Tag: प्राचीनकाल
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एलोवेरा क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करें ! Amrutam
जाने-एलोवेरा के 35 फायदे क्या हैं? प्राचीन समय मे चिकित्सा जगत में बीमारियो का उपचार करने के लिए आयुर्वेद का सहारा लेकर कुछ घरेलु उपचार किया करते थे। जिनमें एक नाम है— ग्वार पाटा को अंग्रेजी में एलोवेरा कहते हैं। एलोवेरा यानी ग्वार पाटा के गुणो को सभी लोग अच्छी तरह से जानतें है हमने…
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प्राचीनकाल में ऋषि – महर्षि, वैद्य बिना दवा के यानि स्पर्श या प्राण चिकित्सा से करते थे उपचार। जाने कैसे…
स्पर्श चिकित्सा को झाड़ फूंक की विधि भी कह सकते हैं- हर दर्द की दवा है – गोविंद की गली में…. सिरदर्द, हाथ – पैरों में सूजन, कमर या रीढ़ की हड्डी में गैप या दर्द, मानसिक विकार, तनाव, डिप्रेशन, माइग्रेन, कम्पन आदि का इलाज आज भी उत्तर, हिमालय, तिब्बत, लद्दाख, असम के कामाख्या मंदिर…
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चेहरे की गन्दगी बाहर निकाल देता है-कुंकुमादि तेल सड़ी-गली, फटी, खराब, क्षतिग्रस्त त्वचा ठीककर झुर्रियों की मरम्मत करने में लाजबाब है…. जाने 27 बेहतरीन औषधीय गुण!!
कुंकुमादि तेल-एक लाजबाब हर्बल सनस्क्रीन सीरम है, जो सर्दी-गर्मी-बरसात तीनों मौसम में त्वचा की रक्षा कर…चेहरे पर निशान, धब्बे, झुर्री नहीं पड़ने देता। स्किन केयर कुंकुमादि तेल रात सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और पाएं कुदरती लाभ!! कुंकुमादि तेलम बहुत काम और कमाल की सौंदर्य सामग्री जो आपकी त्वचा को निखारे। इसे त्वचा पर…
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आप क्या-क्या पकवान बनाते हैं?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन पंजीरी बनाने का विशेष महत्व है। यह पंजीरी बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक होती है। यह श्रीकृष्ण का मुख्य भोग है। बाकी मख्खन, दूध, दही, घी से बने पकवान बनाना शुभ होता है। पंजीरीइसे पँचजीरी भी कहते हैं। सत्यनारायण की कथा में भी इसका नैवेद्य लगते हैं। कैसे बनाते हैं पंजीरी- पंजीरी या…