• गर्मियों में बवासीर हो सकता है खतरनाक। जाने पाइल्स का सरल उपचार !!

    गर्मियों में बवासीर हो सकता है खतरनाक। जाने पाइल्स का सरल उपचार !!

    गर्मियों के मौसम में पाचक रस ठीक से न बनने के कारण मल सूखकर कठोर हो जाता है और पकाने के समय यह दुदादवार या रेंकल को क्षतिग्रस्त हो जाता है और जख्म के को वजह से खाल के रूप में मस्से बाहर निकल आते हैं और भयंकर पीड़ा देते हैं। बवासीर/piles पाइल्स-मस्सा/ हेमोरोहिड्स के…

  • पेट की सारी गंदगी को बाहर निकालकर लिवर को स्वस्थ्य और मजबूत बनाता है !!

    पेट की सारी गंदगी को बाहर निकालकर लिवर को स्वस्थ्य और मजबूत बनाता है !!

    यकृत में विकार होने से पहले शरीर देता है ये संकेत… पहचाने लिवर की खराबी के ये 8/आठ लक्षण। यकृत की तकलीफ या लिवर की खराबी अब बच्चों व नई उम्र की पीढ़ी में भी देखने को मिलने लगी है। लिवर के खराब होने पर शरीर को कुछ संकेत मिलते हैं। जैसे – पाचन न…

  • फैटी, कमजोर, खराब लिवर और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए ये करें उपाय !!

    फैटी, कमजोर, खराब लिवर और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए ये करें उपाय !!

    लिवर शरीर के इंजिन के समान है। यकृत के दुरुस्त रहने से रोगप्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी मजबूत होती है। स्वस्थ्य लिवर ही ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है। चयापचय यानि मेटाबॉलिज्म अच्छा होगा। शरीर अतिविष (टॉक्सिन) मुक्त रहेगा। जीवित कोशिकाओं के अन्दर या जीवों (organism) द्वारा उत्पन्न विषकारी पदार्थों को आविष या जीवविष (टॉक्सिन) कहते हैं। शराब को लिवर के…

  • मालिश के लिए आयुर्वेद का सबसे महंगा ताल है kumkumadi oil इसकी कीमत 12000/ रुपए 200 ML है

    मालिश के लिए आयुर्वेद का सबसे महंगा ताल है kumkumadi oil इसकी कीमत 12000/ रुपए 200 ML है

    आयुर्वेद के माधव निदान की माने, तो काम (कर्म WORK), व्यायाम यानि एक्सरसाइज और काम यानि सेक्स तीनों ही तनाव मिटाने में सहायक है। कलयुग में भौतिक सुख के लिए ताम झाम जैसे AC, कार, अखबार भी तनाव घटाते हैं। नासमझ, नकारा लोग राम राम कहकर तनाव से बचने को कोशिश करते हैं। शाम को…

  • स्त्रियों में नपुंसकता की वजह और सेक्स के प्रति अरुचि का आयुर्वेदिक उपचार जाने !!

    स्त्रियों में नपुंसकता की वजह और सेक्स के प्रति अरुचि का आयुर्वेदिक उपचार जाने !!

    माधव निदान ग्रंथ के मुताबिक कुछ स्त्रियों में रज की कमी और माहवारी खुलकर नहीं आने से उनकी कामेच्छा मृतप्राय हो जाती है और वे भी नपुंसकता की शिकार होकर जवानी में बुद्धि दिखने लगती हैं। कुछ महिलाएं श्वेत प्रदर, व्हाइट डिस्चार्ज, सोमरोग या पीसीओडी की समस्या से ग्रसित होकर सहवास के प्रति अरुचि रखने…

  • भूख, रस, रक्त और वीर्य एक साथ बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाई !!

    भूख, रस, रक्त और वीर्य एक साथ बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाई !!

    चरक संहिता के अनुसार भूख वृद्धि के लिए यकृत का दुरुस्त होना बहुत आवश्यक है। आयुर्वेद के प्राचीन संहिता में यकृत को भुजा रूपी बताया है। मना जाता है कि भुजा से अधिक ताकत यकृत में होना चाहिए। ।।मम तू भुजौ (यकृत) एव प्रहर्णम्।। अर्थात मेरी तो भुजाएं ही प्रहार करने के लिए शास्त्र है।…

  • पानी नहीं गटक पा रहे या पीने की इच्छा न हो, तो आंतों में दिक्कत होती है !!

    पानी नहीं गटक पा रहे या पीने की इच्छा न हो, तो आंतों में दिक्कत होती है !!

    हो सकता है कि काफी समय से पेट खराब होने और दस्त साफ न आने के कारण आंतें क्षतिग्रस्त होकर सूख गई हों। पाचन रस न बनने से आंतों में सूजन बनी रहती है और जल आदि पीना दुभर हो जाता है। आप चाहें, तो मात्र तीन दिन सुबह खाली पेट नारियल गोला सीसूखा 10…

  • इमली के चमत्कारी फायदे। ये भूख, प्यास को शान्त करती है !!

    इमली के चमत्कारी फायदे। ये भूख, प्यास को शान्त करती है !!

    इमली को संस्कृत में अम्लिका कहते हैं। इमली तस्या नामानि तत्पक्कफलगुणाबाह भावप्रकाशनिघण्टुः अम्लिका चुक्रिकाअम्ली च चुक्रा दन्तशठाऽपि च। अम्ला च चिंचिका चिंचा तिन्तिडीका च तिम्तिडी॥ अम्लिम्ला गुरुर्वातहरी पित्तकफास्त्रकृत्प। क्का तु दीपनी रूचा सरोष्णा कफवातनुत्॥ इमली के संस्कृत नाम – अम्लिका, चुक्रिका, अम्ली, चुका, दन्तशठा, अम्ला, चिचिका, चिवा, तिन्तिडीका तथा तिन्तिडी ये सब है। कच्ची इमली…

  • पेट की सभी खतरनाक बीमारियों से बचाएगा यह आर्टिकल और आयुर्वेदिक उपचार !!

    पेट की सभी खतरनाक बीमारियों से बचाएगा यह आर्टिकल और आयुर्वेदिक उपचार !!

    सीने में जलन, पेट में एसिडिटी, अम्ल पित्त आदि समस्या भोजन के ठीक से पाचन न होने के कारण अक्सर सभी को रहती हैं। जिनका पेट खराब और लिवर कमजोर होने से अनेक विकार उत्पन्न होते हैं। वे लोग यदि गरिष्ठ जैसे – अधिक मिर्च मसाले, मैदा, बेसन से निर्मित पदार्थ का खाने से भी…

  • सत्य असत्य में क्या अंतर है ?

    सत्य असत्य में क्या अंतर है ?

    नकारात्मकता भले ही कितनी तेजी से फेले। लेकिन सकरात्मकता के आगे टिक नहीं सकती। क्योंकि निगेटिव चीज का आधार नहीं है। असत्य और निगेटिव चीज को लम्बे समय तक रखा नहीं जा सकता। जैसे आप पकाने में अधिक से अधिक 10 या 15 मिनिट ही रुक सके हैं। लेकिन मंदिर में 10 से 15 घंटे…

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