पेट की 50 परेशानी से मुक्ति दिलाएगा ये आर्टिकल। जाने क्यों होता है पेट दर्द, गैस क्यों बनती है।

चरक संहिता के मुताबिक अगर सुबह जागते ही पखाना साफ हो जाए, तो आप पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। लेटकर खाने से, टीवी देखने दिखाने से, नेट चलाने से, देर सुबह तक जागने से शुरू होती है। पेट की बीमारियों के प्रति अधिकांश लोग लेट लतीफी करते हैं और पेट पत्थर की तरह ठेठ होने लगता है। पेट की बीमारी के लिए पेट दर्द, कब्ज आदि नाशक सस्ते रेट की दवाएं लेकर फिलहाल तो राहत पाता है। फिर बाद में पूरे घर को जगाता है। उदर रोग से पीड़ित व्यक्ति का उद्धार करना मुश्किल है। लेकिन आयुर्वेद के उदार भाव वाली ऋषियों ने पेट की बीमारी के लिए अनेक उपचार लिखे हैं। इसे नर या नारी बिना तैयारी के कभी भी ले सकते हैं।

जानिए पेट दर्द, उदर विकार, एसिडिटी, कब्ज, पाचनतंत्र और लिवर की खराबी और उससे जुड़ी बीमारियों के बारे में सबकुछ

  • भारत में प्रत्येक 15 प्राणियों में 5 व्यक्ति को पेट दर्द, उदर रोग की समस्या होती है। लेकिन यह कई बीमारियों का संकेत है।
  • पेट की परेशानी, दर्द आदि एक आम समस्या है, अनियमित शैली, खराब खान-पान, लंबी , शारीरिक निष्क्रियता सहित इसके कारण हो सकते हैं
  • पेट दर्द साथ ही यदि बुखार, उल्टी, अचानक वजन कम होने जैसी समस्याएं भी हों, तो एपेंडिसाइटिस, अल्सर, पथरी और ibs यानी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम समस्या भी हो सकती है।
  • दरअसल पेट पास होने वाला दर्द पास के किसी भी अंग में भी हो सकता है। पेट दर्द और उसके का यदि गौर से निरीक्षण करके बीमारी को समझा जा सकता है। पेट में अलग -अलग स्थानों पर और अलग प्रकार होने वाला दर्द बीमारी के बारे में स्पष्ट संकेत देता है। आप भी इन संकेतों को जानकर बीमारी को पहचान सकते हैं।

उपचार : एसिड कम करने वाली दवाइयों से यदि आराम न मिले तो आयुर्वेदिक लिवर टॉनिक Keyliv Strong Syrup और कैप्सूल का सेवन करें।

  1. भावप्रकाष निघंतु के अनुसार घर के सभी मसाले, तेल आदि पर्याप्त मात्रा में लेना जरूरी है।
  2. हल्दी युक्त दल सब्जी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करती है।
  3. लाल मिर्च केंसर नाशक है और खून को शुद्ध करती है।
  4. गर्म मसाले कफ को नहीं उभरने या पनपने देते।
  5. धनिया यकृत के लिए अमृत है।
  6. समुद्री नमक (सेंधा नहीं) रक्त के संचार को सुचारु करता है।
  7. अजवायन वायुविकार से बचाकर गैस पास करने में सहायक है।
  8. मसाले वाले पेट के लिए अमृत हैं। रात को फल, जूस, अरहर की ओर नमकीन दही पेट के रोगियों के लिए जहर की तरह होते हैं।
  9. गरिष्ठ, तेल घी युक्त, भारी भोजन लेने से हमेशा पेट की तकलीफ बढ़ती जाती है।

Keyliv फार्मूला Details Material

    • Kal megh (andrographis paniculata) 500 mg, pudina (mentha piprata) 50 mg, amaltas (cassia fistula) 200 mg, gulab (rosa centifolia ) 200 mg, nagar motha (cyperus rotundus) 25 mg, bhui amla (phyllanthus niruri) 300 mg, pitpapada (fumaria indica ) 50 mg, ghrit kumari (aloe vera) 100 mg, arjun (terminalia arjuna) 100 mg, sarpankha (tephrosia purpurea) 300 mg, punernava (boerhaavia diusa) 200 mg, vai vidang (embelia ribes) 100 mg, tulsi (ocimum sanctum ) 50 mg, kali mirch (piper nigrum ) 25 mg, draksha (vitis vifera) 200 mg, bhringraj (eclipta alba) 200 mg, Palash pushp (butea froundosa) 50 mg, rohitak (tecomella undulata) 200 mg, Giloy (tinospora cordifolia) 200 mg, nisoth (operculina turpethum) 50 mg, parijaat (nyctanthes arbortristis)25 mg, kareel (capparis aphylla) 25 mg

How To Use

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