बालों की कुदरती दवा

हमारा सिर ही सन्सार का सार है

सिर और सिर का सार क्या है-

देह यानि शरीर के सबसे ऊपरी हिस्से को
सिर कहा जाता है। हमारा सिर ही तन और मन को चलाता है।
ज्ञान-बुद्धि,
विवेक,दिमाग,
अक्ल,शिक्षा और समझाइश
सब सिर में ही समाहित रहती है।

सिर ही हमे सरताज बनाता है।

नई सोच-नई खोज,
नये-नये आईडिया व बेहतरीन
तेज़ दिमाग वाले दिमाग अर्थात
 सिर के कारण ही दुनिया उन्हें
सर” कहकर सम्बोधित करती है।
सन्सार में सबको “सर”
और सरकार का ही ‘डर’ सताता है।
बल औऱ बाल भी सिर
का मुख्य हिस्सा है।
सिर की खाल में मजबूती
से बाल मजबूत होते हैं।

महिलाओं की मजबूती–

एक अनुसंधान के मुताबिक

जिन महिलाओं के बाल यदि
लंबे,घने,काले, चमकीले,सुन्दर
रोग रहित होते हैंउनमें विशेष आत्मबल
होता है। वे औरों से ज्यादा मजबूत
महसूस करती है। इसका कारण बालों की
सुन्दरता है।

केश खुले रखती हैं

दिल बांधने के लिए

बाल के बल पर एवं दम पर ही
महिलाएं केश श्रृंगार कर पाती हैं।
बालों का महत्व सोलह श्रंगार में भी बताया है…
■ स्त्रियों के बाल संवारना,
■ वेणी बनाना,
■ चोटी गूँधना
■ कंघी करना
■ चुटिया करना
■ जूड़ा बनाना
■ केश श्रृंगार करना आदि
लम्बे,घने, काले बालों से ही सम्भव है।

सिर का साम्राज्य

खोपड़ी, मूँड़, कपाल, मस्तिष्क
ये सब सिर के पर्यायवाची शब्द हैं।
 
हमारा सिर इतना महत्वपूर्ण है कि…
महादेव के शिंवलिंग का
रुद्राभिषेक के विनियोग के समय
सिर की शुद्धि के लिए

“शिरसे स्वाहा”

सिर पर हाथ रखकर उच्चारण करते हैं।
सिर की शिरा द्वारा ही शरीर की सभी
रक्त शिराओं का संचालन होता है।
बाल के बिना आदमी सिरफिरा से दिखता है।

सिर का सार….

सिर ही मानव शरीर का महत्वपूर्ण भाग है।
इसे सदा सकरात्मक विचारों से भरकर
सिरदर्द से बचना चाहिए। अन्यथा

“रोगों का रस”…..

बुद्धि को ठस बना देता है।

सिर की देखभाल हमारा प्रथम
कर्तव्य है।
इसलिए समय रहते
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा  
का उपयोग करें
 
बाल पूरी तरह झड़ जाने के बाद पछताने
से कुछ नहीं होगा।
फिर,लोग कहेंगे-

का वर्षा जब कृषि सुखाने

या फिर..
रामायण में लिखा है—

सिर धुनि-धुनि पछिताय”

बाल हमारा स्वरूप होते हैं
खूबसूरती व सुंदरता का
आंकलन बालों से ही होता है।
 
क्यों जरूरी है केशमुण्डन...
 
व्रतराज, गरुड़ पुराणआदि शास्त्रों में
केश मुण्डन को व्यक्ति के स्वरूप
का दान बताया है।
बालों की सुरक्षा हेतु अमृतम की
सही सलाह यही है कि
  100 जगह
सिर खपाने से अच्छा है
 
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा
का  नियमित उपयोग करें।
यह अनेकों असरदार प्रामाणिक,
प्राकृतिक ओषधियों के काढ़े से निर्मित है।
इसमें डाली गई ब्राह्मी बूटी
 
ब्रह्मांड के ज्ञान को जागृत कर देती है।

शंखपुष्पी

असंख्य केशरोगों का नाश करती है।
फिर, इसमें हरी मेहन्दी
का  भी मिश्रण है
जिसके बारे में सबने सुना ही होगा–

मेहन्दी,तो मेहन्दी है, रंग लायेगी।

बस यह मेहन्दी ज्यादा महंगी नहीं है,किन्तु
इसके परिणाम बहुत चमत्कारी हैं।
ऐसे ही 27 करीब हर्बल काढ़े बना
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा 
अदभुत और असरकारी है।
बाल झड़ जाने के बाद
सिर पीटने
से कोई फायदा नहीं होगा।
इसलिए पहले ही चेत जाओ और

कुन्तल केयर बास्केट

का सेवन करो।
(विस्तार से जानकारी
वेवसाइट पर देखें)
जो केशवर्द्धक हर्बल योग है।
आजकल अन्य दवाएँ-तन मिटायें
वाला काम कर रही हैं।

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना”

यह बहुत पुरानी कहावत है।
विज्ञापन वाले उत्पादों का यही हाल है।
अब,सब प्रयोग बन्द कर 100 फीसदी शुद्ध हर्बल
अमृतम दवाओं का इस्तेमाल करें।
हम हर हाल में अपने पाठकों,ग्राहकों
का विश्वास जीतना चाहते हैं।
इसके लिए
“अमृतम परिवार”
 प्रयत्नशील है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा

No चिप-चिप हर्बल फार्मूला है।

बालों के लिए एक ऐसा केशवर्द्धक योग है,
जो 27 से अधिक जड़ीबूटियों तथा
 हर्बल काढ़े से बना हुआ है।
माइग्रेन, सिरदर्द एवं अनिद्रा से मुक्ति
स्पा को सुबह नहाने से 1 घण्टे पहले
लगाकर बालों को सुखा लेवें।
इसके प्रयोग से बार-बार बाल धोने
की जरूरत नहीं पड़ती।
स्पा में जड़ीबूटियों का रस-सत्व है, जो
बालों की जड़ों में जाकर अपना
असर दिखाता है।
स्पा लगाने के बाद जब यह जड़ों में
शोषित हो जाये, तो बालों में कंघी करें।
 रात को सोते समय स्पा लगाने से
कभी सिरहाने का तकिया  या
बिस्तर चिकना या खराब नहीं होता।
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