नाना-नानी की जुबानी
पानी की कहानी अति प्राचीन है..
¶ पानी पीने के फायदे,
¶ पानी से जल चिकित्सा,
¶ पानी के चमत्कारी लाभ
जाने इस ब्लॉग में….
पानी को पीना कभी न भूले-
याद रखने के लिए करें ये 14 उपाय….
【१】पानी की एक बोतल सदैव साथ रखें
【२】सुबह उठते ही दिन का प्रारम्भ पानी पीने से करें।
【3】एक से 3 गिलास पानी सुबह
खाली पेट अवश्य पियें।
【4】जहाँ भी जाएं, पानी साथ ले जाएं।
【5】अपने ऑफिस में पानी भरकर रखें।
【6】पानी वाले फल-सब्जी,
ओषधि का काअधिक उपयोग करें-
जैसे खरबूज, तरबूज, लौकी, तुरई,
खीरा, ककड़ी, संतरा, एलोवेरा,
आंवला, गुलकन्द आदि अपने
भोजन आहार में जोड़े।
【7】फलों का जूस, मैंगो, बनाना,
एप्पल शेक, नींबू शिकंजी, लस्सी,
छाछ भी लेना स्वास्थ्य की दृष्टि से
अत्यन्त लाभदायक होते हैं
【8】अपने अलार्म में जोड़े पानी…
आवश्यक कार्यों की सूची में जल
का भी भराव करें। मोबाइल में याद
दिलाने हेतु रिमाइंडर में डाले,जो हर
एक या 2 घण्टे में पानी पीने का स्मरण कराता रहे।
【9】हर बार जल ग्रहण के बाद
इसमें सही का टिक भी लगा सकते
हैं। ऐसे याद भी रहेगा कि पूरे दिन
में पानी कितना पी लिया।
【10】24 घण्टे में 6 से 8 लीटर
पानी पीना सेहत के लिए लाभप्रद
रहता है। इससे कम पानी पीना
बीमारियों को बुलावा देता है।
【11】पानी को बनाएं स्वाददार….
पानी की एक बोतल में नींबू का रस, सेंधानमक, अदरक के टुकड़े, मुनक्के, अमृतम त्रिकटु चूर्ण, तुलसी के पत्ते,
पुदीना के पत्ते थोड़ा सा अमृतम
गुलकन्द या ग्लूकोज मिलाकर
अथवा अपने स्वाद के मुताबिक
5 या 8 घण्टे फ्रिज में रखकर
छोड़ने से यह जल स्वादिष्ट और
औषधियुक्त हो जाएगा, जो इम्युनिटी
बढ़ाने में सहायक होगा।
दिनभर में एक-दो घूंट करके पियें।
【12】जल के इस प्रयोग से कब्ज,
अम्ल पित्त, कफदोष दूर होगा।
【13】नेट अथवा गेट की परीक्षा हो,
पानी साथ लेकर जाएं।
【14】शरीर, स्वास्थ्य, सेहत, तंदरुस्ती
आदि ये सब पानी की दम पर टिके हैं।
प्राणदायक पानी की जरूरत..
■ पानी पीने की अच्छी आदतों से
आदमी का जीना आसान हो जाता है
■ यह तो सबको मालूम होगा ही।
खानदान कैसा भी हो लेकिन सेहत
की तंदरुस्ती के लिए सात्विक
खानपान के साथ-साथ
पानी पीने का भी प्रयास जरूरी है।
■ नर-नारी की प्रातः जागने से
लेकर, सोने तक हमारी सारी
तैयारी पानी पर टिकी हैं हमें पानी
का आभारी होना चाहिए।
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा….
