सुबह में चना खाने के बाद
- आम बोलचाल की भाषा में कहते हैं कि खायेगा चना, तो रहेगा बना।
- चना, तन का तना, तना मजबूत कर तनाव मिटाता है।
- चने खाने से सिर के बार भी घने होने लगते हैं।
- चना सुबह खाने से आबतों की गंदगी साफ कर सूजन मिटाता है।
- लिवर को क्रियाशील बनाने और मेटाबोलिज्म को करेक्ट करने के लिए दुनिया चना ओर चने से बने पदार्थों की शौकीन है।
- शरीर के लिए चने से बेहतरीन दूसरी कोई चिकित्सा नहीं है।
अमृतम पत्रिका amrutam ,gwalior से साभार
- द्रव्यगुण विज्ञान ग्रन्थ में चने खाने के नियमों का हवाला दिया इस प्रकार है
- चना हमेशा छिलका सहित ही खाएं। छिल हुआ छिलका ह्रदय रोग की समस्या उत्पन्न करता है।
- चने को हमेशा चबा चबाकर खाने चाहिए यानी एक चना छिलका युक्त 32 बार चबाए ओर लील जाएं।
- एक दिन में अधिकतम 50 ग्राम तक चना कहा सकते हैं। इससे अधिक लेने पर कब्ज की परेशानी होने लगती है। पेट दर्द भी हो सकता है।
- मेहनती लोगों को चना बेहद लाभकारी होता है। यह मर्दाना ताकत भी बढ़ाता है।
- चना खाने के एक घण्टे बाद तक पानी न पिएं ओर कुछ न खाएं।
- हनुमान जी चना कहकर ही बलशाली बने थे। परशुराम शतक में नेवेद्य या प्रसाद के रूप में हनुमाजी को चना सर्वाधिक प्रिय है।
- द्रविड़ सहिंता ग्रन्थ के मुताबिक अगर कोई रुकावट या शारीरिक समस्या का निदान नही हो रहा है। सरकारी उलझन हो, तो रविवार को सुबह सूर्योदय के समय अपने वजन का चना लेकर बंदर, गे, नंदी, घोड़ा ओर गधे को खिलाना चाहिए। सारी परेशानियां दूर होने लगती हैं।
- 50 ग्राम चने के साथ 20 ग्राम गुड़ खाने से मनोबल बढ़ता है। डिप्रेशन मिटता है।
- चना खाने से शरीर तना रहता है। बुढापा जल्दी नहीं आता।
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