कैसे करें-कालसर्प का उपचार
ऐसी मान्यता है कि-
कालसर्प दोष…. वाले जातक या व्यक्ति
बहुत दुर्भाग्यशाली होते हैं। कालसर्प
से पीड़ित प्राणी जीवन में इतनी
ठोकर खाते हैं कि…
एक दिन वे स्वयं ठाकुरजी बनकर
इस जीव-जगत का कल्याण करने
लग जाते हैं।
एक खतरनाक दुर्भाग्य दोष-
कालसर्प दोष से दुखी व्यक्ति का भाग्य कभी साथ नहीं देता। इस कारण ये लोग
भाग्य भरोसे न बैठकर कर्म करने
पर उतारू हो जाते हैं, तभी इन्हें
अपार सफलता मिलती है।
जैसे-
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी
कालसर्प से भयंकर पीड़ित राजनेता हैं।
जीवन में सब कुछ खलास हो गया,
तभी 50 के पश्चात “राहु” ने इनका साथ दिया।
“राहु” का रुतवा
कालसर्प या राहु से दूषित इंसान
अनेकों अनिष्ट, कष्ट, तकलीफ,
अपमान, आर्थिक तंगी से घिरा रहता है।
राहु कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति के
जीवन में ऐसी परिस्थिति निर्मित कर देता है,
कि व्यक्ति को रुपये-पैसे से मोह भंग
हो जाता है।
राहु की राजनीति-
राहु राजनीति का मुख्य कारक ग्रह है।
राहु आसानी से कभी कुछ नहीं देता।
पहले पुराण पटाओ
फिर नया ले जाओ
यही स्पष्ट नीति है-राहु की
यह प्रारब्ध ठीककर सही मार्ग
दिखाता है।
रायता फैलाने में माहिर है ….राहु
बनते हुए काम बिगाड़ना,
जगह-जगह रायता फेलवाना यानि
उलझने खड़ी करना राहु को
इन सबमें परम आनंद आता है।
राहु या कालसर्प वाला आदमी….
सब जगह से धोखा, छल-कपट, बेइज्जती झेलता है।
यहां तक कि
खास भाई भी पीठ पर छुरा भौंकने
से नही चूकता।
अनेक आफत परेशानियों
के बाद अनुभवी होकर,वह इतना पक जाता
है कि केवल कर्म ही उसके पास एक सत्य सहारा रह जाता है।
राहु ……राह दिखाता है
कालसर्प दोष के दुष्ट प्रभाव की वजह
से ही यह लोग शिव के परम उपासक
बन जाते हैं।
कालसर्प दोष से पीड़ित लोग
सफलता, तो अपार पाते हैं,
लेकिन अचानक नहीं, बहुत मुश्किल
से मिलती है।
जरा होले-होले चलो मोरे साजना
कालसर्प दोष वाले लोग भविष्य के
सपने पूर्ण करने के लिए धीरे-धीरे
स्थाई योजना बनाकर 50 के बाद
सफलता पाना प्रारंभ करते हैं।
कठोर मेहनत, पक्का इरादा, दूरदृष्टि,
सच्ची लग्न, एकाग्रता तथा नेक दिल एवं
भावुकता के चलते पचास के बाद
इन्हें अचानक सफलता-ख्याति,
धन-दौलत मिलने लगती है।
कालसर्प की कला…..
कालसर्प वालों की सबसे बड़ी विशेषता
यह होती है कि…..
जब तक सफल नहीं होते,
तब तक चेन से नहीं बैठते।
एक बात और…
जल्दी जीवन को
सुखमय बनाना है, तो महादेव की भक्ति
अवश्य करें। रुद्राभिषेक कराएं।
राहुकी तेल से करें उपचार
राहुकी तेल के 2 या 5 दीपक
प्रतिदिन जलावें।
राहुकी तेल के दीपक 54 दिन
लगातार जलाने से जिंदगी में जिंदादिली
आने लगती है।
राहुकी तेल जीवन को चमत्कारी
बनाने में सहायक है। यह स्वानुभव है।
एक बार बस…
राहुकी तेल के 2 या 5 दीपक
54 दिन नियमित जलाकर
अनुभव अवश्य लेवें।
राहुकी तेल ……
बड़े से बड़े दुःख निवारण में उपयोगी है।
हमारा विश्वास है कि…
रोज-रोज का भय-भटकाव
निश्चित दूर होगा।
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के स्थाई निवारण और ज्योतिष की
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