अश्वगंध या अश्वगंधा क्या है ?

  • एक बार अश्वगंध नागोरी के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंथ, भाव प्रकाश निघंटू, ग्रामीण भारत की दुर्लभ मैथुन बूटियां और द्रव्यगुण विज्ञान में पढ़ें।
  • अश्वगंध हल्की क्वालिटी का 300/- किलो आटा है और ज्यादातर बड़ी से बड़ी कंपनियां इसे ही पीसकर बाजार में बहुत ही सस्ते दामों में बेचती हैं।
  • अश्वगंध नागोरी का भाव 800 से 1000/- रुपए प्रति KG तक रहता है। इसमें पतले, छोटे असर रहित टुकड़े निकालकर साफ करके पिसना चाहिए।
  • अश्वगंधा चूर्ण एक दिन में 3 से 5 ग्राम तक ही सेवनीय है और यदि आपका पाचन तंत्र, यकृत अत्याधिक मजबूत है, तो दिनभर में 10 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।
  • अश्वगंध चूर्ण का असर कम से कम 15 से 20 दिन बाद दिखाई पड़ने लगता है। लेकिन इसे लेते समय कब्ज नहीं होना चाहिए। पेट खराब होने पर इसे लेना तत्काल बंद कर देना चाहिए।
  • अश्वगंधा पुरुषों की यौन शक्ति में इजाफा कर स्टेमिना बढ़ाती है। सेक्स पावर और स्टेमिना बढ़ाने के लिए आप आयुर्वेद की विशेष औषधियों में एक अश्वगंधा चूर्ण को अपना सकते है।

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सम्भोग के समय अश्व यानि घोड़ा बना दे, अश्वगंध

  • आयुर्वेद में घोड़ा यानि अश्व के नाम से एक जड़ीबूटी है, उसका नाम है अश्वगन्धा। इसमें घोड़े जैसी गन्ध आती है।
  • अश्वगन्धा प्राचीन काल से शारीरिक, मानसिक स्टैमिना बढ़ाने में जबरदस्त कारगर ओषधि है। इसके सेवन से व्यक्ति में अश्व शक्ति का संचार होने लगता है।
  • अश्ववाचक जितने नाम हैं, उनको आदि में रखकर गन्ध शब्द अंत में लगाने पर जितने भी शब्द हो, वे सब अश्गन्ध वाचक होते हैं।
  • आयुर्वेद की ताकतवर, बाजीकरण, स्टेमिना तथा सेक्सुअल पावर बढ़ाने वाली दवाओं में अश्वगन्धा का विशेष विधि से मिश्रण किया जाता है।
  • अश्वगंधा के बलदा, बाजीगन्धा, वाराहकर्णी आदि घोड़े के जितने नाम हैं, उतने ही अश्वगन्धा के नाम निघण्टु में वर्णित है।
  • अश्वगन्धा को विथेनिया सामनिफेरा, ‘इंडियन जिनसेंग’ या विंटर चेरी भी कहा जाता है।

मर्दानगी, स्टैमिना बढ़ाने में जबरदस्त कारगर है- अश्वगन्धा…

  • स्टेमिना का मतलब और आयुर्वेद की 5000 साल पुरानी परम्पराओं के अनुसार घोड़े जैसी ताकत बढ़ाने के बेहतरीन उपाए बताए हैं।
  • अश्वगंधा के अनेक फायदे हैं। कमजोरी, हीनता, नपुंसकता, शीघ्रपतन, शुक्राणु अर्थात वीर्य की कमी या कम बनने में अश्वगंध चूर्ण को मिश्री के साथ मिलाकर दूध से खिलाते हैं।
  • अश्गंध का प्रयोग कई प्रकार के रोगों के उपचार में किया जाता है। अश्वगंधा का सेवन मुख्यत इसके चूर्ण के रूप में किया जाता है।
  • प्राचीनकाल से इसका उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार अमृतम अश्वगंधा चूर्ण से कई शारीरिक समस्या दूर हो जाती हैं।
  • अष्ट चूर्ण के सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है। अश्वगंधा युक्त दवाएं वैवाहिक पुरुषों के लिए रामबाण है।

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स्टेमिना क्या है?…

  • शक्ति, ऊर्जा, एनर्जी, ताकत ये सब स्टैमिना से जुड़े शब्द हैं। शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर किसी कार्य को करने के लिए उपयोग क्षमता को स्टैमिना कहा जाता है।
  • स्टैमिना व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्तर की वह क्षमता है जिसके द्वारा किसी भी कार्य को लंबे समय तक मन लगाकर पूरे मनोयोग से किया जा सकता है।
  • स्टेमिना से मतलब शारीरिक शक्ति या मजबूती से है, जो मनुष्य में कर्म (WORK) और काम (SEX) करने के लिए शक्ति प्रदान करता है!
  • स्टैमिना से भरे आदमी में थोड़े- थोड़े समय में थकान या सांस भरने की परेशानी नहीं होती।

स्टेमिना में कमी के संकेत और 12 लक्षण….

  1. किसी भी काम में एकाग्रता से मन न लगना।
  2. बार-बार ब्रेक की जरूरत महसूस करना।
  3. जरा सा चलने-फिरने, दौड़ने या श्रम करने में हाफनी भर जाना।
  4. सीढ़ियां चढ़ते समय थकान होना।
  5. बेचैनी, चक्कर आना। नींद कम आना।
  6. आलस्य बने रहना, उर्जारहित होना।
  7. भूख-प्यास, सेक्स उमंग से अरुचि होना।
  8. परिश्रम बिना पसीना आना।
  9. सदैव स्वयं को थका हुआ अनुभव करना।
  10. आंखों के सामने धुंधलापन छा जाना।
  11. रक्तचाप या ब्लडप्रेशर स्थिर न रहना।
  12. हाथों और पैरों में दर्द महसूस होना।

 

सेक्सुअल कमजोरी, नामर्दी की वजह जल्दबाजी….

