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  • अमृतम हरड़ पार्ट- 3

    हरड़ में 5 प्रकार के रस होते हैं । मज्जा में मधुर रस (मीठा), इसकी नाड़ियों में खट्टा रस, ठूंठ (वृन्त) में कड़वा रस,  छाल में कटु रस और गुठली में कसैला रस होता है । हरड़ में पाँच तरह के रस होने से तन को पतन सेबचाती है । यह अमृतम ओषधि है ।…

  • हर रोग हरने वाली हरड़

    अमृतम हरड़ – विजयासर्वरोगेषु अर्थात हरड़ सभी रोगों पर विजयी है हरड़ को स्वस्थ जीवन हेतु परम् हितकारी कहा गया है । उदर रोगों के लिए यह अमृत है ।शरीर के समस्त दोषों का नाश करना इसका मुख्य गुण है । हर रोग को हरने (मिटाने) के कारण इसे  हरड़ कहते हैं ,  आयुर्वेद की…