Month: June 2019

  • उत्तराँचल में केवल कार्तिकेय स्वामी का मन्दिर उत्तरकांड की यात्रा पार्ट -8

    उत्तराँचल में केवल कार्तिकेय स्वामी का मन्दिर उत्तरकांड की यात्रा पार्ट -8

    कार्तिक स्वामी मंदिर मङ्गल दोष निवारण के लिए बहुत ही चमत्कारी है- पार्ट- 8 प्रकृति ओर हिमालय का अद्भुत नजारे को देखने के शौकीन हो, तो एक बार इस पर्वत पर अवश्य जावें। आपकी आत्मा गद-गद हो जाएगी। सम्पूर्ण भूमि के स्वामी, प्रथ्वीपुत्र मङ्गल को ही क्यों स्वामी कहा जाता है, जबकि अन्य देवताओं के साथ स्वामी…

  • उत्तराखंड के रहस्यमयी तीर्थ और उनका महत्व पार्ट-7

    उत्तराखंड के रहस्यमयी तीर्थ और उनका महत्व पार्ट-7

    10 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित महासरताल में है-शेषनाग तीर्थ पार्ट-7 केदारखंड हिमालय ऋषि-महर्षियों, मुनियों की तपस्या स्थली रही है। हमारे भारत के महान महर्षि वैज्ञानिकों ने सन्सार के जन कल्याण के  लिए यहां अनेकों वैज्ञानिक, धर्म-शास्त्रों तथा ज्योतिष ग्रन्थॊ की रचना की है, जॊ कि भारतीय संस्कृति के मूल श्रॊत हैं।  कील, भील,…

  • मसूरी हिल स्टेशन का स्वयम्भू नाग तीर्थ

    मसूरी हिल स्टेशन का स्वयम्भू नाग तीर्थ

    मणिधारी नाग ने शिंवलिंग से लिपटकर अपने प्राण त्यागे थे।  बड़े-बड़े सूरी-सूरमा जाते हैं-मसूरी के इस नाग मन्दिर में- पहाड़ों की रानी मसूरी से 8 किलो मीटर दूरी पर हरे भरे पहाड़ों के बीच में लगभग 900 वर्ष पुराना स्वयम्भू नाग मंदिर है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस जगह एक मणिधारी नाग ने शिंवलिंग से…

  • उत्तरांचल के गुमनाम सिद्ध स्थान। उत्तराखंड तीर्थ यात्रा पार्ट-6

    उत्तरांचल के गुमनाम सिद्ध स्थान। उत्तराखंड तीर्थ यात्रा पार्ट-6

     कालसर्प-पितृदोष दूर करने वाला शर्तिया तीर्थ स्थान, जो पिथौरागढ़ से करीब 90 किलोमीटर दूर है। पिंगल नागदेव मंदिर के बारे में जाने- उत्तरांचल की शिवभूमि में थलकेदार बेरीनाग, डीडीहाट और बागेश्वर जिले के कांडा-कमेड़ीदेवी क्षेत्र में कभी सिद्ध और मणिधारी नागों का आधिपत्य था। इस जगह अभी भी नाग के अवशेष देखने को मिल जाते…

  • उत्तराखं के चमत्कारी गुमनाम तीर्थ पार्ट-5

    उत्तराखं के चमत्कारी गुमनाम तीर्थ पार्ट-5

    उत्तरांचल की देवभूमि में शापित जगह भी हैं, तो वरदान और आर्शीवाद वाले स्थान भी- जिस क्वीरा गाँव के खेत-खलिहानों में कभी धान की फसलें लहलहाया करती थी, वे  अब बंजर भूमि हो चुकी है। उत्तराखंड के भीमताल क्षेत्र में कुछ ऐसे शापित स्थान भी हैं जिसे गोल्जू नाग देव के नाम से प्रसिद्ध ने…

