एक असरदार आयुर्वेदिक औषधि, जो वर्क फ्राम होम तथा कोरोना के कारण उत्पन.. आंखो की अनेक बीमारियां दूर करेगी..

आंखों के लिए उपयोगी 55 आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों और औषधियों के बारे में जानकर..

17 नेत्ररोगों का इलाज एक ही दवा से करें…

आजकल वर्क फ्रॉम होम का चलन है।

इससे आंखों अनेक तरह के रोग पनपने लगे हैं।

आंखों में खराबी के कारण जाने

भाग्य जगाने के लिए रोज की भागमभाग से आंखों में गन्दगी, कचरा एना स्वाभाविक है।

कम्प्यूटर, मोबाइल, टीवी की स्किन लगातार देखते रहने से नेत्रों में लचिलापन एवं नमी कम होती जाती है।

दूषित वातावरण तथा प्रदूषण के कारण भी आंखों में जलन, खुजली, थकान आदि से आंखों की पुतलियों पर जोर पड़ता है।

आंखों में रूखापन या ड्राइनेस, खुजली, अंधकार की समस्या हो, तो कुछ घरेलू उपचार, खानपान में सुधार, प्राचीन जीवनशैली,

पर्याप्त पानी, अच्छी गहरी नींद और आयुर्वेदिक दवाओं से हो सकता है फायदा।

जाने -आंखों को सुरक्षित रखने के उपचार

प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता मतलब (Sensitivity to light) आदि समस्याओं का अन्त,

अब 100 प्रतिशत आयुर्वेदिक अवलेह अमृतम आईकी माल्ट/Eyekey Malt से करें।

!- आयुर्वेदिक ग्रन्थ रस-तन्त्र सार,

!!- आयुर्वेद सार संग्रह

!!!- भावप्रकाश निघण्टु

!v- चरक सहिंता

V- द्र्वगुण विज्ञान

आदि ५००० वर्ष पुरानी पुस्तकों में वर्णित ओषधियों के अनुसार आईकी माल्ट निर्मित किया है।

इसके उपयोग से घर बैठे ही अपनी आंखों की इलाज कर सकते हैं।

ये आंखों की सोलह बीमारियों को जड़ से मिटाकर नेत्रज्योति बढ़ाता है।

वर्क फ्रॉम होम और कोरोना के दुष्परिणाम….

विगत कुछ समय से कम्प्यूटर के समक्ष स्क्रीन टाइम में वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर नेत्रों पर पड़ रहा है।

आंखों किरकिरापन, खुजली, सूखापन, नयनों या पलकों में सूजन, आंख के नीचे काले निशान आदि तकलीफों से बहुत लोग जूझ रहे हैं।

इसमें युवा पीढ़ी ज्यादा परेशान है।

  1. आंखों में खुजली, सूजन या लाल होने पर न करें नजरअंदाज! कोविड19 के लक्षणों में शामिल है….

कोरोना वायरस (Covid 19) शरीर के दूसरे अंगों के साथ-साथ हमारी आंखों को भी प्रभावित कर नुकसान पहुंचा रहा है।

यहां तक की यह आंखों के रेटिना तक को भी बुरी तरह हानिकारक है।

करेला और नीम चढ़ा वाली बात जब अधिक चरितार्थ हो जाती है,

जब वर्क फ्रॉम होम के लगे युवा आंखों के सूखेपन से परेशानी झेल रहे हैं।

2. कोरोना वायरस आपके नेत्रों को कैसे प्रभावित कर रहा है? इस तरह बचाव करें….

ताजा सर्वे में दो तिहाई से अधिक युवाओं ने कोरोना से पीड़ित होने के पश्चात आंखों में खुजली,

लाल होना अर्थात रेडनेस, सूजन तथा ड्राइनेस की बात कही।

अगर यह रेटिना पर आक्रमण कर रहा है, तो तुरन्त घरेलू उपाय अपनाएं।

एक चौथाई लोगों ने बताया कि मास्क पहनने से समस्या और बढ़ गई।

अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन के एक रिसर्च अनुसार सुखी या प्रदूषित वायु भी आंखों पर खराब असर डाल रही है।

वर्क फ्रॉम होम के कारण सिरदर्द आंख लाल होना (कंजंक्टिवाइटिस) शामिल है।

आयुर्वेद के प्राचीन उपनिषद, ग्रन्थ भाष्य में आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले कुछ अनुभव ऋषि, मुनि, साध सन्तों ने लिखें है।

इस प्रयोगों में कोई हानि भी नहीं है।

3. आवलां मुरब्बे के जबरदस्त फायदे…

नेत्ररोग विशेषज्ञों का मानना है कि आंखों की बीमारी से परेशान लोगों को आँवला मुरब्बा या इससे निर्मित उत्पाद जरूर लेना चाहिए।

