आयुर्वेद हमारे महान भारत की”राष्ट्रीय चिकित्सा पध्दति” है।
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अच्छी हेल्थ यानि निरोग रहकर, शरीर को स्वस्थ्य-तन्दरुस्त बनाने के लिए यह आर्टिकल/आलेख अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे सेव/सुरक्षित कर फुर्सत में पढ़ते रहें, तभी यह आलेख पूरी तरह समझ में आएगा, क्योंकि यह ब्लॉग बहुत बड़ा है। इस लेख में बहुत सी बीमारियों एवं इलाज की जानकारी दी जा रही है।
चमत्कारी आयुर्वेद और असरदार जड़ीबूटियों के बारे में जाने -इस आर्टिकल से
प्राकृतिक हर्ब्स स्वास्थ्य वर्द्धक
और पूर्णतः हानिरहित होते हैं और इनमें
बहुत सारी विशेषताएं होती हैं।
इसके “साइड बेनेफिट” यानि अनगिनत लाभ हैं
“साइड इफ़ेक्ट” अर्थात दुष्प्रभाव न के बराबर या बिल्कुल नहीं होते!
क्या होते हैं साइड इफ़ेक्ट?
किसी प्रकार की बीमारी या अन्य विकारों में हम जल्दी ठीक या स्वस्थ्य होने के चक्कर में यानि तुरन्त फायदे के लिए अप्राकृतिक मेडिसिन का उपयोग करते हैं। यह दवाएं हमारे रोगों को जल्दी दूर, तो करती हैं, किन्तु बाद में इसके विषैले दुष्प्रभाव यानि बहुत से “साइड इफेक्ट” उत्पन्न होने लगते हैं, जो
■ अम्लपित्त या एसिडिटी,
■ कब्ज, भूख व खून की कमी,
■ पेट की बीमारियां, उदर विकार,
■ लिवर ( यकृत) में सूजन,
■ किडनी (गुर्दे) में खराबी
■ स्किन डिसीज़ या त्वचा रोग, त्वचा का फटना,
■ घबराहट रहना, बैचेनी होना,
■ आलस्य, सुस्ती, ■ मानसिक अशान्ति,
■ कम्पन्न, ■ वात रोग (अर्थराइटिस),
■ थायराइड (ग्रंथिशोथ), ■ गले व जोड़ों में सूजन, ■ फेफड़ों की कमजोरी या अन्य संक्रमण,
■ अस्थमा, श्वांस, दमा, साँस फूलना
■ अवसाद (डिप्रेशन), माइग्रेन एवं सिररर्द,
■ आंखों की समस्या, चक्कर आना आदि।
■ पुरुषों के रोग – शारिरिक कमजोरी,
पुरुषार्थ हीनता, यौन समस्या, नपुंसकता,
सेक्स व्याधियों से पीड़ित होना आदि।
★ महिलाओं के रोग पीरियड के समय की तकलीफ, सफेद पानी आना (व्हाइट डिस्चार्ज), श्वेत प्रदर, लिकोरिया PCOD या PCOS Syndrome आदि के रूप में सामने आते हैं।
क्या होते हैं साइड बेनिफिट?
