लिवर की खराबी से नहीं लगती समय पर भूख और होते हैं, अनेक पेट रोग एवं उदर विकार..
भूख बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय है-
अमृतम कीलिव माल्ट
तीन महीने तक सेवन करें।
कीलिव माल्ट को 3 माह लेना क्यों जरूरी
इसे लम्बे समय तक लेना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि यह प्राकृतिक जड़ीबूटियों से निर्मित है, जो धीरे-धीरे शरीर के सिस्टम ठीक कर तन को रोगरहित बना देता है। फिर कभी पुनः उदर रोग नहीं सताते।
यकृत यानि लिवर के सही कार्य न करने पर होती हैं निम्न बीमारियां….
@ पेट की खराबी,
@ उदर की बीमारियां
@ भूख न लगना तथा
@ पीलिया-जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
@ लिवर के कमजोर होने पर
पेशाब व नेत्रों में पीलापन झलकने लगता है।
@ नवीन रक्त का निर्माण और रक्तसंचार नहीं हो पाता।
@ रक्त विकार, त्वचा रोग जैसे-खुजली, दाद, एग्जिमा, सोराइसिस, फुंसी-फोड़े उत्पन्न होने लगते हैं।
@ इन सब व्याधियों का कारण लिवर की खराबी है जिसकी वजह से शनै-शनै: शरीर सूखने लगता है।
@ आये दिन पीलिया यानि जॉन्डिस जैसी परेशानी से जूझना पड़ता है।
@ आयुर्वेद में पीलिया को पांडु रोग कहा गया है। जिसके कारण खून बनना बन्द हो जाता है और शरीर कमजोर एवं पीला पड़कर पुरुषार्थ क्षीण हो जाता है।
लिवर (यकृत) को स्ट्रांग बनाने के लिए…
(टोटल केयर ऑफ लिवर)
2-2 चम्मच 2 बार गुनगुने दूध या पानी
से 2 या 3 माह तक नियमित सेवन करें।
पेट संबंधी कोई भी व्यक्ति यकृत की व्याधि से बर्बाद नहीं होता।
आयुर्वेद के पुराने फार्मूले से बनता है – कीलिव माल्ट….
आयुर्वेदिक निघण्टु,
द्रव-गुण विज्ञान आदि आयुर्वेदिक शास्त्रों के अनुसार इसमें मिलाए गए द्रव्य-घटक निम्नलिखित हैं-
★मकोय, ★धनिया, ★पुनर्नवा, ★मोथा, ★निशोथ, ★नीलोफर, ★करील, ★गुलकन्द, ★करौंदा मुरब्बा, ★आँवला मुरब्बा, ★त्रिफला, ★त्रिकटु, ★कालमेघ,
★अर्जुन छाल, ★बायबिडंग, ★तुलसी, ★पिप्पली, ★अजवायन, ★हरीतकी आदि ओषधियाँ लिवर को पूरी तरह ठीक कर, शरीर का कायाकल्प करने में उपयोगी हैं।
शराब की लत के कारण जिनका लिवर (यकृत) विकृत हो गया है, उन्हें कीलिव माल्ट रात को सोने के पहले 2 से 3 चम्मच सादे जल से जरूर लेना चाहिए।
फैटी लिवर को ठीक करने में सहायक है।
अमृतम कीलिव माल्ट पूर्णतः हानिरहित हर्बल हैं। इसके साइड बेनिफिट असंख्य हैं तथा साइड इफ़ेक्ट बिल्कुल भी नहीं।
कीलिव माल्ट शरीर के सभी टोक्सिन, विषैले दुष्प्रभाव को जड़ से मिटाने की क्षमता रखता है।
कीलिव माल्ट के अनेको फायदे हैं-
लिवर,की कमजोरी, फैटी लिवर से पैदा होने वाले उदर रोग व पेट की अनेक तकलीफों से कीलिव माल्ट बचाव करता है। कीलिव माल्ट परिवार के सभी सदस्य सर्दी के मौसम में रोज उपयोग करें,तो पूरे साल लिवर सुरक्षित रहता है ।
कीलिव के सेवन से पेट संबंधी कोई भी व्याधि से व्यक्ति पीड़ित नहीं होता। इसे सपरिवार लिया जा सकता है!
कीलिव माल्ट केवल ऑनलाइन उपलब्ध
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भूख बढ़ाने की सबसे कारगर ओषधि है–
भूख जिसे अंग्रेजी में Appetite कहते हैं, जिसे भूख अच्छी लगती है, उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। जिसे लम्बी आयु प्राप्त करनी है उनकी भूख भी तेज़ होनी चाहिए। हमारे शाारीरिक और मानसिक विकास के लिए पेट को पूरा पोषण मिलना बहुत जरूरी होता है और यह उसे
आयुर्वेदिक औषधियों में स्थित पौष्टिक आहार खाने से ही मिलेगा इससे भी ज्यादा जरूरी है पोषक तत्वों से भरपूर लिवर का अवलेह तथा खाद्य पदार्थो का सही समय पर नियमित सेवन करना।
भूख न लगने से सूख रहे लोग लें-कीलिव
कुछ लोग भूख न लगने के कारण भी अक्सर कुछ लोग परेशान और बीमार रहते हैं जिससे शरीर कमजोर होने लग जाता है। भूख कम लगना हमारे पाचन शक्ति में गड़बड़ी का संकेत है।
इस कमी को पूरा करने के लिए अमृतम द्वारा निर्मित कीलिव माल्ट अत्यंत कारगर ओषधि है।
कीलिव माल्ट भूख बढ़ाता है लेकिन मोटापा नहीं बढ़ने देता।
कब्ज, पाचनशक्ति कमजोर हो या पेट की लगातार खराबी हो, कीलिव माल्ट उदर के सम्पूर्ण सुप्त सिस्टम को क्रियाशील बनाकर चेहरे पर चमक लाता है।
भूख बढ़ाने के लिए 1 से 2 चम्मच कीलिव माल्ट सुबह खाली पेट गुनगुने दूध या सादा जल के साथ तीन महीने तक नियमित लेना हितकारी है साथ ही प्रतिदिन अपने भोजन में छाछ, दही जरूर लेना चाहिए। यह पाचनतंत्र को मजबूत बनाकर लिवर को स्वस्थ्य रखता है।
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