पानी से पर्याप्त फायदे होते हैं-
■ पानी पेट को कूल-कूल रखता है।
■ शरीर को सेट रखने के लिए
पानी बहुत जरूरी है, चाहें रेट कितना
महंगा हो जाए। घर की सफाई या
गेट धोने के लिए पानी जरूरी है।
■ पानी की कम मात्रा सेहत को
हानि पहुंचा सकती है।
■ पानी न पीने की आदत से
प्यास का एहसास कम हो जाता है।
■ पानी कम पीने का दुष्प्रभाव
यह होता है कि प्यास लगना ही बन्द
हो जाती है।
■ पुरानी सदी में दादी-नानी,
पानी ज्यादा पिलाने पर जोर देती थी।
■ आयुर्वेद में पानी को उम्र रोधी
चिकित्सा बताया है।
■ पानी शरीर के सभी जानी दुश्मन
अर्थात अनेक प्रकार की बीमारी
खत्म कर देता है।
■ वेद और आयुर्वेद में जल
चिकित्सा का काफी उल्लेख है।
■ पानी पीने से तन में उमंग
बनी रहती है।
■ पानी की पूर्ण मात्रा पीने और
निकालने से हवा भी मस्तानी
और पत्नी दिलवर जानी लगती है।
■ स्वस्थ्य रहने के लिए पानी पीना
प्रथम प्रयास होना चाहिए।
■ पानी से जवानी मेंटेन रहती है।
■ पानी पीने से चेहरे पर कभी
झुर्रियां नहीं पड़ती।
■ त्वचा मुलायम, चमकदार बनती है।
■ पानी से पेट में कब्ज का कब्जा
नहीं होता। पेट साफ रहता है।
पानी से करें चिकित्सा…
@ कभी एसिडिटी हो, तो हर एक
मिनिट में एक घूंट पानी 50 बार पियें।
@ हमारे शरीर में 70 से 80 फीसदी
पानी होता है।
@ जब ज्यादा तनाव हो तो–
पवित्र पानी सिर भारी होने पर
तुरन्त राहत देता है।
@ जिन गर्भवती महिलाओं के पैर
भारी हों, वे पानी पीने में कतई न पिछड़े।
@ पानी से शरीर का तापमान
सन्तुलित बना रहता है।
@ पानी से ही अन्न-भोजन पचता है।
@ पानी का सही उपयोग से उदर
रोग, पित्तदोष से मुक्त रहता है।
@ पानी पीने से कभी गुर्दा किडनी
के विकार उत्पन्न नहीं होते।
@ जोड़ो में चिकनाई या लुब्रिकेशन
पानी बनाये रखता है।
@ रीढ़ की हड्डी, ऊतक, अवयव
की रक्षा पानी से ही होती है।
@ जल स्नान से मस्तिष्क शांत
रहता है। जब कभी भी मन खराब हो,
तनाव हो या मानसिक अशांति हो,
तो तुरन्त नहाने की आदत बनाये।
यह आनंदित करने का बेहतरीन
प्रयोग है।
@ पानी ही शरीर में पसीना
बनाकर देह की अंदरूनी गन्दगी
को बाहर निकालता है।
@ स्फूर्ति, ऊर्जा-शक्ति वापस
पाने के लिए पानी को पर्याप्त मात्रा
में पीना हितकारी होता है।
प्रथ्वी में 70 से 80 फीसदी पानी
है ओर देह में भी। दोनों में जल की
की मात्रा एक सी होती है।
पानी युक्त ओषधियाँ...
घृतकुमारी (एलोवेरा) —
कच्चा आवलां में
पानी की मात्रा सर्वाधिक होने
से यह 180 प्रकार के रोगों को
दूर करता है।
यह दोनों पेट की पाचनप्रणाली
एवं पुराने यकृत रोग को ठीक
कर त्वचा निखारने में भी सहायक है।
नदी और नारी को नमन करें...
क्योंकि पानी देने व लेने में इनका
बहुत त्याग है।
इसलिए दोनों पूज्यनीय हैं।
€~ राजा भागीरथ के अथक प्रयास
के चलते मां गंगा भी उनकी दीवानी
होकर प्रथ्वी आई।
€~ नदियों में रूहानी ताकतों सहित
पितरों, पितृगणों तथा देवताओं का
वास होता है।
€~ नदी कभी बहुत गहरी और
साफ-सुथरी, स्वच्छ हुआ करती थी।
आज भी नदी के पुराने किनारे
पानी की निशानी देखने
को मिल जाती है।
नदी और स्त्री में बहुत समानता है…
कहीं जन्मी, कहीं पली, कहीं बसी
और कहीं समाहित हो जाती है।
नारी की सुंदरता और खूबसूरती
उसकी अमूल्य धरोहर है।
त्वचा को चमकदार बनाने के लिए
एक छोटा सा उपाय पर्याप्त है।
इलाज जानने के लिए नीचे लिंक
क्लिक कर समझें!
यह आयुर्वेद की बहुत ही
बहुमूल्य चिकित्सा है-
नदी और नारी के स्वभाव में समानता….
नदी-नारी जब किनारा छोड़ देती हैं;
राह की चट्टान तक तोड़ देती हैं।
बात छोटी यदि चुभ जाए दिल में;
ज़िंदगी के रास्तों को मोड़ देती हैं!!
अतः समुंदर बनने के लिए नदी
और नारी दोनों को बंधन तोड़ने होंगे।
नदी और नारी का करो सम्मान…
ना अधिकार की बात करो
ना कंधे पर मेरे हाथ धरो
ना कभी मेरे संग घात करो
ना दीवार की बात करो
दूर रहो सदैव मुझ से
पर प्यार की बात करो।
पानी गए न उबरे मोती मानस चून
■ जल है तो कल है.…
■ जल से ही अक्ल है
■ जल से ही जीव-जगत में बल है।
■ इस थल पर जल का ही सम्बल है।
■ अधिक जल वर्षा से शरीर को ठंड
लगती है, तब कम्बल बड़ा सहारा है।
■ जल पीने में खलल अनुचित है।
महादेव की पसंद पानी....
