- अस्वच्छ रसायनिक बाजारू भोजन और गंदगी के कारण कभी-कभी पीलिया रोग महामारी का रूप धारण कर लेता है। आजकल 55 फीसदी लोग इससे पीड़ित हैं। आये दिन स्त्री-पुरुष इस पीलिया रोग के चंगुल में फंसते रहते हैं।
- पीलिया को संस्कृत में कामला रोग और अंगरेजी में जौंडिस या हैपेटायटिस कहा जाता है। इस बीमारी में आंखों पर पीलापन आ जाता है और मूत्र भी पीला हो जाता है।
- इसी कारण इसे पीलिया नाम दिया गया है। इस रोग के कारणों में मुख्य रूप से दो प्रकार के वायरस होते हैं—जैसे हैपेटायटिस-ए वायरस और हैपेटायटिस-बी वायरस। यद्यपि अब हैपेटायटिस-सी. और डी. नामक वायरस भी खोजे जा चुके हैं।
- सर्व साधारण रूप में होने वाले पीलिया का कारण है – ‘हैपेटायटिस-ए वायरस’ जो मुंह मार्ग से खान-पान के साथ शरीर में प्रविष्ट होता है।
- अर्थात – ये वायरस दूषित जल, दूध, -साग-सब्जी या खाद्यान्त्र के साथ आंतों में पहुंच जाते हैं और आंतों से यकृत में चले जाते हैं।
- इस प्रकार विषाणुओं द्वारा यकृत पीड़ित हो जाता है और स्थानीय शोथ उत्पन्न हो जाता है, जिसके फलस्वरूप बायलीरुबिन नामक रंजक पदार्थ का चयापचय बिगड़ जाता है।
- अतः रक्त में उसकी मात्रा बढ़ने लगती है जो यकृतीय शोथ के अनुपात में बढ़ती है, अर्थात जितना यकृत प्रभावित होगा, रक्त में उतनी ही अधिक बायलीबिन की मात्रा पायी जाएगी।
पीलिया के लक्षण
- पीलिया होने से पूर्व रोगी को मंद ज्वर हो जाता है, गला खराब हो जाता है। जी मिचलाने लगता है, भोजन के प्रति अरुचि उत्पन्न हो जाती है।
- उल्टियां आ सकती हैं और सिर दर्द और शारीरिक वेदना हो सकती है। इन शिकायतों के तीन-चार दिन बाद आंखों में पीलापन दिखायी पड़ने लगता है और मूत्र भी पीला हो जाता है।
- उपरोक्त समस्यायों के अतिरिक्त पेट के ऊपरी भाग में दाहिनी ओर पीड़ा अनुभव हो सकती है और शरीर में बेचैनी बढ़ने लगती है। ज्यो-ज्यों रोग बढ़ता जाता है आंखों एवं मूत्र का पीलापन गहरा होता जाता है।
- आंखों के अलावा मुंह के भीतर तालुओं पर पीलापन दिखायी देने लगता है। सामान्य अवस्था में ये लक्षण प्रारंभ के तीन सप्ताह तक बढ़ते हैं, लेकिन इसके पश्चात उनमें कमी अनुभव होने लगती है और अगले दस-पंद्रह दिन में रोगी स्वस्थ हो जाता है।
- अतः अन्य वायरसजन्य रोगों की भांति यह बीमारी भी स्वयं समाप्त हो जाती है और रोगी ठीक हो जाता है । लेकिन कुछ रोगियों में अन्यान्य विकारों के परिणाम स्वरूप यह बीमारी कई महीनों तक चल सकती है और यकृतीय विकार बढ़ सकते हैं ।
- कभी-कभी इस रोग के कारण यकृत सिकुड़ जाता है और रोगी का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।
- पीलिया की पड़ताल और निदान पीलिया संबंधी लक्षणों के अलावा आजकल कई प्रकार की जांचें उपलब्ध हैं जिनमें रोग की गंभीरता के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है।
- माधव निदान के मुताबिक यह सच है कि पीलिया, ज्वाइंडिस या कमला एक वायरस जन्य बीमारी है, जो आयुर्वेदिक लिवर टॉनिक Keyliv Strong Syrup और कैप्सूल के सेवन और परहेज, पथ्य करने से 30/40 दिन में ठीक हो जाती है।
