आयुर्वेद के ये नियम कभी बीमार नहीं होने देंगे।

  • आयुर्वेद में अधिकांश दवाएं पाचन प्रणाली को ठीक और दुरुस्त करने वाली होती हैं। इससे वात, पित्त और कफ संतुलित होते हैं।
  • घर के सभी मसाले कफ को संतुलित कर फेफडोंबको संक्रमण से बचाते हैं। किंतु गुगल ज्ञान के चलते मसालों का इस्तेमाल न के बराबर किया जा रहा है। इसके कारण काफ की वृद्धि हो रही है।
  • लाल मिर्च का उपयोग घर घर लगभग बंद सा होता जा रहा है। लाल मिर्च केंसर जैसे असाध्य रोगों के सेल्स को पनपने नहीं देती।
  • आयुर्वेद अमृत है और अनुमान का ज्ञान यानि सेवन विधि की जानकारी न होने से वह विष हो जाता है।
  • सादा नमक शरीर की दूषित नाड़ियों का शोधन कर रक्त की शुद्धि करता है। लेकिन लोग सेंधा नमक खा खाकर तंतु कोशिकाओं को गला रहे हैं। इससे अधिक सेवन पाचन तंत्र कमजोर होता है।
  • हल्दी केवल कफ प्रकृति वालों को ही हितकारी है। हल्दी को एक दिन में 25 से 50 mg और एक महीने में अधिकतम 15 से 20 ग्राम तक ही लेना उचित है। ज्यादा लेने से बवासीर की समस्या होने लगती है।
  • सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से तन, मन और मस्तिष्क में खुश्की होने लगती है। फिर भी लोग मान नहीं रहे। उल्टा ज्ञान देने लगते हैं। सुबह उठने पर शरीर में पित्त बढ़ा हुआ होता है। इसीलिए सदा जल लेना चाहिए।
  • शारीरिक स्फूर्ति और बल, वीर्य वृद्धि के लिए पुरुषों को B-Feral Gold Malt और कैप्सूल लाभप्रद है।
  • हमारी सलाह यही कि मसाले, लाल मिर्च, सादा समुद्री नमक का भी निश्चित मात्रा में उपयोग करें।
  • अमृतम के पिछले लेख में इस बारे में बहुत विस्तार से बताया है। उनका अध्ययन करें।
  • आयुर्वेद के सभी चूर्ण जैसे त्रिफला, अश्वगंधा, शतावरी, सफेद मूसली आदि एक दिन में 3 से 5 ग्राम तक ही सेवन करें।
  • चार बादाम पानी में गलाकर दूध के साथ ही लेवें। अंजीर, मुनक्का कभी सुखा न खाएं। दूध में उबालकर ही लेवें। इससे कब्ज होगी।
  • आप द्रव्यगुण विज्ञान, अनुपात तरंगिणी (अ.त.) आयुर्वेद प्रकाश ( आ. प्र.), आयुर्वेदीय विश्वकोष (आ.वि.को.), आरोग्य प्रकाश, औषधगुण धर्मशास्त्र (औ.गु.ध.शा.) अन्न, मसाला खनिज विज्ञान (ख.वि.) का अध्ययन कर लाइफ को हेल्दी बनाकर 100 साल तक बिना रोगों के जीवन गुजार सकते हैं।

हेल्दी लाइफ के लिए सभी को लेना चाहिए

  • आमला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, गुलकंद, बादाम, अंजीर, गिलोय सत्व, त्रिफला, दूध, मीठा दही, गुड़, भूंजे हुए चने, मूंग की दाल का पानी। कच्चा पनीर एक दिन में 100 gm तक ले सकते हैं।

ठंडाई पित्त को संतुलित कर दिमाग को हल्का रखती है।

परहेज

  • अरहर की दाल, नमकीन दही। रात में गरिष्ठ भोजन। दूध पीने के 2 घंटे पहले या बाद तक कुछ न खाएं।
  • ये जानकारी बहुत विस्तार से देते हैं, तो कम से कम 200 पेज हो जायेंगे।

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