  • ज्यादातर पुरुष तुरन्त स्टेमिना, सेक्स शक्ति बढ़ाने हेतु आयुर्वेदिक योगों को छोड़कर अनेकों अंग्रेजी दवाओं का सेवन करने लगते है, जिसके कारण शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ने लगता है क्योकि ये सभी दवाऐं आगे चल कर वीर्य सूखा कर बहुत कमजोर बना देती है, जिससे लिंग की कठोरता कम होकर पेनिस शिथिल हो जाता है।

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  • अश्वगन्धा, शतावर, स्मृतिसागर रस, कौंच बीज, वंग भस्म, स्वर्ण मकरध्वज, सफेद मूसली कादि से निर्मित दवा स्टेमिना, ताकत, शक्ति तेजी से बढ़ाती है। इसे हमेशा लिया जा सकता है।
  • अश्वगंधा प्राचीन काल से आयुर्वेद में उपचार होने वाली एक कारगर औषधि है। सतयुग से इसका उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है।
  • आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार अश्वगंधा चूर्ण से कई शारीरिक तथा मर्दाना ताकत सम्बंधित समस्या दूर हो जाती हैं। इसके सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है। अश्वगंधा उन वैवाहिक पुरुषों के लिए रामबाण है, जो सेक्स का भरपूर लुफ्त उठाना चाहते हैं।
  • अश्वगंधा भारत की बेहतरीन खोज है। यह चमत्कारी हर्ब है। इसे आयुर्वेद में अहम् सम्मान प्राप्त है। क्योंकि अश्वगंधा प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है।
  • आयुर्वेद की एकल ओषधि श्रंखला का यह ब्रांडेड उत्पाद है, जो अश्वगंधा चूर्ण के नाम से ऑनलाइन उपलब्ध है।
  • आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह बहुत सी गुप्त रोगों एवं दैहिक, दैविक बीमारियों के लिए अचूक है।

जानिए क्या हैं – अश्वगंधा के ३२ फायदे –

  • अश्वगंधा के नियमित सेवन से झुर्रियां, कम्पन्नता मिट जाती हैं।
  • यह प्राकृतिक उम्ररोधी अर्थात एंटीएजिंग बूटी है। बुढापा नहीं आने देता।
  • अनिद्रा की शिकायत को दूर करता है।
  • आयुर्वेद में मधुमेह नाशक दवाओं का यह मूल घटक है। डायबिटीज़,ब्लड शुगर को सन्तुलित करता है।
  • इंसुलिन सेंसिटिविटी को मसल्स सेल्स में सुधार करता है।
  • पुरुषों में मसल्स मास को बढ़ाकर, बॉडी फैट्स कम करता है और शक्ति देता है।
  • अश्वगंधा शरीर की जलन, बेचैनी और सूजन में राहतकारी है।
  • अश्वगंधा जोड़ों के दर्द और कमरदर्द के लिए फ़ायदेमंद है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में
  • शारीरिक दुर्बलता को कम करने में
  • शुक्राणुओं की गुणवत्ता बढ़ाकर यौन क्षमता वृद्धिकारक है।
  • अश्वगंध तनाव को खत्म कर, नींद समय पर गहरी लाता है।
  • गठिया और मधुमेह की बीमारियों में कारगर।
  • रक्त की कमी को पूरा करने में
  • शारीरिक थकावट दूर करने में
  • मांसपेशियों को मजबूत बनाकर जवानी बरकरार रखया है।
  • तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी जैसी समस्यों का कारगर इलाज है।
  • अश्‍वगंधा स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल के लेवल को कम करता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है।
  • गंभीर अवसादग्रस्त यानि डिप्रेशन से पीड़ित का इलाज भी इससे संभव है।
  • एंटीइंफ्लामेट्री गुणों की वजह से ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करता है।
  • अश्वगंध चूर्ण हृदय को स्वस्थ रखता है.
  • कर्कट अर्थात कैंसर के रोगियों लिए लाभकारी है।एक शोध के अनुसार अश्‍वगंधा कैंसर के कारण होने वाली कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को कम करने में सहायक है। अश्वगंधा नई कैंसर सेल्स को बनने से भी रोकता है।
  • शोथ, सूजन, थायराइड और वातरोग को कम करने में मददगार है।
  • जख्म, घाव आदि तकलीफ में अश्वगंधा की जड़ों को पीसकर घाव पर लगाने से जल्दी भरता है।
  • अश्वगंधा चूर्ण इम्युनिटी मज़बूत करता है।
  • त्वचा, चर्म/स्किन के रोगों दूर करता है।
  • अश्वगंध का अल्ज़ाइमर के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

बुद्धि की शुद्धि के लिए असरकारी-

  1. अश्वगंधा को दिमाग के लिए फायदेमंद कहा जाता है।मनुष्य के शरीर की बहुत सारी परेशानियों को दूर करने के लिए अश्वगंधा एक चमत्कारी औषधि के रुप में इसकी जड़ का उपयोग किया जाता है।
  • यह शरीर को बीमारियों से बचाने के अलावा दिमाग और मन को भी स्वस्थ रखती है। पुरुषत्व बढ़ाने में भी एक 3 से 5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण BFeral Gold Malt बी फेराल गोल्ड माल्ट के साथ मिलाकर गुनगुने दूध से 3/तीन महीने लेने से व्यक्ति सेक्स के मामले में फौलादी बन जाता है।

केवल पुरुषों के लिए उपयोगी

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