  • उत्तराखंड के चारों धाम का रहस्य पार्ट-4

    उत्तराखंड के चारों धाम का रहस्य पार्ट-4

    मप्र के मालवा से गहरा नाता है- उत्तराखंड का, क्योंकि भगवान शिव के बाद दूसरे घर-जमाई बने थे, मालवा के राजकुमार- ये बात तो जगतविख्यात है कि भगवान शिव का दूसरा विवाह हिमालय की पुत्री माता पार्वती के साथ हुआ था और हिमालय उत्तर की तरफ, उत्तराखंड से सटा हुआ है। दक्षिण भारत के ग्रंथों में…

  • उत्तराखंड में विराजे-,बद्रीनाथ की यात्रा पार्ट-3उत्तराखंड में विराजे-,बद्रीनाथ की यात्रा पार्ट-3

    उत्तराखंड में विराजे-,बद्रीनाथ की यात्रा पार्ट-3उत्तराखंड में विराजे-,बद्रीनाथ की यात्रा पार्ट-3

     पार्ट-1 और पार्ट-2 बद्रीनाथ यात्रा में जो अपने नहीं पढ़ पाया वही कुछ और अधूरी जानकारी प्रस्तुत है। आगे शेष पार्ट-4 में दिया जाएगा। बद्रीनाथ की यात्रा सफल हो, शुभदायक हो, कष्ट-गरीबी मिटे इसके लिए इसका अध्ययन जरूरी है। बिना ज्ञान के अभाव में अक्सर लाभ की जगह हानि होती है। बद्रीविशाल देते हैं सजा…

  • उत्तराखंड-,बद्रीनाथ के सन्त, जिनकी सिद्धियों का कोई अंत नहीं है। पार्ट-1

    उत्तराखंड-,बद्रीनाथ के सन्त, जिनकी सिद्धियों का कोई अंत नहीं है। पार्ट-1

    बद्रीनाथ के और भी सन्तों के बारे में अगले ब्लॉग पार्ट -2 में बताया जाएगा सिद्ध सन्तों का सन्सार है- उत्तराखंड   इकहरा शरीर, जर्जर काया, पास नहीं कोई माया, केवल शिव की छाया केवल ईश्वर ही उन्हें भाया और मुख पर तपस्या का तेज, लंबी जटाएं, भरी दाढ़ी, उनकी जिद्दी शिव भक्ति, उनका हठयोग जुनून…

  • उत्तराखंड के सिद्ध 108 नाग मन्दिर

    उत्तराखंड के सिद्ध 108 नाग मन्दिर

    जानिए उत्तराखण्ड के प्रमुख धाम निम्नलिखित सभी मन्दिरों के बारे में सब कुछ बताया जाएगा। अमृतमपत्रिका पढ़ते रहें www.amrutampatrika.com {{१}} चार छोटे धाम – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रनाथ। {{२}} पंचकुण्ड – तप्तकुण्ड, नारथकुण्ड, सत्यपथकुण्ड, मानुसीकुण्ड, त्रिकोणकुण्ड। {{३}} पंचधारा – प्रहलाद धार, कूर्मुधारा, उर्वशीधारा, वसुधारा, भृगुधारा {{४}} पंचकेदार – केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर नाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वरनाथ। {{५}} पंचबद्री – बद्रीनाथ, आदिबद्री, भविष्यबद्री, वृद्धबद्री, योगध्यानबद्री। बद्रीनाथ धाम के…

  • केदारनाथ के अलावा एक ओर थलकेदार शिंवलिंग है-उत्तराखंड

    केदारनाथ के अलावा एक ओर थलकेदार शिंवलिंग है-उत्तराखंड

    पिथौरागढ़ का थलकेदार स्वयं प्रकट शिंवलिंग, जो ज्योतिष से सम्बंधित है- उत्तराखंड का पिथौरागढ़ प्राचीन तीर्थपीठ है। वहाँ बहुत से अनोखे और अदभुत शिवमंदिर हैं। हम आज आपको एक दुर्लभ शिंवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। शायद अभी तक थलकेदार शिवालय के बारे में कम ही सुना…