बोले सो निहाल

‎ सिखों के परम पूज्यनीय ग्रन्थ
‎गुरुग्रन्थ साहब का मूल मंत्र है-
‎ बोले सो निहाल ।
‎सतश्री अकाल ।।
‎संसार में सब सत्य
‎की ही सारी सत्ता है ।
‎वैदिक उदघोष है-
‎सत्यं-शिवम-सुन्दरम
‎————————
‎ अर्थात
‎सत्य ही शिव
‎ ओर
‎सुंदर है ।
सत्य से ही सिद्धि-संवृद्धि है ।
‎ सत्य ही ईश्वर है
‎ ओर इसी
‎ईश्वर (शिव) के कारण ही
‎ऐश्वर्य, सुख-संपन्नता
‎सफलता संभव है ।
‎सत्य से ही सृष्टि
‎का संचालन सुचारू
‎रूप से हो पा रहा है ।
‎सत्य के समागम से
‎सदैव शांति,परमशान्ति
‎का अहसास होता है ।
‎सत्य की शिला ही
‎सिद्धपीठ बन पाती है ।
‎ अतः सत्य ही
‎अमृत है । सत्य की राह में
‎अमृत ही सदा संग रहता है
‎ सच्चा सत्संग भी सत्य ही
‎है । वेदवाक्य भी है –
‎”असतो मा सद्गमय”
‎ और
‎ ।। अमृतम ।।
‎हर पल आपके साथ हैं हम
‎सबका यही भाव-स्वभाव
‎रहे, इसकी जरूरत है ।। 1।।

।। अमृतम ।।
मासिक पत्रिका
‎ से
‎साभार ‎

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