बालों में लगाने के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है, आयुर्वेद में?

कैसे, कब लगाएं तेल… बालों के बारे में बहुत से अदभुत रहस्य और बाल टूटने-गिरने की मुख्य वजह भी जाने…

  • बालों में लगाने के लिए असरदार 26 से जड़ीबूटियों के काढ़े एवं नारियल तेल, बादाम तेल, तिल तेल आदि से निर्मित कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल आयुर्वेद का सर्वश्रेष्ठ तेल है, जो 2 से 3 बार के उपयोग से बालों का झड़ना, टूटना बन्द हो जाता है।

बालों में तेल (हेयर ऑयल) लगाने की विधि…

बाल धोने से एक दिन पहले अच्छी तरह बालों की जड़ों में हल्के हाथों से लगाकर दूसरे दिन से धोएं । सप्ताह में एक से दो बार हेयर ऑयल लगाना बहुत आवश्यक है ।

सावधानी:

  1. गीले बालों में तेल न लगाए।
  2. बालों को अच्छी तरह सुखाकर कंघी करें

कुन्तल केयर हेयर ऑयल की खासियत और फायदे जानने के लिए लिंक क्लिक कर वीडियो देखें…

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परिवर्तन सन्सार का नियम है…

  • वैसे अब हेयर ऑयल का जमाना जाता जा रहा है। क्योंकि कुछ महिलाएं बाल में तेल लगाना पसंद नहीं करती।
    • आजकल पोषक युक्त तेलों से निर्मित हेयर स्पा अत्यंत लाभकारी उत्पाद कुछ बड़ी आयुर्वेदिक कम्पनियां बना रही हैं, जो बालों का झड़ना-टूटना, गिना, दोमुंहे होना आदि समस्त केशविकारों को दूरकर बालों की लंबाई तेजी से बढ़ाने में कारगर है।
  • कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा… ये बहुत मुफ़ीद ओषधि है। इसमें तिल तेल, त्रिफला, भृङ्गराज, जटामांसी, ब्राह्मी आदि अनेक असरकारी जड़ी-बूटियों का समावेश है।

बाल टूटने-झड़ने की 15 वजह क्या है?…

  1. पित्त की वृद्धि भी किशोरावस्था में कमजोर बाल, यौवन काल खत्म कर देते हैं ।
  2. कम उम्र में अधिक तनाव, चिन्ता।
  3. अनियमित मासिक धर्म।
  4. सोमरोग या पीसीओडी की समस्या।
  5. ज्यादा माहवारी आना
  6. सफेद पानी की समस्या
  7. तत्काल लाभ के फेर में बालों का घेर… ढेर हो जाता है। अधिक केमिकल युक्त, सिंथेटिक खुशबूदार तेल, साबुन, शेम्पो का उपयोग से लगातार लापरवाही से बाल तेज़ी से टूटते, झड़ने लगते हैं ।
  8. काम अधिकता
  9. जिम्मेदारियों का बोझ
  10. स्वभाव में चिड़चिड़ापन। क्रोध
  11. बढ़ती उम्र के कारण।
  12. वात, पित्त, कफ का विषम होना।
  13. काल के भाल से कलिकाल (कम उम्र) में ही बाल, अकाल ग्रस्त होकर, बाल की खाल कमजोर, चिकनी हो जाती है।
  14. त्रिकाल त्रिदोष की अधिकता।
  15. प्रदूषण युक्त प्रदूषित जल या खारे-बोरिंग के पानी से बाल धोने से बाल बर्बाद हो जाते हैं।
  • उपरोक्त दोष विकारों के कारण दुष्परिणाम यह होता है कि-
    • सिर में तेजी केशपतन, रूसी, खोंची, खुजली, केशों का दोमुहें होना, असमय सफेदी, रूखापन, कड़ापन, गंजापन, कान्ति हीनता, सिरदर्द, नजर की कमजोरी आदि अनेक केश विकार उत्पन्न होकर कम उम्र में ही सारी खूबसूरती नष्ट कर देते हैं!