आयुर्वेदिक ओषधियों के अनगिनत फायदे:
हर्बल जड़ीबूटियों में सभी तरह के मिनरल्स, खनिज पदार्थ, प्रोटीन, विटामिन्स, प्राकृतिक रूप से समाहित होने की वजह से यह शरीर की कोशकाओं, अवयवों और रक्त नाडियों को क्रियाशील बनाये रखते हैं। शरीर के रग-रग व अंग-अंग में ऊर्जा-उमंग का प्रवाह बनाकर आरोग्यता प्रदान करती हैं। तन और मन को “हर-बल“ देने के कारण ही इन्हें हर्बल कहा गया है।
अमृतम आयुर्वेदिक ओषधियाँ
पाचन तन्त्र (मेटाबॉलिज्म) को मजबूत बनाकर पेट के अंदरूनी रोगों का सफाया कर, उन्हें पुनः पनपते नहीं देतीं। इन्हीं अदभुत विशेषताओं की वजह से आयुर्वेद को अमृत कहा जाता है। हर्बल दवाओं से होने वाले लाभ ::–
-
- [१] त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) नाशक है।
-
- [२] तन-मन को अंदर से ठीक कर, इम्यूनिटी पॉवर और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं।
-
- [३] जीवनीय शक्ति वृद्धिकारक हैं।
- [४] यह रोगों को धीरे-धीरे दूर कर शरीर के समस्त विकारों का नाश करती है।
आयुर्वेद में 200 से अधिक जड़ीबूटियों की यह विशेषता है कि, यह त्रिदोष नाशक होती हैं।
अकेली एक ही ओषधि तथा जड़ी-बूटी कई प्रकार के रोगों को दूर करने में उपयोगी है।
उनमें से कुछ जड़ीबूटियों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
【१】त्रिफला-
आंवला, हरड़ और बहेड़ा तीनो को बराबर मात्रा में लेकर, यदि घर में बनाकर उपयोग किया जाए, तो एक दवा 10 तरह की बीमारी में लाभकारी है, इससे पेट के रोग, कब्ज, बवासीर, लिवर की समस्या, वात रोग (अर्थराइटिस) आंखों की तकलीफ, बालों का झड़ना, टूटना जैसे अनेक ज्ञात-अज्ञात विकार मिट जाते हैं।
【२】हरड़-
शरीर के हर रोग को हरने वाली हर्ब्स है। हरड़ की जानकारी के लिए सर्च करें।
https://www.amrutam.co.in/haradinamrutammalts/
【३】आँवला-
इसे धात्री फल, शिव, श्रीफल और अमृत भी कहते हैं। “त्रिफ़ला” का विशेष घटक है। त्रिफला के नाम से प्रसिद्ध दवा आँवला के योग से बनती है। 5000 साल पुरानी आयुर्वेद का सुप्रसिद्ध ओषधि “अमृतम च्यवनप्राश” का प्रमुख्य घटक आँवला ही है। इसे 50 हर्ब्स से निर्मित किया जाता है।
प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रन्थ भावप्रकाश निघण्टु के अनुसार आँवले के सेवन से शरीर की सभी क्रियाएं सुधरकर अंदरूनी रूप से तन- मन पुष्ट एवं बलवान बनता है।
स्मृति (मेमोरी), मेधा, कांति बढ़ती है।
श्वांस, कांस (खाँसी), क्षय, पाण्डु (खून की कमी), अग्निमांध (भूख न लगना) एवं वीर्य की कमी और नपुंसकता आदि दोष आदि हठी रोग दूर होते हैं।
यह एक एंटीऑक्सीडेंट मेडिसिन है।
आँवला या आँवला मुरब्बा में एंटीओक्सीडेंट वे अणु होते है, जो दूसरे अणुओं के ओक्सीडेशन (ऑक्सिकरण या अपचयन) को रोकते है।
यह कोई एक पदार्थ नहीं होता है, बल्कि अनेक पदार्थ एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते है।
ये विटामिन, मिनरल्स और दूसरे कई
पोषक तत्व होते है।
बीटा कैरोटिन ( β-कैरोटीन एक कार्बनिक यौगिक है) , ल्यूटिन लाइकोपिन, जो टमाटर एवं अन्य लाल फलों में मिलता है। फ्लैवोनाइड, लीगनान जैसे एंटीओक्सीडेंट हमारे लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है। इसके अलावा *मिनरल सेलेनियम*
भी एक एंटीओक्सीडेंट कि तरह कार्य करता है।
विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन इ भी एंटीओक्सीडेंट के रूप में शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
(धमनी की दीवारों के ऊपर और अंदर वसा, कोलेस्टरॉल और अन्य पदार्थों का जमाव),
*मिनरल सेलेनियम* (mineral Selenium) रक्त वाहिका, हृदय की बीमारियों, एथेरोस्क्लेरोसिस
*ऑस्टियोआर्थराइटिस* (एक तरह का गठिया रोग, जिसमें हड्डियों के सिरों पर लचीले ऊतक नष्ट होने लगते हैं), रूमेटोइड गठिया , बांझपन , हेफिवर, पुरानी थकान, सिंड्रोम और आर्सेनिक विषाक्तता के रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाने वाला प्रकृति प्रदत्त खनिज है। सेलेनियम (Selenium) अक्सर पेट, प्रोस्टेट, फेफड़ों और त्वचा के कैंसर को रोकने के
लिए भी प्रयोग किया जाता है। सेलेनियम (Selenium) एंटीऑक्सीडेंट की क्रिया को बढ़ाकर काम करता है।
एंटीओक्सीडेंट का शरीर में क्या उपयोग है?
