गुलाब में गुल यानि सुंदरता और आब यानि आकर्षण होने की वजह से ये दुनिया में सबकी पहली पसंद है। विश्व में केवल गुलाब फूल के लिए 14 फरवरी को रोज डे मनाया जाता है। यह त्योहार प्रेम करने वाले जोड़ों को समर्पित है।
- 14 फरवरी से ठीक 9 महीने बाद जब रोज दिवस को सेज दिवस बनाने वाली प्रमिकाएं 14 नवंबर को बाल दिवस के दिन प्रेमी लडकों को खोजती फिरती हैं और वे हवा का शिकार बनाकर गायब हो जाते हैं।
- आयुर्वेद के लगभग सभी पेट साफ करने वाले चूर्ण और त्वचा चमकाने वाले फेस क्लीनअप में गुलाब के साथ केशर का अत्यधिक उपयोग किया जाता है।
- गुलाब पुष्प से तैयार गुलकंद का दुनिया में सर्वाधिक सेवन किया जाता है। गुलकंद पान की जान है।
- गुलाब की गुलकंद पेट रोग, पित्त दोष, एसिडिटी, अम्लपित्त की बेहतरीन ओषधि है।
- गुलाब का गुलकंद रेचक है, जो पेट व आंतों की गरमी शांत कर हृदय को प्रसन्नता प्रदान करता है।
- गुलाब जल से आंखें धोने से आंखों की लाली, सूजन कम होती है।
- गुलाब का इत्र कामोत्तेजक है। इसका तेल मस्तिष्क को ठंडा रखता है।
- गुलाब का अर्क मिठाइयों में प्रयोग किया जाता है। गरमी में इसका प्रयोग शीतवर्द्धक है।
- पुराने घाव में इसकी लुगदी को लगाया जा सकता है गुलाब का अर्क सभी तरह के कृमि को नष्ट करता है। फूली को सुखाकर चूर्ण खुजली में उपयोगी है।
- गुलाब ज्वरहर, मूत्रल नेत्र ज्योति वर्द्धक तथा पुरुषों को रतिदायक उत्तेजना प्रदान करता है।
- गुलाब पुष्प आशिक मिजाजी, प्रेम का प्रतीक गुलाब है। हर साल 14 फरवरी को रोज डे मनाने की संसार में परंपरा है।
- गुलाब को शतप्त्री भी कहते हैं क्योंकि इसमें 100 पत्तियां होती हैं।
- गुलाब पुष्प या शतपत्री – शीतल, हृदय को हितकर, संग्राही, शुक्रजनक, लघु, त्रिदोष तथा रक्तविकार को दूर करने वाली होती है।
- शरीर के वर्ण या रंग को निखार कर उत्तम बनाने वाली, कटु तथा तिक्त रसयुक्त और पाचक होती है।
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