- यह लेख, ब्लॉग केवल पुरुषों के लिए है। पढ़कर काम का ज्ञान प्राप्त कर बिना टैक्स चुकाए सेक्स से रिलेक्स ले सकते हैं।
- जवानी में ही जो लोग सेक्स, सहवास को लेकर ज्यादा सावधानी बरतते हैं, वे स्त्री की योनि में वीर्य रूपी पानी का भरपूर विसर्जन नहीं कर पाते।
- और रात को रतिक्रिया के दौरान दिलवर जानी के सामने उन्हें मुंह की खानी पड़ती है। काम की कहानी बहुत अम्बानी, अडानी के भी लंबी है।
- सेक्स के समय पहले या बाद में मात्र सावधानी इतनी है कि सम्भोग करने के बाद ठंडा पानी न पिएं और सुबह उठते ही गर्म पानी, नींबू पानी न लेवें।
- अन्यथा आपके शुक्राणु पानी जैसा पतला हो जायेगा। सेक्स के बाद गर्म गर्म दूध पीना बेहद लाभकारी होता है।
- श्रीमद्भागवत गीता में कर्म को काम और कामशास्त्र में काम को सेक्स बताया है। सेक्स को समझने वाले स्त्री-पुरूष अलग-अलग नजरिये से समझते हैं।
कामसूत्र के श्रंगार शतक में लिखा है-
- मन का सुकून, तन का गर्म खून को संतुलित करने, समाज के जोड़ने और संतति सुख, संतान उत्पत्ति तथा वंश वृद्धि सम्भोग एक जरूरी अनुष्ठान है। काम यानि सेक्स के ज्ञानवर्धन हेतु कामसूत्र ग्रंथ की रचना की गई।
- वृहद् वात्स्यायन कामसूत्र के मुताबिक कामवासना, कामपिपासा की शान्ति कामदहन यानि स्त्री के साथ रतिक्रिया करने के बाद ही होती है।
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काम के ही दुनिया में तमाम, ताम-झाम हैं
- काम की गर्मी सूर्य की तपन यानि तपती दुपहरी की घाम से भी ज्यादा तकलीफ देती है।
- काम ही सुखी जीवन का इंतजाम है। आदि से अन्त तक काम ही काम है। इसीलिए काम से ही सन्सार चलायमान है।
- काम के नफ़रत भरे और बुरे अंजाम हैं। काम के लिए ही लोग रोज शाम को जाम (दारू)लेने आतुर हो जाते है।
- काम का बहुत भूत सवार हो और कभी जाम (ट्रैफिक) में फंस जाएं, तो क्रोध आना लाजमी है।
- काम की तृप्ति के बाद ही बुढापे में सबको राम -श्याम याद आते हैं।
- काम ही चारों धाम है।
- काम के ही सब अंजाम है।
- काम से दाम, नाम, दुआ सलाम है।
- काम के कारण ही सन्सार में तमाम, ताम-झाम, इनाम है।
- काम आराम है और आराम में खलल भी।
- काम इंतकाम की आग है।
- काम (sex) का तृप्ति-आनंद, संतुष्टि ही सबसे बड़ी शुभकामना ओर प्रार्थना है।
- काम ही साधना-आराधना है।
- काम सबकी प्रथम मनोकामना है।
- काम की पूर्ति परिपूर्ण तृप्ति होने से प्रेम बढ़ता है।
- काम वृद्धि से विवश बड़े-बड़े वीर, वीर्य निकालने को ब्याकुल रहते हैं और अपनी वीरता को बैठते हैं।
- सहवास अर्थात सेक्स रिलेशन होने के पश्चात ही मानव जीवन सरल, सहज हो पाता है।
- काम से मर्द का दिमागी दर्द दूर होता है। कामवासना शान्त होने के बाद ही मानसिक यातना, तन की ताड़ना तथा प्रताड़ना की पीड़ा का नाश होता है।
- काम के कीड़े से परेशान आदमी का दिन या रात काटना मुश्किल हो जाता है।
- लालन (बच्चों) और पालन की प्राप्ति काम से ही संभव है।
- काम ही गति और मति है। तभी, तो श्रीमती आने के बाद जीवन की गति-मति (बुद्धि) बदल जाती है
- कामतृप्ति के बाद ही दशा-महादशा, दिशा समझ आती है। इसलिए शादी का उल्टा दिशा होता है।
- काम ही काम (कर्म) के लिये भगाता है। भागम-भाग ओर दौड़ने-भागने से व्यक्ति काम कर भाग्य जगा पाता है।
- काम ही भाग्य-दुर्भाग्य, योग, भोग, जप-तप है।