हमारे शरीर में बहुत सारी क्रियाएँ होती रहती है। खाना ग्रहण करने के बाद उसका पाचन और अवशेषन होता है। चयापचय (मेटाबोलिज़्म) में यह तय होता है कि इन पदार्थो में से कितना इस्तेमाल होगा और कितना संग्रह किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में कुछ व्यर्थ पदार्थ भी बनता है, जिन्हें शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। एंटीओक्सीडेंट उनके साथ क्रिया करके शरीर को उनसे होने वाले नकारात्मक प्रभाव (साइड इफ़ेक्ट) से शरीर की रक्षाकरते हैं। एंडीओक्सीडेंट कई पदार्थों में पायी जाती है, लेकिन आँवले के ताजे फल, आंवला मुरब्बा और हरी सब्जियों में ये प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। ये फ्री रेडिकल्स को हटा कर शरीर कि सफाई भी करती है।
फ्री रेडिकल्स क्या होते हैं?
हमारे शरीर में खरबों कोशिकाएं होती हैं। इन कोशिकाओं को पोषण की कमी और संक्रमण का ही खतरा नहीं होता, बल्कि फ्री रेडिकल्स भी कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ये रेडिकल्स दूसरे अणुओं से इलेक्ट्रॉन चुराने की कोशिश करते हैं, जिससे डीएनए और दूसरे अणुओं को नुकसान होता है और फलस्वरूप खतरनाक बीमारियां जन्म लेती हैं।
फ्री रेडिकल्स कर्कट रोग/केन्सर एवं हृदय विकार, हृदयाघात/हार्टअटैक से बचाते हैं।
【४】घृतकुमारी
(एलोवेरा) — पेट की पाचनप्रणाली एवं पुराने यकृत रोग को ठीक कर त्वचा निखारने में भी सहायक है।
【५】मधुयष्टि–
सर्दी-खाँसी, निमोनिया को ठीक कर वीर्य को गाढ़ा करती है।
【६】अश्वगंधा–
शक्तिदाता और रक्तसंचार को सुचारू करने में सहायक होती हैं।
【७】शतावर-
स्त्री-पुरुष दोनों के रोगों नाशक है। आयुर्वेदिक की प्रत्येक जड़ीबूटियों में अनेक गुण होते हैं। अकेली एकल ओषधि के सेवन से उदर रोग,आंतों की बीमारियां, गुदा, गुर्दा व यकृत रोग कभी होते ही नहीं हैं।
【८】केशर–
फेफड़ो की कमजोरी, संक्रमण में बेहद लाभकारी है। स्किन का रंग साफकर,चेहरे के दाग-धब्बे भी मिटाती है।केशर आयुर्वेद की कई विभिन्न औषधियों और चिकित्सकीय प्रयोग में सदियों पूर्व से उपयोग की जा रही है
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【९】हल्दी–
इसे दुनियाभर में मसाले और ओषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी शरीर का ऐसा कोई रोग नहीं, जो इससे नष्ट न होता हो।
【१०】दालचीनी–
मोटापा कम करने के साथ-साथ
सेक्स पावर बढ़ानी हो या
सर्दी-जुकाम से निजात पाना हो,
दिल की बीमारियों, कोलेस्ट्रॉल, त्वचा रोग,
सर्दी जुकाम, पेट की बीमारियों के लिए
फायदेमंद है। यह रक्तशोधक भी है।
【११】 गिलोय –
अमृतम ओषधि गिलोय यानि अमृता जो 200 से अधिक रोगों को जड़ मूल से मिटाती है। सर्दी-खाँसी, जुकाम, ज्वर, मलेरिया दूर कर प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती है।
गिलोई के बारे सम्पूर्ण जानकारी के लिए पेज देखें
https://www.amrutam.co.in/giloyamrutamherb/
【१२】 पीपल –
के गुणों का वर्णन हिन्दू धर्म-ग्रन्थों, आयुर्वेद ग्रन्थों और वनस्पति विज्ञान ग्रन्थों में स्पष्ट लिखा है। वनस्पतियों में एक पीपल का वृक्ष ही ऐसा वृक्ष है जो दिन और रात दोनों समय अर्थात् 24 घण्टे प्राण-वायु (आॅक्सीजन) प्रदान करता है जबकि अन्य सभी पेड़-पौधे दिन में आॅक्सीजन तथा रात्रि में कार्बन डाई आॅक्साइड छोड़ते हैं।
