
अतिबला के बीज का काढ़ा डायबिटीज के
मरीजों को बहुत लाभकारी है।
अतिबला एक मात्र ऐसी बूटी है, जो
मधुमेह को जड़ से मिटा सकती है।
अतिबला के बीजों को पानी में गलाने से एक तरह का चिकना लुआब निकलता है।
ज्वर के दर्द, मूत्र नली की सूजन
में भी अतिबला लाभकारी माना गया है।
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