- श्वेतार्क को सफेद अकौआ के नाम से आम आदमी जनता है। भविष्य पुराण के मुताबिक श्वेतार्क में भगवान सूर्य का वास होता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसे घर के बाहर लगाने से लाभ होता है।
अच्छी हेल्थ ओर स्वास्थ्य के लिए
- स्वास्थ्य – प्रगति के कई प्रयोग हैं – – व्यायाम, आहार-विहार, चिन्तन और वातावरण।
- ‘श्वेतार्क-मूल’ भी स्वास्थ्यलाभ में सहायक होता है। उसकी विधि इस प्रकार है- जिस दिन ‘रविपुष्य’ योग हो यानि रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो प्रातः श्वेत- अर्क की जड़ ले आयें। उसे धोकर साफ कर लें, फिर दूध से स्नान करायें और गणपति मन्त्र द्वारा पूजा करके मंदिर में रख दें।
- इस पर सिन्दूर न चढ़ाकर, कहीं जरा-सा कौने में स्पर्श करादें,
- सूख जाने पर उसे खरल में कूट-पीसकर चूर्ण बनालें। प्रतिदिन प्रातः स्नान करके, सूर्य की पूजा, अर्ध्य, दर्शन करें, और तीन माशा चूर्ण, 250 ग्राम गाय के ताजे दूध के साथ सेवन करें।
- यह परम पौष्टिक रसायन है। इसका प्रयोग भी किसी शुभ रविवार के दिन से करें। एक सप्ताह में ही इसका प्रभाव आ जाता है।
- इसे केवल सात दिन ही सेवन करना चाहिए। ‘श्वेतार्क-मूल’ का यह चूर्ण, के साथ सेवन करने पर शरीर में ओज-तेज की पर्याप्त वृद्धि हो गो-दुग्ध जाती है।
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