“सर्व रक्षतिति पिपरा:” पग-,पग पाया जाने वाला, पल-पल जीवन देने के कारण पीपल गुणों का भंडार है! पिप्पली के बारे में जाने –
https://www.amrutam.co.in/amrutamgoldmalt-peepal/
【१३】 गुग्गल-
एक अद्भुत प्राकृतिक हर्ब
गुग्गल को पेड़ों का पसीना भी कहते हैं ।
यह पुराने वृक्ष के ताने से गाड़ा रस तरल पदार्थ
के रूप में बहता रहता है । इसी चिपचिपे पानी को इकट्ठा कर सुखा लेते हैं । ओर जानिए …..
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【14】कढ़ी पत्ता-
इसे मीठा नीम भी कहा जाता है ।यह एक प्राकृतिक ओषधि व मसाला है –https://www.amrutam.co.in/amrutamaudhadhikadhipatta/
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[A] आधि क्या है – जानिए
बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि “आधि” और “व्याधि” दोनों अलग-अलग तकलीफें है।
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[B] अब जानिए “व्याधि” क्या है?
व्याधि का अर्थ है शारीरिक कष्ट
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【】जानिए कैसे-हम खुद ही
रोग-विकार,बीमारियों के लिए जिम्मेदार है–
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[C] स्वस्थ्य,निरोगी,आरोग्यता दायक सूत्र-
हम कैसे स्वस्थ्य रहें-
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- अमृतम आयुर्वेद के लगभग 100 से अधिक ग्रंथों में तंदरुस्त,स्वस्थ्य-सुखी, प्रसन्नता पूर्वक जीने के अनेकों रहस्य बताये गये हैं।
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- अमृतम आयुर्वेद के लगभग 100 से अधिक ग्रंथों में तंदरुस्त,स्वस्थ्य-सुखी, प्रसन्नता पूर्वक जीने के अनेकों रहस्य बताये गये हैं।
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- पहला सुख-निरोगी काया” स्वस्थ,दीर्घायु और समृद्ध जीवन के लिए मानसिक (बौद्धिक) विकास से ज्यादा पूर्ण शारीरिक विकास पहली प्राथमिकता है और यह आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन करने से तथा प्राकृतिक वातावरण के साथ रहकर ही सम्भव है।
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- पहला सुख-निरोगी काया” स्वस्थ,दीर्घायु और समृद्ध जीवन के लिए मानसिक (बौद्धिक) विकास से ज्यादा पूर्ण शारीरिक विकास पहली प्राथमिकता है और यह आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन करने से तथा प्राकृतिक वातावरण के साथ रहकर ही सम्भव है।
- स्वास्थ्य के लिए संगीत:
कई शोधों में यह साबित भी हो चुका है, कि संगीत तनाव और अवसाद कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संगीत सुनने से कई बीमारियां भी दूर होती हैं, यह अनिद्रा के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।
!!अमृतम!! के इस लेख/ब्लॉग में रोगों के उपचार के लिए संगीत/म्यूजिक विषय को आधार बनाकर ऐसे बहुत से रोगों पर उपचार करने वाले रागों के विषय मे जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
जिसे पढ़कर आप आनंदित हो जाएंगे।
https://www.amrutam.co.in/musicforhealth/
[D] विष क्या है और जहर के प्रकार
(toxicology) जहर की चिकित्सा के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है जिसमें विभिन्न प्रकार के विषों तथा उनके प्रतिकारकों (चिकित्सा उपाय) का वर्णन है।
https://www.amrutam.co.in/ayurvedatoxicology/
[E] रात्रि में दही खाना बहुत हानिकारक है क्यों?