मासिक धर्म/ MC के समय बाल धोने से नुकसान…

  • भारतीय संस्कृति में पुराने जमाने की प्राचीन परम्परा के हिसाब से महिलाओं को माहवारी या मासिक धर्म के पहले दिन बाल नहीं धोना चाहिए।

उन दिनों बाल धोने से पनपते हैं अनेक रोग…

  • स्त्री जातक और आयुर्वेद सहिंता शास्त्रों में उल्लेख है कि मासिक धर्म के दौरान प्रथम दिवस केशधोवन करने से मस्तिष्क में भारीपन, सिरदर्द, तनाव, अवसाद (डिप्रैशन), दिमागी कमजोरी, भूलने की आदत तथा अधिक रक्तस्राव और शारीरिक क्षीणता के साथ-साथ सोमरोग/पीसीओडी आदि अन्य स्त्रीरोग से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
  • क्रोधी स्वभाव, चिड़चिड़ापन की वृद्धि हो सकती है।
  • माहवारी के वक्त केशधोवन से बाल भी तेजी से टूटने-गिरने व झड़ने लगते हैं।
  • बाल बचाने हेतु ये भी करें उपाय…मासिक धर्म के समय ठंड से बचना चाहिए। इससे महिलाओं के यूट्रस को नुकसान हो सकता है। गर्भधारण में बाधा होती है ।

बाल धोकर, गीली जुल्फों को खुला न छोड़े…

  • अपने बाल को खुले रखने से भी बालों पर दुष्प्रभाव पड़ता है! बालों की जड़े कमजोर होने लगती है।
  • बुजुर्ग महिलाएं बताती हैं कि बाल कटवाने से मानसिक अशांति, तनाव बना रहता है।
  • केरल की नारियां बाल कटवाने को वे दुर्भाग्य सूचक मानती हैं।

बालों में कंघी करते समय रहें सावधान…

  • अक्सर केशधोवन के बाद तथा कंघी या सिर झाड़ते समय टूटे हुए बालों का गुच्छा. बनाकर लड़कियां या औरतें इधर-उधर फैंक देती है। आयुर्वेद में इसे अशुभ बताया है।
  • प्राचीन शास्त्रों का मत है कि ऐसा करने से परिवार या पति-पत्नी में आपसी मतभेद उत्पन्न होते हैं।परिवार में बात-बात पर विवाद-झगड़ा, कलह-कलेश भी बढ़ता है।

बुजुर्ग अनुभवी स्त्रियां कहती थीं कि…

    • नहाये के बाल, खाये के गाल!!! कभी छुप नहीं सकते अर्थात स्त्री बाल नहाने के बाद ही मालूम चलता है कि कितने लम्बे, घने, काले और चमकदार हैं।

गालों का महत्व…इसी प्रकार समय पर खाने-पीने वाले के गाल अलग दिखते हैं। रोगरहित, स्वस्थ्य जीवन के लिए नियम-धर्म, नियमित व व्यवस्थित जीवनशैली और आयुर्वेद को अपनाना जरूरी है।

बालों की

वृद्धि हेतु खाएं ये आयुर्वेदिक औषधि…

    • कुन्तल केयर हर्बल माल्ट कम से कम तीन महीने अथवा हमेशा 1 से 2 चम्मच कुन्तल केयर हर्बल कैप्सूल सहित सुबह खाली पेट तथा रात्रि में सोते समय गुनगुने दूध से लेवें।

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Comments

4 responses to “बालों में लगाने के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है, आयुर्वेद में?”

  1. neelam kumari avatar
    neelam kumari

    very nice
    very good information

    1. patrika avatar
      patrika

      thank you

  2. neelam kumari avatar
    neelam kumari

    plz send link for only hair oil purchase

    1. patrika avatar
      patrika

      plz whatsapp 9926456869 name– deepak bilhatiya

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