क्योंकि आँवले में विटामिन सी-C पर्याप्त मात्रा में होता है और ये एंटीऑक्सीडेंट ओषधि है,

जो सूक्ष्म नेत्र कोशिकाओं एवं नाडियों को क्रियाशील बनाता है।

आईकी माल्ट में मिलाया गया त्रिफला क्वाथ नेत्र ज्योति बढ़ाने के साथ साथ सिरदर्द में राहत देता है।

त्रिफला घृत-लाल आँखें रहना अथवा आंख की सफेद सतह लाल या रक्तमय होना आदि दिक्कतें आई की माल्ट में मिश्रित होने से समस्त नेत्रों के सभी विकार हर लेती हैं।

4. आंखों के लिए गुलकन्द है- GOOD ओषधि

भोजन के बाद गुलकन्द का सेवन या गुलकन्द से बनी चीजों का उपयोग खाने के बाद अवश्य करें।

गुलकन्द लेने से पित्तदोष सन्तुलित होता है तथा यह कब्ज को पनपने नहीं देता।

अमृतम गुलकन्द शरीर के ताप ओर पित्त को सन्तुलित करती है।

5. नेत्रों को हितकारी दवाएं…

सप्तअमृत लोह, यशद भस्म, वंग भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म आदि रस-रसायनों का इस्तेमाल करें या इन औषधियों से मिश्रित दवाओं का सेवन करें।

बादाम, सूखे मेवे, नारियल गोला इन्हें निश्चित लेवें।

6. हरड़ हरे, हर नेत्ररोग

हरड़ मुरब्बा देह के अंग-अंग की अभय बनाता है इसलिए हरड़ को अभया भी कहते हैं।

अभया यानी हरड़ बूटी कब्ज गलाकर पेट साफ करने के साथ-साथ सम्पूर्ण शरीर के मल एवं संक्रमण को पूरी तरह बाहर निकाल देता है।

यह आंखों के लिए भी सर्वश्रेष्ठ है।

गाजर मुरब्बा-नेत्र की सूक्ष्म रक्त नाड़ियों को बल देकर दर्शन शक्ति को घटाने से रोकती हैं।

7. गीले कपड़े की पट्टी आंखों पर लगाये। पलकों को बार-बार झपकाएं।

दो घण्टे में 15 मिनिट के लिए स्क्रीन से दूर हट जाए।

आंखों को रसायनिक आई ड्राप से बचाएं।

आंखों में 7 दिन में एक बार फिटकरी का पानी डालें।

8. अमृतम आई की माल्ट /EYEKEY माल्ट खाएं… मिटायें आंखों की १६ बीमारियां-

वर्क फ्रॉम होम या कोरोना वायरस की वजह से कम दिखाई देना,

लालिमा आना या लाल आंख एक या दोनों आंखों में हो सकती है इसके अनेक कारण हैं,

जिनमें निम्न लक्षण सम्मिलित हैं-

  1. आंखों में सूजन
  2. कम दिखना
  3. माइग्रेन आधाशीशी का दर्द
  4. आंखों में लाली या रेडनेस
  5. नेत्रों में थकान, तनाव
  6. आंखों में सूखापन यानि ड्राइनेस्स
  7. कम या साफ न दिखना
  8. आंखों का आना यानि कंजंक्टिवाइटिस
  9. आंखों में नमी न होना या सूखापन आना
  10. दूर या पास का न दिखना
  11. मोतियाबिंद की समस्या
  12. आँखों में चिड़चिड़ाहट, किरकिरापन
  13. आंखों में खुजली होना
  14. आँखों में दर्द बने रहना
  15. आंखों में निर्वहन
  16. धुंधली दृष्टि
  17. आँखों में बहुत पानी आना

अब दूर तक देखो.

EYEKEY मॉल्ट की खासियत यह है कि यह आँवला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, सप्तामृत लौह, गुलकन्द आदि से तैयार किया है।

इसका कोई भी दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट [Side Effects] नहीं है।

यह पूर्णतः हानिकारक प्रभाव से मुक्त है।

तीन महीने खाएं-रोग मिटायें एवं नेत्रज्योति बढ़ाएं..

