Tag: वातावरण

  • वातावरण एवं अनुष्ठान :—–

    वातावरण एवं अनुष्ठान :—–

    मैंने विभिन्न कामोद्दीपक नुस्खों तथा अन्य कारकों का विवरण दे दिया है जो काम-क्षमता तथा काम-वासना आदि में वृद्धि करते हैं । दो और कारक हैं जो काम-अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । ये हैं वातावरण व शयन-कक्ष की सज्जा तथा अनुष्ठानों का महत्त्व । सहवास के लिए उपयुक्त वातावरण होना…

  • भगवान शिव का तीसरा नेत्र  एवं वातावरण ———-

    भगवान शिव का तीसरा नेत्र एवं वातावरण ———-

    भगवान शिव का तृतीय नेत्र हमारा आज्ञा चक्र है… कुंडलिनी का यह छटा चक्र है.. यही सृष्टि की बाहरी और आंतरिक शक्तियां समाहित हैं.. पिंकी नोक के बराबर यह आज्ञा चक्र मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास से संबंधित है.. स्थल तथा सूक्ष्म जगत की विभिन्न हलचलो के साथ इसी केंद्र के माध्यम से संपर्क साधा जा…