Month: December 2018

  • जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 7

    पिछले लेख पार्ट 6 में हमने तन-मन में रोगों के तीन स्थान के बारे में लिखा था, जिसमें शेष 2 की जानकारी देना थी अब जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 7 इस आर्टिकल्स में आयुर्वेद ग्रंथों के मुताबिक 5 प्रकार के लकवा,  पक्षाघात या पैरालिसिस के विषय में जानेंगे शरीर में…

  • Rasayana chikitsa

    Rasayana chikitsa is a branch of ayurvedic treatment that has a strengthening and rejuvenating action on the body. Possessing such qualities, it is something that is a somewhat attraction in this modern age due to the fact that it essentially has an ‘anti-ageing’ effect. Rasayana chikitsa is most beneficial after the body has been on…

  • जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 6 अति दुर्लभ ज्ञान

    जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 6 पिछले लेख पार्ट 5 में हमने तीन तरह के रोगों के बारे में लिखा था, अब जाने रोगों के स्थान शरीर में इन तीन स्थानों पर रोग पैदा होते हैं तीन रोग स्थान — तन-मन में रोगों के तीन स्थान बतलाए हैं पहला रोग स्थान —…

  • जाने – आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 5

    जाने – आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 5 पिछले आर्टिकल पार्ट 4 में 4 तरह की अग्नि से पैदा होने वाले रोग के बारे में बताया था। “इस आलेख में जानिए रोग के प्रकार” रोग तीन तरह के होते हैं — 【1】निज रोग — त्रिदोषों यानि वात, पित्त व कफ के बिगड़ने से शरीर…

  • जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 4

    जाने – प्राचीन आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 4 पिछले आर्टिकल में तेरह तरह के वेग रोकने से भयंकर बीमारियां होती हैं। अब आगे द्विदोषज रोग क्या होते हैं — आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार जो रोग वात,पित्त और कफ इन तीन दोषों में से किन्हीं दो दोषों से युक्त कोई बीमारी हो, उसे द्विदोषज रोग कहा…

  • बालों में गन्दगी के कारण पड़ते हैं लीख व जुएँ

    सिर में जुएं और लीख पड़ना क्यों और कैसे पड़ते हैं जुएँ। इसके लक्षण, कारण और प्राकृतिक उपचार कारण एवं 100% हर्बल चिकित्सा   बोरिंग व खारे और प्रदूषित पानी से बाल धोने पर सिर में लीख व जुएं पड़ जाते हैं।

  • जाने – आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 3

    आयुर्वेद ग्रंथों में 8 प्रकार के मूत्र के विषय में बताया है-   आठ मूत्र – 【1】गाय का मूत्र, 【2】बकरी का मूत्र 【3】भेड़ का मूत्र, 【4】भैंस का मूत्र, 【5】हथिनी का मूत्र, 【6】ऊंटनी व 【7】घोड़ी का मूत्र और

  • जाने – आयुर्वेद के बारे में पार्ट – 2

    क्या आपको “पंचलवण” के बारे में मालूम है, ये पांच तरह के नमक अजीर्ण, वायुगोला, शूल (पेट दर्द) और उदर रोगों को मिटाते हैं। पित्तनाशक रस – त्रिदोषों में से एक पित्तदोष, जो पेट व उदर विकार और ज्वर/फीवर/ बुखार, डेंगू आदि रोग उत्पन्न करता है। दुबलापन, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, मधुमेह पाचनतंत्र (मेटाबोलिज्म) की खराबी अस्त-व्यस्त…

  • जाने – आयुर्वेद के बारे में पार्ट

    जाने – आयुर्वेद के बारे में पार्ट -1 धन्वन्तरि कृत “आयुर्वेदिक निघण्टु” लेखक प्रेमकुमार शर्मा (भारतीय जड़ी-बूटी तथा ओषधियों के शोधकर्ता) के अनुसार आयुर्वेद उसे कहते हैं, जो आयु और स्वास्थ्य का हित-अहित बताकर रोग मुक्त होकर जीवन का ज्ञान उपलब्ध कराए।

  • ठण्ड के मौसम में मालिश से 28 फायदे

    सर्दियों में रूखी त्वचा के लिए वरदान कुम-कुमादि, बादाम (आलमंड),  जैतून (ऑलिव) और चंदनादि प्राकृतिक खुशबूदार तेलों से निर्मित काया की हर्बल मसाज़ ऑयल चिप-चिपाहट रहित 100% आयुर्वेदिक तेल पूरे परिवार और बच्चों की मालिश और अभ्यङ्ग के लिए गुणकारी है।