- लेकिन कभी-कभी यह रोग अधिक समय तक तंग कर सकता है और यकृत संबंधी नाना प्रकार के विकार उत्पन्न हो सकते हैं। अतः इसके इलाज को दुर्लक्ष्य नहीं करना चाहिए और खान-पान संबंधी बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
वर्तमान चिकित्सा पद्धति और पीलिया
- अंग्रेजी या एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में पीलिया का कोई पक्का इलाज नहीं है। अतः केवल लक्षणों के आधार पर चिकित्सा की जाती है।
- यकृती शोथ (लिवर में सूजन) के कारण रोगी को चिकनाई और प्रोटीन कम खानी चाहिए। इसी प्रकार रोटी-चपाती और दालों का कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
- केवल कारबोहाइड्रेट्सयुक्त भोजन उत्तम होता है। गन्ने का रस और ग्लूकोज बहुत कम मात्रा में विशेष लाभकारी बताया जाता है।
- मैथी, पालक, गाजर आदि हरी सब्जियों को हितकर माना जाता है । सुबह खाली पेट बिना मलाई का पेट दूध ले सकते हैं।
- पीलिया के इलाज में कुछ चिकित्सक स्टीरोइड्स प्रयोग करते हैं जो अनुचित है। इससे तात्कालिक लाभ तो मिल सकता है, लेकिन अंततोगत्वा हानि होती है। इसके अतिरिक्त अन्य रसायनिक दवाओं का कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
आयुर्वेद में पीलिया का इलाज
- आयुर्वेद में पीलिया का सही इलाज उपलब्ध है। रोग की गंभीरता और रोगी की प्रकृति के अनुसार कई वनौषधियों का प्रयोग किया जाता है जिनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं :
- आंवला मुरब्बा, द्राक्षा मुनक्का, हरड़ मुरब्बा, गुलाब, गुलकंद, कालमेघ,भूमि आंवला, मुलहठी, कुटकी, गुर्च, नीम, चिरायता आदि।
- पीलिया रोग में एक अनुभूत योग की खोज कर हाल में हमने उपरोक्त वनौषधियों के मिश्रण से Keyliv Strong Syrup के नाम से एक ऐसा योग तैयार किया है जिसके प्रयोग से आठ-दस दिन में रोगी को आराम मिल जाता है और वह शनै :- शनै: ठीक होता जाता है।
- Keyliv Strong जैसे इस योग से मिले कुछ परिणाम इस प्रकार हैं। कब्ज, गैस, जुकाम और गले की खराबी, और ज्वर, जी मिचलाना, भोजन के प्रति अरुचि, कमजोरी आदि लक्षण और पीलिया में मददगार है।
Amalaearth, अमेजन, amrutam पर उपलब्ध
Amrutam Keyliv Strong Syrup in Hindi की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, कीमत, खुराक, नुकसान, साइड इफेक्ट्स – Amrutam Keyliv Strong Syrup ke use, fayde, upyog, price, dose, side effects in Hindi
जानिए Amrutam Keyliv Strong Syrup in Hindi की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, प्रयोग, कीमत, कब लें, कैसे लें, कितना लें, खुराक, डोज, साइड इफेक्ट्स, नुकसान, दुष्प्रभाव और सावधानियां – Janiye Amrutam Keyliv Strong Syrup ke use, fayde, labh, upyog, price, dose, nuksan, side effects, kitni le, kaise le, kab le, interaction aur contraindication in Hindi
Leave a Reply