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ग्रहों के कालचक्र के कारण बढ़ रहीं हैं आत्महत्या और कोरोना, दोनों ही शह और मात का खेल है….
!!हर शब्द अमृतम!! बीज की यात्रा वृक्ष तक है, नदी की यात्रा सागर तक है और… मनुष्य की यात्रा परमात्मा तक.. संसार में जो कुछ भी हो रहा है वह सब ईश्वरीय विधान है,…. हम और आप तो केवल निमित्त मात्र हैं। “अमृतम मासिक पत्रिका” से साभार क्यों कर रहे हैं प्रसिद्ध या गरीब…