Category: Amrutam Mythology & Indian Culture

  • पान का करें सम्मान। देवता भी इसे पूज्य मानते हैं….और जाने पान के 14 फायदे

    पान का करें सम्मान। देवता भी इसे पूज्य मानते हैं….और जाने पान के 14 फायदे

    एक रोचक तथ्य पान के पत्ते पर ही क्यों लगाते हैं- भगवान को प्रसाद, नैवेद्य और भोग- जाने – जबरदस्त जानकारी! पान भी तनाव मिटाता है।  पान को नागवल्ली भी कहते हैं यदि भोग-विलास के भाव से खाएंगे, तो यह लाभदायक नहीं होता।   आयुर्वेद ग्रंथों में पान की उत्पत्ति अमृत की बूंदों से हुई, जब…

  • कैसे निखारें खुद को

    कैसे निखारें खुद को

    खूबसूरती बढाना, चेहरे पर निखार लाना आयुर्वेद से ही सम्भव है…. कतई परेशान न हों। जो लोग सौन्दर्य वृद्धि के प्रयास में पूरी तरह से असफल हो चुके हों, वे एक बार अमृतम द्वारा निर्मित फेस क्लीनअप और अमृतम उबटन को 15 दिन तक अपने चेहरे पर लगाकर देखें। यह दोनों सौन्दर्य प्रसाधन सब समस्या से…

  • महिलाओं की सुंदरता नेस्तनाबूद कर देता है-थायराइड। जाने -13 लक्षण….

    महिलाओं की सुंदरता नेस्तनाबूद कर देता है-थायराइड। जाने -13 लक्षण….

     थाइरायड नाशक सिद्ध आयुर्वेदिक ओषधि जो थाइरायड की पुरानी से पुरानी असाध्य परेशानी से दिलवाएं मुक्ति। मात्र 15 दिन नियमित करें इस्तेमाल–        फायदा खुद जाने…. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक सर्वे के अनुसार  पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड यानि ग्रंथिशोथ विकार दस गुना अधिक होता है। आयुर्वेद में ८८ तरह के वात-विकारों का उल्लेख है, जिसमें…

  • स्टैमिना, पॉवर, शक्ति, ताकत कैसे बढ़ाएं

    स्टैमिना, पॉवर, शक्ति, ताकत कैसे बढ़ाएं

    क्या आपको मालूम है? आयुर्वेद में शक्ति-सामर्थ्य वृद्धि के बहुत उपाय हैं.… स्टैमिना व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्तर की वह क्षमता है जिसके द्वारा किसी भी कार्य को लंबे समय तक मन लगाकर पूरे मनोयोग से किया जा सकता है। शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर किसी कार्य को करने के लिए उपयोग क्षमता को स्टैमिना कहा जाता है। स्टैमिना बढ़ाने के उपाए… आयुर्वेद…

  • अचानक छींक आना अपशगुन क्यों माना गया है। इसका भी आयुर्वेद में भी कारण बताया है–

    अचानक छींक आना अपशगुन क्यों माना गया है। इसका भी आयुर्वेद में भी कारण बताया है–

    स्वस्थ्य रहने हेतु आयुर्वेद में भी छींक  पर खोज हुई थी- आदिकाल से लेकर आज तक अमृतम आयुर्वेद जितना अनुसंधान, अध्ययन और काम तन तथा मन पर हुआ उतना शायद ही कहीं और हुआ हो… आयुर्वेद की प्रबल मान्यता है कि मन श्रद्धा से भरपूर हो तब पहाड़ भी आपका रास्ता छोड़ देते हैं। जिज्ञासा…

  • स्वस्थ तन-मन के अंदर स्वयं परमेश्वर का वास होता है।

    स्वस्थ तन-मन के अंदर स्वयं परमेश्वर का वास होता है।

    आयुर्वेद की प्राचीन एंटीबायोटिक, एंटीएलर्जिक, एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल एवं एंटीरह्यूमेटिक चमत्कारी कारगर ओषधि है- “अमृतम च्यवनप्राश” च्यवनप्राश क्या है? च्यवनप्राश में मौजूद सामग्री – च्यवनप्राश के फायदे – जाने इस ब्लॉग में…   सर्दियों के मौसम में  “अमृतम च्यवनप्राश“  इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होता है। कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी इस औषधि का सेवन बच्चों से लेकर बूढ़े तक करते हैं।  बार-बार दवाइयों का सेवन…

  • अमृतम च्यवनप्राश तन की चार दीवारी है।

    अमृतम च्यवनप्राश तन की चार दीवारी है।

    जीवन में जरूरी है–पोषक तत्व जो अमृतम च्यवनप्राश में मिलाएं गए हैं। यह शरीर का ह्रास नहीं होने देता। कैसे आये तन में अमन… तन में अनेक प्रकार के अवयव जो विभिन्न क्रियाओं जैसे ऊर्जा प्रदान करने, शरीर के विभिन्न भागों की मरम्मत और उपापचयी क्रियाओं अर्थात मेटाबोलिज्म के नियमन में सहयोग देते हैं पोषक तत्व कहलाते…

  • सर्दियों में फेफड़ों को रखें सुरक्षित…

    सर्दियों में फेफड़ों को रखें सुरक्षित…

    “लोजेन्ज माल्ट” निम्नलिखित 7 तकलीफों को जड़ से मिटाकर, सदैव साथ निभाता है… 【1】शरीर के किसी हिस्से में किसी तरह का इन्फेक्शन या एलर्जी होना 【2】शरीर में विषाक्त पदार्थो का जमा होना 【3】अस्थमा या सांस की कोई और बीमारी 【4】किसी तरह की दवाई से एलर्जी 【5】खान पान या किसी और चीज से एलर्जी होना 【6】त्वचा से संबंधित कोई…

  • दीपक की दिव्यता

    दीपक की दिव्यता

    दुःख-दुर्भाग्य दूर होता है-दीपावली पर दीप जलाने से और होते हैं… 10 फायदे.. संस्कृत शब्दकोश के अनुसार दीप दान के 10 अर्थ-लाभ बताएँ हैं। जैसे-  【1】भविष्य उज्ज्वल बनाने वाला 【2】सुखी-सुन्दर बनाने वाला 【3】जीवन में रोशनी करने वाला  【4】प्रसिद्धि दिलाकर विख्यात करने वाला 【5】स्वस्थ्य रखने वाला 【6】अंधकार, अज्ञान मिटाने वाला 【7】काम को जागृत करने वाला 【8】विशेष मनोकामना…

  • धन्वतरि दिवस और धनतेरस –  25 अक्टूबर 2019 शुक्रवार को है।

    धन्वतरि दिवस और धनतेरस – 25 अक्टूबर 2019 शुक्रवार को है।

    पंचतत्व को ऊर्जा-शक्ति, पॉवर देने वाले 5 दिवसीय महा उत्सव दीप-पर्व का आरम्भ आज से…..   साल में केवल एक बार धनतेरस को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करके की जाती है, जिससे मृत्यु का भय नहीं रहता।   पद्मपुराण में लिखा है… कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके! यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति!! अर्थात- कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को घर से बाहर, चौराहे पर यमराज के लिए आते का बना चौमुखा दीपक का दीपदान जरूर…