गुडहल के आयुर्वेदिक फायदे

गुड़हल के आयुर्वेदिक फायदे

आज की व्यस्ता भरी  जिदंगी में आयुर्वेद कही भूलते जा रहें। आज उसी को याद करके हम आज आयुर्वेद के बारे में कुछ नया बतायेगें। आज हम फूलों के बारे में बात करेगें वह किस काम आते है। इसमें क्या खास है। लोग की अपनी एक विचार धारणा होती है।कोई कहेगा कि वह भगवान के चरणो अर्पित होते है। और कोई कहेगा कि घर का सजाने के काम आता है महिलायें अपने बालो के श्रृंगार में इस्तेमाल करती है। लेकिन बहुत कम लोगो को यह बात पता है। कि गुडहल में कई औषधि गुण भी है।

गुडहल एक  पुष्पीय पौधा है। जो कई रंगो मे जैसे नीला, लाल, गुलाबी, पीला में पाया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम हीबीस्कूस रोजा साइनेन्सिस है। इसके फूल में कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है जैसे विटामिन सी, फाइबर, आयरन, कैल्शियम , वसा आदि। जो स्वास्थ्य के लिये लाभदायक  है।

गुडहल

जलवायु

गुडहल का पौधा विष्व के समशीतोश्ण, उश्णकटिबंधीय, और अर्ध उश्णकंटिबंधीय क्षेत्रो में पाया जाता है। इसकी कुल लगभग 200 से 220 प्रजातिया पाई जाती है। ये वार्षिक तथा बहुवार्षिक होते है।साथ ही कुछ झाड़िया और कुछ छोटे वृक्ष इसी की प्रजाति का हिस्सा है।

गुडहल का पौधा

इसकी की पत्तियाँ प्रत्यावर्ती, सरल, अंडाकार, भालाकार होती है। और इनके किनारे दाँतेदार होते है। फूल आकार में बड़े और तुरही के आकार होते है। जो आकर्षण का केन्द्र है। प्रत्येक पुष्प में पाँच या इससे अधिक पंखुडियाँ होती है। इन  पंखुडियो रंग का सफेद, गुलाबी, लाल, पीला, या बैंगनी हो सकता है। और इनकी चौडाई 4-5 से. मी होती है। फल जो है वो सूखा और पंचकोणीय है। जिसके हर गुच्छे में बीज होते है। फल पक कर अपने आप फूट जाता है। और बीज बाहर आ जाते है।

गुडहल के पौधे के लाभ

  1. आजकल लोग कोलेस्टेरॉल की समस्या से ग्रसित है। इसके फूलों में एंटी- ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसकी पत्तियों से बनी चाय को पीनें से एलडीएल कोलेस्टेरॉल को कम करने में मदद करता है।  और कोलेस्टेरॉल के साथ ये ब्लड प्रेशर को भी कन्ट्रोल करता है। गुडहल के फूलो की पत्तियों को गरम पानी उबालकर पीने से भी लाभ मिलता है। इसमें पाये जाने वाले पोशक तत्व अर्टरी में प्लैक को जमने से रोकता है।
  2. कुंतल केयर हर्बल शैम्पू के इस्तेमाल से बाल सुंदर, काले और मुलायम बनते है। बालो की जड़ने की समस्या को कम करता है। यह बालों में अच्छा कडीशनर का काम करता है।
  3. कुंतल केयर हेयर आयल का उपयोग बालों की जड़ो में अंगुलियों की सहायता से मालि श करें इससे बाल सुंदर और मजबूत बनतें है। और नये बाल आने लगतें है।
  4. आजकल लोगो का खान-पान ठीक न होने की वजह से लोगो में आयरन की कमी हो रही है। जिससे एनिमिया की समस्या उत्पन्न हो रही है। गुडहल के फूल में उपस्थित आयरन इसकी कमी को पूरा कर सकतें है। इसके लिये 40 से 20 गुडहल के फूल की कलियों को पीसकर उसके रस को एक टाइट डिब्बे बंद करके रखें। और नियमित सुबह-शाम इसके रस को दूध में डालकर लेने से एनिमिया की समस्या से मुक्ति मिलती है।
  5. गुडहल की पत्तियो की चाय पीने से यह उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करता है। यह हमारी हृदय गति को सामान्य करता है। और हमें आराम पहुँचाता है।
  6. गुडहल किडनी के लिये बहुत फायदेमंद है। इसकी बनी चाय बिना  शक्कर के पीये जिससे किडनी में जमी पथरी को खत्म कर देता हैं
  7. मासिक धर्म चक्र मे कई बार तकलीफ हो जाती है। जैसे मासिक धर्म चक्र का अनियमित हा , माहवारी ज्यादा आना इत्यादि। गुडहल की नियमित सेवन से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन स्तर को कम करता है तथा  शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाये रखता है। जिससे  मासिक धर्म चक्र कोई दिक्कत नही आती है।
  8. जिन लोगो वजन बढ़ रहा है। उनके लिये गुडहल बहुत उपयोगी है। इसका सेवन करने से भूख पर नियंत्रण पा सकते हैं। जिससे काफी समय तक भूख नही लगती। गुडहल की पत्तियो को पानी में उबालकर पीने से भूख कम लगती है तथा पाचन तंत्र दुरस्त रहता है। जिससे शरीर का अनावश्यक फैट कम होता है।
  9. गुडहल की पत्तिया त्वचा संबंधित समस्याओं जैसे- पिंपल, मुहाँसो के लिये भी लाभदायक है। इसकी पत्तियो को पानी में उबाल लें। ठंडा करके शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाये । त्वचा के लिये काफी उपयोगी है।
  10. इससे बनी चाय पीने से सर्दी जुकाम और खाँसी में राहत मिलती है।

गुडहल के पौधे की हानि

  1. गुडहल की बनी चाय पीने से गर्भवती महिलाओं नही पीनी चाहिये। क्योकि गर्भपात की संभावनाये हो सकती है।
  2. जो महिलायें गर्भ निरोधक दवाईयाँ ले रही हो उनको भी यह चाय नही पीनी चाहयें।
  3. यदि आपका हार्मोन का इलाज चल रहा हो तो आपको गुडहल का सेवन नही करना चाहिये।
  4. यदि आपका रक्त चाप कम होता है तो उनको भी गुडहल का सेवन नही करना चाहियें |

 

गुडहल धार्मिक दृष्टि  से ही नही वैज्ञानिक दृष्टि  से भी बहुत फायदेमंद है।

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