शिंवलिंग पर जल अर्पित करने से
पितरों की कृपा बनी रहती है।
कभी धन की कमी नहीं आती।
तंदरुस्ती बनी रहती है।
पानी वाला शिंवलिंग…
पूरी दुनिया में जलेश्वर,
पातालेश्वर के नाम से जल तत्व
शिंवलिंग हैं। जिनकी संख्यां
हजारों में है-
दक्षिण भारत में जम्बुकेश्वर-
जलतत्व स्वयम्भू एक शिंवलिंग….
जंबुकेश्वर मंदिर तमिलनाडु के
ये पांच मंदिर पंच महा तत्वों का
प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें ब्रह्माण्ड
के प्राचीन पांच सबसे प्रमुख शिव
मंदिरों में गिना जाता है।
जंबुकेश्वर शिंवलिंग में भूमिगत
जल धारा है, जिससे यहां पानी की
कोई कमी नहीं पड़ती।
स्कन्ध पुराण के चौथे खण्ड के
अनुसार सन्सार का सबसे घना
जामुन जंगल होने के कारण
इसे जम्बूवन कहा गया है।
यहां कभी लाखों जामुन के वृक्ष थे,
इन्हीं जामुन के पेड़ों में यह जलतत्व
स्वयम्भू शिवालय छुपा हुआ गुमनाम था।
तिरुचिरापल्ली जिले के तिरुवनैकवल
स्थित जम्बूकेश्वर अखिलंदेश्वरी
मंदिर भी है।
जम्बुकेश्वर पंचतत्व मंदिरों से एक है-
वेद वाक्य है-
इशानां सर्वविद्या नाम
ईश्वरा सर्वभुतानाम।
अर्थात-ब्रह्माण्ड के ईशान को में
सृष्टि की सभी लुप्त-अलुप्त एवं
ज्ञात-अज्ञात विद्याओं
का निवास या स्थान है और
ईश्वर यानी भगवान शिव ही
पंचमहाभूतों के मालिक हैं।
दक्षिण भारत में शिवजी को
ईश्वर नाम से सम्बोधित किया जाता है।
करीब सौ एकड़ क्षेत्र में फैले इस
मंदिर के तीन आंगन हैं। मंदिर प्रवेश
करते ही जो आंगन है,वहां लगभग
400 स्तम्भ बने हैं।
आंगन में दाहिनी ओर एक रहस्य
मयी सरोवर है।
पोहरी जिला शिवपुरी में जलेश्वर
मंदिर भी बहुत पुराना है।
केवल पूरुषों के लिए महत्वपूर्ण बात–
पानी पीने के साथ-साथ, समय-समय
पर पानी निकालने भी जरूरी है।
इससे स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
पानी यानि वीर्य कम निकलता हो,
शीघ्रपतन की शिकायत हो,
लिंग/शिश्न में ढ़ीलापन हो,
जल्दी डिस्चार्ज हो जाता हो, तो
अमृतम द्वरा निर्मित
बी फेराल गोल्ड माल्ट
बी फेराल गोल्ड केप्सूल
दोनो का कॉम्बो पैक आर्डर करें।
यह आयुर्वेदिक औषधि सभी
सेक्स समस्याओं का सम्पूर्ण
समाधान है।
3 से 6 महीने तक नियमित सेवन करें।
@ सेक्स क्या है?
@ सेक्स की समस्या से छुटकारा कैसे मिले,
@ पुरुषार्थ वृद्धि के लिए नीचे लिंक
क्लिक कर सभी आशंकाओं को
दूर करें….
सेक्स सन्सार का सर्वाधिक आकर्षण
क्यों है क्लिक कर जाने
नपुंसकता, सेक्स की कमजोरी
से मुक्ति पाने के लिए पढ़े…
मानसिक शांति पाने और तनाव
मिटाने के लिए अपने मस्तिष्क
पर अमृतम चन्दन की टीका, तिलक
या त्रिपुण्ड लगाएं।
बार-बार असफलता से परेशान
लोगों के लिए चन्दन 108 प्रकार
से लाभदायक है-
पानी की शायरी…
पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त,
आँखों में डूबने वालों का अंजाम
बुरा होता है !
हजारों साल बीते, पर
इसका खारापन नहीं जाता,
न जाने किसके आंसू हैं,
समंदर तेरे पानी में..!
ये पानी ख़ामुशी से बह रहा है
इसे देखें कि इस में डूब जाएँ
“अहमद मुश्ताक़”
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