यह 91 प्रकार के रोग उत्पन्न करता है
जानिए अमृतम के इस लेख में
https://www.amrutam.co.in/why-you-should-not-be-eating-curd-in-the-night/
[F] बरसात के बाद की करामात
https://www.amrutam.co.in/changing-seasons-health/
[G] ज्वर जीवन की जर्जर कर देता है
https://www.amrutam.co.in/dailyayurvedichealthtips/
[H] बवासीर” — खराब करे तकदीर
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- https://www.amrutam.co.in/bavasirkibimarikaayurvedicilaj-ayurvedicmedicineforbavasir/
बवासीर/पाइल्स आठ प्रकार का होता है
- https://www.amrutam.co.in/bavasirkibimarikaayurvedicilaj-ayurvedicmedicineforbavasir/
[ I ] मस्तिष्क की बनावट
- ब्रेन वैज्ञानिकों ने एक नवीन खोजों में पाया कि जिन लोगों की याददास्त तेज होती है या जो बच्चे, बचपन से ही याद रखने के मामले में विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं, उनके मस्तिष्क की बनावट दूसरे लोगों के दिमाग की बनावट की तुलना में कोई विशेष अलग नहीं होती।
https://www.amrutam.co.in/improvememorywithayurvedainhindi/ - अमृतम उपाय-रोग मिटाये
शरीर को स्वस्थ्य,तंदरुस्त, शक्ति-सम्पन्न एवं
सुन्दर बनाने वाला 200 वर्ष पुराना एक हर्बल
“अमृतम फार्मूला”
https://www.amrutam.co.in/ayurvedictipsforyourhealth/
[J] वैज्ञानिक शोध और खोजें — सेक्स के बारे में
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- जर्मन, यूनिवर्सिटी ऑफ बेम्बर्गन के सेक्स वैज्ञानिकों ने अनेक स्त्रियों पर किए गए एक शोध में पाया कि महिलाओं के साथ किस समय सेक्स करनेमें ज्यादा आनंद या सुकून की अनुभूति होती है https://www.amrutam.co.in/learnaboutsex/
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- काम (सेक्स) के बारे में काम की बातें :- –
काम (सेक्स) के बारे में एक ऐसी साहित्यिक और वैज्ञानिक जानकारी जो आज तक किसी ने पढ़ी नहीं होगी।
https://www.amrutam.co.in/sexandmythology/
- काम (सेक्स) के बारे में काम की बातें :- –
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- गर्वीली रमणियों (सेक्स की अधिक इच्छा रखने वाली स्त्रियों) को मदहोश एवं मान-मर्दन के लिए यह एक सक्षम हथियार है।
https://www.amrutam.co.in/ayurvedicmedicineformenssexualhealth/
- गर्वीली रमणियों (सेक्स की अधिक इच्छा रखने वाली स्त्रियों) को मदहोश एवं मान-मर्दन के लिए यह एक सक्षम हथियार है।
- सर्दी में पाएं भरपूर जोश और जवानी
सभी 8 प्रकार के गुप्त रोगों को मिटाने वाली
100% आयुर्वेदिक ओषधि
How To Increase Sex Power
https://www.amrutam.co.in/howtoincreasesexpower/
[K] लिवर की समस्या और समाधान
यकृत (लिवर) शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। लिवर शरीर का सबसे बड़ा भाग अर्थात अंग होता है। यदि यकृत में किसी भी तरह का संक्रमण (इंफेक्शन) या लिवर में खराबी आ जाती है तो, शरीर में कई प्रकार के ज्ञात-अज्ञात विकार के उत्पन्न हो जाते हैं। अनेक दुष्प्रभाव दिखने लगते हैं।
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[L] थायराइड क्या होता है
थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है क्योंकि इससे ऊर्जा देने वाले हार्मोन थायराक्सिन का निर्माण होता है।..