अमृतम Eyekey malt तीन माह तक लगातार लेने से आंखों की चमक, रोशनी में वृद्धि होती है।

आईकी माल्ट पुतलियों को गीला और साफ रखने में मदद करता है।

अधिकांश लोग नेत्रों की सुरक्षा के लिए रसायनिक आई ड्राप का उपयोग करते हैं।

यह केवल बाहरी उपचार है। आंखों के अंदरूनी इलाज के लिए आयुर्वेद में 55 से ज्यादा द्रव्यों का वर्णन है। जैसे-

  • त्रिफला चूर्ण, त्रिफला मुरब्बा
  • त्रिफला घृत , ख़श, पुदीना,
  • तुलसी, गुलाब जल, ब्राह्मी,
  • जटामांसी, सप्तामृत लोह,
  • स्वर्णमाक्षिक भस्म, सेव मुरब्बा,
  • करौंदा मुरब्बा, गुडूची,
  • दारुहल्दी, गाजर मुरब्बा
  • त्रिफला काढ़ा, गुलकन्द
  • लोध्रा, मुलहठी, समुद्रफेन,
  • पुर्ननवा मूल, शतावरी,
  • नीम कोपल, अष्टवर्ग,
  • चोपचीनी, शहद,
  • स्वर्ण रोप्य भस्म-
  • स्वर्ण भस्म, ताम्र भस्म, लौह भस्म,
  • यशद भस्म, प्रवाल शंख, मुक्ति शुक्त,
  • सिंदूर बीज, फिटकरी भस्म, नोसादर,
  • कुचला, पिपरमेंट, नीलगिरी तेल, लौंग,
  • दालचीनी, त्रिकटु चूर्ण, जटामांसी,
  • कुटकुटातत्वक भस्म, वंग भस्म,
  • शुध्हा गूगल बच, पीपरामूल, पोदीना सत्व,
  • पारद भस्म, सज्जिकाक्षर, चन्दन, जीरा,
  • ख़श ख़श, नागकेशर ओर बहुत कम मात्रा
  • में बेल मुरब्बा जामुन सिरका।
  • पेठा, जावित्री, जायफल अनार जूस,
  • ब्राह्मी, शतावर, विदारीकन्द, अदरक,
  • मधु, इलायची, नागभस्म, ताम्र भस्म,
  • स्वर्णमाक्षिक भस्म ,प्रवाल भस्म
  • आदि 55 से अधिक ओषधियाँ नेत्र

उपरोक्त जड़ी-बूटी आई डिसीज की चिकित्सा में यपयोगी है।

अमृतम ने इन सब पर गहन अध्ययन, चिंतन करके आईकी माल्ट बनाया है।

Eyekey Malt में अनेक तरह की जड़ीबूटियों के अलावा, काढ़ा, क्वाथ, रस-भस्म, मेवा, मुरब्बो का उपयोग किया है।

आई की माल्ट के चमत्कारी लाभ…

तनाव, धुंधुलापन, आंख आना, आंखों में थकान, पलको में सूजन, आंखों का किरकिरापन, आंख आना,

पानी आना, सूजन, जलन, मोतियाबिंद आदि सब समस्याओं से बचाता है।

अमृतम आई की माल्ट लेने से नयनों की ज्योति तेज होती है।

नेत्र रोग के कारण होने वाला आधाशीशी के दर्द से निजात दिलाता है।

https://bit.ly/3CDx9YT

अमृतम कम्पनी ने इन्हीं सब किताबों से आंखों की परेशानी दूर करने के लिए दुनिया में पहली बार खाने का अवलेह/माल्ट का निर्माण किया है।

यह गाजर मुरब्बा, त्रिफला, यशद भस्म से निर्मित योग है।

कुछ घरेलू उपाय भी अवश्य करें…

सुबह उठते ही पानी मुह में भरकर उससे आंखे धोएं।

अमृतम त्रिफला चूर्ण रात को खाएं। सुबह त्रिफला पावडर से बाल व आंख धोएं।

■ सौंफ, धागामिश्री, बादाम समभाग मिलाकर सुबह खाली पेट लेवें।

■ गाजर का जूस पियें, हलुआ खाएं।

■ बताशे को गर्म कर यानी देशी घी में सेंककर उस पर कालीमिर्च पावडर भुरखकर खाएं खाली पेट 3 से 4 बताशे।

■ अमृतम यशद भस्म 100 mg मधु पंचामृत या मख्खन में मिलाकर चाटे।

■ रोज नंगे पैर प्रातः की धूप में सुबह दुर्बा में 100 कदम उल्टे चलें।

■ जिस आंख में तकलीफ हो उसके विपरीत पैर के अगूंठे में सुबह 4 से 5 बजे के बीच ब्रह्म महूर्त में

स्नान करके सफेद अकौआ का दूध कम मात्रा में पैर के अंगूठे के नाखून पर लगाये।

पैकिंग-400 ग्राम कीमत-₹ 1299/-

केवल ऑनलाइन उपलब्ध आर्डर करें-

http://amrutam.co.in

ReplyReply AllForward

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *