नपुंसक या हिजड़ा बनाने वाली बीमारी है-नाइटफेल (स्वतःवीर्य उत्सर्जन)

    • 50 हजार वर्ष प्राचीन आयुर्वेदाचार्यों ने लिखा है कि भूलकर भी वीर्य के वेग को नहीं रोकना चाहिए।
    • आयुर्वेद ग्रन्थों में वीर्य आदि वेगों के रोकने से होने वाली हानि की जानकारी 50 से अधिक पृष्ठों में बताई है।
    • अष्टाङ्ग ह्रदय ग्रन्थ के अनुसार 14 तरह के वेग होते हैं, इनको रोकने से शरीर अनेक विकार उत्पन्न होने लगते हैं। जैसे-मल-मूत्र, छींक, जम्हाई, वीर्य आदि।
      • वीर्य को रोकने के कारण ही बुढ़ापे में प्रोस्टेट में पानी भर जाता है। सूजन आदि समस्या आने लगती है। नपुंसकता की वजह भी ज्यादा दिनों तक वीर्य रोकना या सम्भोग न करना ही है।

देखें हजारों वर्ष पुराने ग्रन्थ का पृष्ठ चित्र,…

स्वप्नदोष जवानी को खराब कर दे.
  • कामुक विचारों से पैदा होने वाला युवाओं में स्‍वप्‍नदोष से बहुत बड़ी दिक्कत होती है। यह एक मानसिक विकार स उत्पन्न बीमारी है।
  • नई पीढ़ी के कुछ लोगों को रोजाना इस समस्या से गुजरना पड़ता है। यह वीर्य उत्सर्जन यौवन के बाद किसी भी समय हो सकता है।
  • नाइट फैल के कारण तन-मन और अन्तर्मन छलनी होने लगता है। मानसिक रूप से भी दबाव काफी बढ़ जाता है। कभी-कभी स्वप्नदोष के कारण आत्मबल बहुत कमजोर भी हो सकता है। युवाओं की विकराल बीमारी स्वप्नदोष… नपुंसक बनाने वाली एक खतरनाक बीमारी है।
  • स्वप्नदोष या नाइट फैल शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए जरूरी भी है। जब घड़ा या मटका ज्यादा भर जाता है, तो स्वाभाविक रूप से अधिक जल बाहर फैलने लगता है। ज्यादा दिनों तक वीर्य को रोकने से मानसिक या दिमागी रोग पनपने लगते हैं।
  • परंतु अत्याधिक वीर्य उत्सर्जन या स्वप्नदोष होने से लिंग की नसें ढीली पड़ने लगती है। वीर्य पतला हों जाता है। वीर्य से ही वीरता बढ़ती है। वीर्य की कमजोरी से घर वीरान हो जाता है।

स्वप्नदोष/नाइटफेल क्या होता है…

    • कामवासना या सेक्स के विचार आते रहने से 2–4 बार रात सोते में लिंग पर हाथ लगते ही वीर्य की धार निकल पड़ती है।
    • नाइट फैल (Nocturnal emission) कोई बीमारी नहीं है। यह एक स्वाभाविक दैहिक क्रिया है जिसके अंतर्गत एक पुरुष को नींद के दौरान स्खलन हो जाता है। स्वप्नदोष के दौरान पुरुषों को कामोउद्दीपक सपने आ सकते हैं और यह स्तम्भन के बिना भी हो सकता है।
  • स्वप्नदोष यदि माह 2 से 3 बार ही हो, तो घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन इससे अधिक होने से वीर्य/शुक्र/स्पर्म की हानि होती है और व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी का अनुभव होने लगता है, क्योंकि यह शुक्र भी रक्त कणों से पैदा होता है। अतः अधिक शुक्र क्षय व्यक्ति को कमजोर बनाकर नपुंसकता ल सकता है।

नेचुरल तरीके से स्वप्नदोष रोकने के 8 उपाय…

  1. सुबह जल्दी उठने की आदत बनाएं।
  2. सायकल चलाएं।
  3. शारीरिक परिश्रम करें।
  4. प्रातःकाल मॉर्निंग वॉक करें।
  5. धूप में बैठकर kayakey oil से अभ्यङ्ग करें।
  6. नियमित योग और व्यायाम करने से सेक्स-संबंधी गतिविधियाँ नियंत्रण में होती हैं जो स्वप्नदोष को रोकती हैं।
  7. बिस्तर पर जाने से पहले अच्छी तरह हाथ मुहं धोकर कुछ देर ध्यान करें।
  8. खानपान सात्विक हो इसमें बदलाव से स्वप्नदोष को रोका जा सकता है।

स्वप्नदोष यानि नाईट फेल से बचने का तरीका…

  • यदि आप अविवाहित हैं, तो तुरन्त विवाह करें। स्वप्नदोष का सबसे उत्तम उपचार, तो यही है। क्योंकि वीर्य को रोकने से अनेक बीमारियों का जन्म होगा। इसका सबसे अच्छा इलाज स्त्री ही है।
  • स्वप्नदोष के साइड इफ़ेक्ट-
  • कई पुरुषों को इस बात को लेकर संशय रहता है कि आखिर वे स्‍वप्‍नदोष की इस बीमारी से कैसे बचाव करें।
  •  स्‍वप्‍नदोष से थकान, अंडकोष में दर्द, कमजोर स्‍खलन और शीघ्रपतन जैसी समस्‍यायें हो सकती हैं।

स्वप्नदोष रोकने के लिए आयुर्वेदिक औषधि

■ बी फेराल गोल्ड कैप्सूल और माल्ट यह मुरब्बे और मेवा से निर्मित एक देशी दवा है।

  • इसमें स्वप्नदोष को दूर करने वाली रस-भस्मों जैसे सफेद मूसली, कोंच पाक, शिलाजीत, अश्वगंधा, शतावर आदि 35 से अधिक ओषधियों को मिलाया गया है। एक से दो चम्मच 40 दिन तक सुबह-शाम दूध के साथ लेने पर अनेक पुरूषार्थ संबंधित बीमारियां दूर करने में सक्षम है।

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