https://www.amrutam.co.in/thyroidkyahotahai/
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- आयुर्वेदिक दवाईयों से होते हैं “9” फायदे और जानिए ……..
अर्थराइटिस/वातरोगों की वजह से उत्पन्न 9 प्रकार की व्याधियों के बारे में :
https://www.amrutam.co.in/arthritisandthyroid-ayurvedicmedicinewith100results/
- आयुर्वेदिक दवाईयों से होते हैं “9” फायदे और जानिए ……..
-
- शरीर में बार-बार होने वाले सुन्नपन,
झुनझुनाहट से हो सकता है भारी नुकसान
और वातरोग/अर्थराइटिस
https://www.amrutam.co.in/arthritisvatadosha/
- शरीर में बार-बार होने वाले सुन्नपन,
-
- जोड़ों का दर्द (जॉइंट पैन)
एक विकराल समस्या घुटनो में दर्द , जोड़ों में दर्द (जॉइंट पैन) को आयुर्वेद ग्रंथो में इसे सन्धिवात औऱ संधिशोथ कहा गया है।
https://www.amrutam.co.in/thyroidarthritisgoutjointpaincervical/
- जोड़ों का दर्द (जॉइंट पैन)
- थॉयराइड (ग्रंथिशोथ) से होने वाले 88 प्रकार के “वातरोगों” से सावधान रहें,
https://www.amrutam.co.in/thyroidvatta/
[M] क्या आप जानते हैं कि मानव माइंड इतना शार्प क्यों है।
दिमाग़ की परत दर परत खोलने वाला यह लेख जरूर पढ़ें–
https://www.amrutam.co.in/learn-about-the-anatomy-of-the-brain/
[N] हम खुद ही रोग-विकार,बीमारियों के लिए जिम्मेदार है-जानिए कैसे :-
https://www.amrutam.co.in/positivity-ayurveda/
[O] महिलाओं की सुन्दरता कम करने वाले 10 रोग
https://www.amrutam.co.in/benefitsofnarisondaryamalt/
[P] बच्चों के लिए 27 ओषधियों से निर्मित
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- बच्चों के 14 रोगों में उपयोगी पौष्टिकता से भरपूर रोग प्रतिरोधक स्वादिष्ट हर्बल अवलेह (माल्ट) बढ़ते बच्चों के लिए यह आयुर्वेद में पहली तरह की हर्बल ओषधि है।
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- बच्चों के 14 रोगों में उपयोगी पौष्टिकता से भरपूर रोग प्रतिरोधक स्वादिष्ट हर्बल अवलेह (माल्ट) बढ़ते बच्चों के लिए यह आयुर्वेद में पहली तरह की हर्बल ओषधि है।
- बच्चों को बार-बार होने वाले कफ दोष/रोग सर्दी-खाँसी,जुकाम कफ दोष या रोग और निमोनिया, श्वांस नली की सूजन व इंफेक्शन का कारण फेफडों का संक्रमण हो सकता है।
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[Q] मौसम की मार
बरसात में बदलते मौसम के साथ
सर्दी-खाँसी,जुकाम होना स्वाभाविक है।इससे छुटकारा पाने के लिए
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[R] आयुर्वेद का अविष्कार–
अमृतम ने आयुर्वेद के 55 से अधिक ग्रंथो से
खोज निकाला एक प्राकृतिक उपाय हर
महीने करीब 2 किलो वजन बैलेंस करने
का आसान तरीका बिना किसी कसरत,
मेहनत, परेशानी या नुकसान के।
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[S] यकृत रोगों की खास दवा)
Specific for liver troubles
कीलिव माल्ट के 17 फायदे
[T] तन-मन को प्रसन्न रखे-मालिश
