- हाथ – पैर, छाती, पेट, तलबों में जलन और एसिडिटी होने की मुख्य वजह देह में पित्त की वृद्धि या पित्त का संतुलन है। गर्मी के मौसम में ये समस्या अत्यधिक होने लगती है।
- पैरों में जलन होने का सबसे आम कारण तंत्रिकाओं में होने वाली क्षति को माना जाता है। अक्सर मधुमेह रोग के शिकार लोगों में तंत्रिकाओं की समस्या के कारण पैरों में जलन हो सकती है। इसके अलावा कुछ स्थितियों में विटामिन्स और पोषक तत्वों की कमी के कारण भी पैरों में जलन हो सकती है।
- आपको पैरों में जलन और सेंसेशन लगातार महसूस हो रही है तो फिर सतर्क हो जाने की जरूरत है।थायराइड का भी होता है लक्षण पैरों में जलन रहना।डायबिटीज में बढ़ा हुआ शुगर भी पैरों में झुनझुनाहट पैदा करता है। हाई ब्लड प्रेशर में भी पैरों में जलन महसूस होती है।
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- जलन के दुष्प्रभाव – पित्त की अधिकता से शरीर के कुछ हिस्सों में जलन का अनुभव होता है। स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है। किसी भी काम को ठीक ढंग से या मन से करने की इच्छा नहीं रहती।
जलन बने रहने का कारण या वजह
- पेट की खराबी, अपचन, भोजन समय पर न पचना, यकृत की कमजोरी, पानी कम पीना आदि अनेक कारण देह में दाह यानि जलन पैदा करते हैं।
- आयुर्वेद चिकित्सा सर के अनुसार हाथ, पैरों के तलवों में जलन का मुख्य कारण नर्व डैमेज होता है। इसके अलावा डायबिटीज या जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन भी इसके कारणों की गिनती में शामिल है।
- ज्यादातर वयस्कों में यह दिक्कत देखने को मिलती है. इसके अलावा, पैरों के तलवे (Feet Soles) के अलावा पंजों और पैर के बाकी हिस्से में भी यह जलन या झनझनाटह महसूस हो सकती है।
- (1) जलन दूर करने वाले 4 उपाय सुबह खाली पेट गुलकंद[2] जल या दूध से लेवें। गुलाब, जीरा, सौंफ शरीर की जलन को जड़ से मिटाती है।
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