Category: Amrutam Daily Lifestyle
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बच्चो की मालिश करने के लिए कोनसा तेल लाभदायक रहेगा और मालिश किस तरह से की जाएगी ?
“कुछ लोग अपने बच्चो की मालिश चार या पाँच बार करते हैं। मैंने अपने बच्चों की मालिश दो ही बार की है। मालिश कब और कितनी बार की जाए? उससे ज्यादा जरूरी है कि किस तेल से और किस तरह से की जा रही है। मैंने जॉनसन यूज़ किया, क्या आप लोग इस बात से…
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शिव की पूजा में क्या ध्यान रखें?
शिव कर्ता सन्सार के, शिव सृष्टि के मूल। रोम-रोम शिव रमने दो, शिव को कभी न भूल।। शिव का रूप जगत यह सारा। धरती पर शिव का उजियारा।।
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आयुर्वेद के अनुसार किन दमदार चीजों का सेवन करने से बुढ़ापा कभी सताने नहीं आता?
वैसे तो अमृतम च्यवनप्राश उम्र रोधी यानी एंटी एजिंग ओषधि है। यह लगभग 55 जड़ीबूटियों से निर्मित होता है, जो बुढापा आने से रोकती हैं। शीलाजी, शुद्ध गूगल, अश्वगन्धा, शतावर, सफेद मूसली, केशर, मुलेठी, दशमूल, त्रिफला, आंवला मुरब्बा, हरीतकी मुरब्बा आदि ये सब खाने से बुढापा कभी सताने नहीं आता। 5.8 हज़ार बार देखा गया 23 अपवोट 8 शेयर…
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ब्लड प्रेशर (रक्त चाप) को ठीक करने के लिए कौन-कौन सी वैकल्पिक चिकित्सा (अल्टरनेटिव मेडिसिन) प्रभावी हैं?
2.9 हज़ार बार देखा गया 9 अपवोट देखें सुनीता कुमारी ने सबमिशन स्वीकार किया1 में से 1 जवाब अपवोट करें 9 1
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क्या आप लोग बता सकते है बजरंग बली का नाम मारुति क्यों रखा गया था?
जय-जय-जय हनुमान गुसाईं। कृपा करो गुरुदेव की नाई।। श्री राम भक्त हनुमान 5 भाई थे…. 【१】मतिमान 【२】श्रुतिमान 【३】केतुमान 【४】गतिमान 【५】धृतिमान मन में अमन देने वाले देवता…. स्कन्द पुराण, भविष्य पुराण…..की माने, तो इनका जन्म कार्तिक मास की चतुर्दशी यानि छोटी दीपावली को बताया गया है। इनका जन्म नक्षत्र चित्रा ओर स्वाति, मेष लग्न दिन मंगलवार…
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आँवला के फायदे क्या हैं?
आंवला को शिवधात्री भी कहते हैं। हिन्दी- आमला, आंवला, अवरा, औड़ा। संस्कृत- आमलक, धात्री वयस्था, तृस्यकला। मराठी- आंवली, आंवल काठी। बंगला- आमलनी, अम्बोलरा। गुजराती- आवलानु झाड! अंग्रेजी- इण्डियन गूजवेरी (Indian Gooxberry) लेटिन- फाइलैन्यस इम्बेलिका (Phyllanthus Embelica) |
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महर्षि दधीचि कौन थे?
9.3 हज़ार बार देखा गया 13 अपवोट देखें 4 शेयर देखे गए3 में से 1 जवाब अपवोट करें 13 1 4
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आयुर्वेद से जटिल रोग ठीक होते हैं?
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मन्त्र कैसे सिद्ध किये जाते हैं?
दक्ष स्मृति में कहा गया है- अत्यन्तमलिन:कायो,नवच्छिद्रसमन्वितः। स्रवत्येष दिवारात्रौ ,प्रात:स्रानं विशोधनम्॥ मन्त्र- गङ्गा च यमुना चैव, गोदावरि सरस्वती। नर्मदा सिन्धु कावेरी,जलेऽस्मिन् सिलिधिं कुरु।। “मृगचर्म प्रयत्नेन, वर्जयेत पुत्रवान् गृही।” जल से आचमन भी करें। शिखा बन्धन -चोटी में गाँठ लगाना। सिर में चोटी के नीचे सहस्रार चक्र होता है। चोटी में गाँठ लगाने से सहस्रार चक्र नियन्त्रित…
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प्रवाल भस्म युक्त अमृतम गोल्ड माल्ट भी अत्यंत हितकारी है।
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