शरीर को स्वस्थ्य बनाने हेतु मालिश
क्यों आवश्यक है,
जाने “5 आयुर्वेद” की प्राचीन पुस्तकों से
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[U] कैसे रह इन स्वस्थ्य —
“ज्यों की त्यों धर दीन्ही चदरिया“
“आचार्य महाप्रज्ञ” ने खोजा कि हम संसार में
विकार रहित आते हैं और विकार से भरकर अपना विनाश कर लेते हैं।
https://www.amrutam.co.in/learnaboutayurvedicdoshas/
[V] “पित्त प्रकोप के दुष्प्रभाव“
वंगसेन सहिंता में कहा है::–
पित्त शरीर में पिता की तरह रक्षा करता है
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[W] “फेसक्लीनअप“(उबटन)
- केशर, चिरौंजी, खस-खस, बादाम,
जैतून, एलोवेरा हल्दी, और शहद आदि
20 से ज्यादा ओषधियों एवं प्राकृतिक सौन्दर्य प्रसाधनों को एक निश्चित मात्रा में मिला कर
जो लेप तैयार होता है, वही - “फेसक्लीनअप“(उबटन) कहलाता है।इसका चलन बहुत पुराना है। 16 श्रृंगार में
इसकी गणना है।
https://www.amrutam.co.in/ayurvediclepforskincare/ - जीवन का आधार Health is Beauty
अर्थात स्वास्थ्य ही सुन्दरता है।
सुन्दरता के लिए आदिकाल से अनेकों प्रकार के सौन्दर्य प्रसाधन के प्रयोग किये जा रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते है?
https://www.amrutam.co.in/naturalfacecleanup-ayurvedicskintreatment/
[X] भोजन पचाने में मददगार मेडिसिन
पेट की तकलीफों का
100% आयुर्वेदिक इलाज
https://www.amrutam.co.in/naturalayurvedictreatmentforstomachissues/
[Y] महिलाओं के बहुत बड़े बाल अच्छे स्वास्थ्य
- एवं सुन्दरता का प्रतीक हैं। कुछ महिलाओं में जो बला का आकर्षण होता है, उसका मुख्य कारण बालों का बल है।
अपने बालों को बलशाली बनाने के लिए –
https://www.amrutam.co.in/haircareforwomen/ - बालों का झड़ना कैसे रोकें ?
जो महिलाएं बालों के झड़ने, टूटने, पतले होने, रूसी से परेशान हैं, तो बालों की इस विकराल व्याधि से बचने के लिये नीचे लिखे उपायों पर नज़र डालें —
https://www.amrutam.co.in/category/hair-care/ - बालों के लिए वरदान सभी के लिए एक-
एक में सब www.amrutam.co.in - सबके बालों को मजबूत और समृद्ध बनाने की तैयारी हजारों-लाखों वर्ष पुराने”आयुर्वेदिक ग्रन्थ”
https://www.amrutam.co.in/category/hair-care/ - देशी दवाओं के उपयोग से
बला की खूबसूरती बढ़ाते हैं बाल-
https://www.amrutam.co.in/traditional-medicine-for-natural-hair-care/
[Z] महिलाओं के लिए एक 100% हर्बल सप्लीमेंट
खूबसूरती व आकर्षण वृद्धिकारक ओषधि प्राचीन ग्रन्थ ‘भैषज्यरत्नावली’, ‘भावप्रकाश’, ‘आयुर्वेदिक निघण्टु’ के अनुसार ”
https://www.amrutam.co.in/herbalmaltforwomen-narisondaryamalt/
खून बढ़ाने/एनिमिया की हर्बल दवा
हमारे शरीर में लाल और श्वेत दो रक्त कोशिकाएं होती हैं, लाल रक्त कोशिकाएँ कम होने से शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहते हैं।
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