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- मठा, मट्ठा, तक्र, छाछ, गर्मी के दिनों में छाछ का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। amrutam पत्रिका अप्रैल 2006 अंक से साभार..
- भविष्य में होने वाले बड़े बीमारियों से भी टाला जा सकता है. होने वाली तकलीफ और औषधियों का खर्च भी बचेगा
- आज से ही कोल्ड ड्रिंक को बंद कर, छाछ पीना शुरू करें।
- मठा, मट्ठा, तक्र, छाछ,दही का पानी सब एक ही पेय पदार्थ हैं, जो दही को मथकर, इसमें मख्खन निकालकर शेष भाग में पानी, जीरा, जायफल, सेंधानमक, कालानमक, हींग, राई आदि मसाले मिलाकर तैयार किया जाता है।
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- आयुर्वेद शास्त्र के एक प्राचीन ग्रन्थ भावप्रकाश निघण्टु में छाछ की तुलना अमृत के साथ की है।
अथ तक्रम् (छाछ)। तस्य साधनं गुणांश्चाह-
तुर्याशेन जलेन संयुतमतिस्थूलं सदम्लं दधि प्रायोमाहिषमम्बुकेन विमले मृद्भाजने गालयेत् । मृष्टं हिंगुच जीरकालवणं राजीञ्च किचिन्मितां पिष्टां तत्र विमिश्रयेद्भवति तत्तक्रं न कस्य प्रियम् ॥
- अर्थात-छाछ बनाने की विधि-प्रायः करके अत्यन्त गाढ़ा तथा खट्टा भैंस का दही लेकर उसमें चतुर्थाश जल मिला कर मथ डाले, तत्पश्चात् वस्त्र से स्वच्छ मिट्टी के पात्र में छान ले और उसमें मात्राऽनुसार भुनी हुई होंग, मुना हुआ जीरा, सेंधानमक, इन सब का चूर्ण तथा थोड़ी मात्रा में राई पीसकर मिला देने से छाछ तैयार हो जाता है, जो किसको प्रिय नहीं लगता है अर्थात् सभी लोग इसे रुचि से पीते हैं।
चरक के अनुसार-
तक्र रूचिकरं वद्व्हीदीपनं पाचनं परम्।
उदरे ये गदास्तेषां नाशनं तृप्तिकारकम् ॥१३॥
- छाछ-रुचिकारक, अग्निदीपक, अत्यन्त पाचक एवम् उदरसम्बन्धी जितने भी रोग हैं, सभी को नष्ट करने बाला तथा तृप्ति देने वाला होता है।
- मठा, मट्ठा, तक्र, छाछ के नियमित उपयोग से शरीर तो स्वास्थ्य रहेगा ही और समय व पैसा भी बचेगा।
- मठा, मट्ठा, तक्र, छाछ के 26 चमत्कारी फायदे…छाछ गर्मी के दिनों में पीना बेहद ही लाभकारी है।
- यह लू-लपट से भी बचाता है। दिमाग को ठंडक देता है।
- छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर बलवान होता है.*
- छाछ शरीर के भीतर के घातक पदार्थ मूत्र विसर्जन द्वारा बाहर निकाल देता है।
- छाछ देह की गर्मी की अग्नि से राहतकारी प्राकृतिक पदार्थ है।
- शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने की ताकत छाछ में है।
- लंघन में छाछ का कमाल… जब शरीर किसी भी दवा से ठीक नहीं हो रहा हो, तो हर 1 से 2 घण्टे में आधा ग्लास छाछ पीते रहें।
- अगर भारत के लोग बाहरी पेय पदार्थ, कोल्डड्रिंक पीना छोड़ देंगे अगर छाछ पीने के फायदे जान जाएं तो…
- मटके के जल में निर्मित छाछ में शक्कर और काली मिर्च का पाउडर डालकर पीने से पित्त एसिडिटी की तकलीफ कम होती है।
- छोटे बच्चों के जब दांत निकलते हैं तो उनको चार चार चम्मच छाछ दिन में तीन चार बार पिलाने से दांत में होने वाली तकलीफ कम होती है।
- छाछ पीने से चर्बी-तोंद एवं मोटापा कम होता है।
- बार-बार पेशाब की तकलीफ है तो छाछ में नमक डालकर पीने से तकलीफ कम होती है।
- दही का पानी या छाछ पीने से मुंह के छाले कम हो जाते हैं।
- छाछ में अजवाइन डालकर पीने से पेट के अंदर के जंतु समाप्त हो जाते हैं।
- छाछ में गुड़ डालकर पीने से पेशाब में होने वाली जलन की तकलीफ कम होती है।
- घर की मथि हुई छाछ में जायफल का पाउडर डालकर पीने से सर दर्द कम होता है।
- खाली पेट छाछ पीने से पेट दर्द की तकलीफ कम होती है
- छाछ का खास कार्य है 3 दिन पूर्ण रूप से दूसरा कुछ भी बिना खाए केवल छाछ पर रहने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है। इससे सभी टोक्सिन निकल जाते हैं।
- छाछ के सेवन से शरीर का स्वाभाविक रूप से पंचकर्म हो जाता है।
- मठा पीने से शरीर से अनावश्यक चर्बी घटने लगती है।
- सुबह खाली पेट छाछ लेने से चेहरे के ऊपर अच्छा तेज आने लगता है और काले दाग-धब्बे, झुर्री, झाईं बाहर निकल कर साफ हो जाते हैं।।
- मठा पीने वालों का चेहरा तेजपुंज फुर्तीला और तेजस्वी दिखाई देने लगता है।
- उदर रोग यानी जिसका पेट साफ नहीं होता, पेट से आवाज निकलती है, उसे छाछ पीने से पेट की अंदरूनी बीमारियां समाप्त होने लगती है।
- छाछ पीने से शरीर के 90% विकार मिट जाते और देह कांच के समान चमकदार हो जाती है।
- मस्तिष्क व शरीर उष्णता या गर्मी तुरंत कम होकर अच्छी शांत नींद लगने लगती है।
- साधारण व्यक्ति भी अगर हर रोज ग्रीष्म ऋतु में छाछ पिए, तो उसके शरीर की गन्दगी तथा उष्णता कम होकर ताकत बढ़ती है।
भ्रमित तथा भटकने वाली जानकारियों से बचें…गुग्गल आदि ।इंडिया पर अनेकों गलत जानकारी दी जा रही हैं कि छाछ में विटामिन B – 12, कैल्शियम , पोटेशियम ,’फॉस्फोरस ऐसे अनेक तत्व रहते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक रहते हैं। ऐसा किसी आयुर्वेदिक ग्रन्थ में नहीं लिखा।
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