- काम के कारण ही रग-रग में रोग और राग, लोभ, लालच, मोह-माया आती है।
- काम के तीर, पीर (अशांति) देते हैं।
- काम एक अनुपयोगी अनुष्ठान है।
- काम यानि सेक्स की पूर्ण आहुति अर्थात हवन होते ही तन-मन को शकुन मिलता है।
- कर्म-काम-सेक्स यह मनुष्य की जरूरत है। एक काम से पेट को राहत, तो दूसरे से मस्तिष्क को आराम मिलता है। लेकिन हराम में कुछ नहीं मिलता।
- काम के कारण ही व्यक्ति दुनियाभर के ताम-झाम फैलाता है।
- काम की वजह से ही उसका नाम होता है।
- सन्सार में पुरुष अकेला ऐसा प्राणी है, जो सेक्स, सम्भोग या यौन संबंध का मतलब महज़ प्रजनन नहीं मानता।
- सेक्स या कम इंसान के लिए स्वस्थ्य शरीर का घोतक भी है। काम/सेक्स के माध्यम से मनुष्य मानसिक शान्ति तथा आत्मिक सुख प्राप्त करता है।
- काम के तमाम के बाद ही वह किसी काम को मन लगाकर कर पाता है।
- नर-नारी, के मध्य मैथुन, सम्भोग, सहवास मिलन, मिलना आदि कहते हैं।
- अंग्रेजी भाषा में काम को सेक्स को सेक्सुअल इन्टरकोर्स (Sexual intercourse ) बताया है।
- काम अर्थात सेक्स की उस क्रिया को कहते हैं, जिसमे महिला की सहमति से पुरुष, मर्द, नर या आदमी का लिंग शिश्न या पेनिस महिला, मादा, स्त्री, वयस्क लड़की, औरत, रखैल, प्रेमिका या त्रिया की योनि अर्थात वैजाइना/VAGIN में डाल देता है अथवा प्रवेश कराता है।
- सेक्स का सार, 40 के पार ही समझ आता है। सेक्स का संसार सर्वनाश होने से घर-परिवार में हथियार का उपयोग होने लगता है और व्यापार चौपट होकर क्लेश होने का कारण बनता है।
- शास्त्रो में काम के विषय में अनाम और प्रसिद्ध ऋषियों ने तमाम लिखा, काम का स्थाई हल केवल आयुर्वेद में है।
- सामान्य तौर पर पुरुष जब संतुष्टि दायक सहवास नहीं कर पाते या बिस्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह दिमाग ब खुद पर बहुत ज्यादा दबाव डालने लगते हैं।
- वे अक्सर सेक्स संबंध के दौरान या डालते समय ऐसे अवसरों पर प्रदर्शन-विफलता का शिकार हो जाते हैं जब वे अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं होते हैं।
- अधिकांश रूप से देखा गया है कि पुरुष अपने इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के बीच आत्म-सम्मान की हानि मानकर पत्नी को शक की नजर से देखने लग जाते हैं। और हिंसक भी हो सकते हैं
वीर्य को गाढ़ा कर कामवृद्धि के लिए आयुर्वेदिक दवा…
- एक असरदायक उत्पाद B FERAL GOLD MALT बी फेराल गोल्ड माल्ट ओर कैप्सूल चालीस के पार वाले पुरुषों को लाभदायक हैं।
- विशेष तौर पर कामवृद्धि हेतु सदैव हानिरहित आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन हितकारी होता है- ये दोनों दवाएँ बाजीकरण युक्त आदि स्वर्णयुक्त ओषधियाँ से बनी हैं।
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सेक्स से स्त्री होती है रिलेक्स और सौंदर्य बढ़ता है
- स्त्री पुरुष के शारीरिक मिलन है, जो भोगने से मिलता है। सम्भोग के समय जो भी पुरुष अधिक मात्रा में टैक्स के रूप में योनि में वीर्य को भरकर स्त्री को बुरी तरह थका दे, वही सच्चा सेक्स है और ऐसे पुरुष मर्द कहलाने योग्य होते हैं।
- बुर का बुरा हाल करने वाले मर्दों से नारी बहुत प्रसन्न रहती है। क्योंकि थकाने वाला सेक्स स्त्री के अंग अंग में कंपन्न उत्पन्न कर देता है।
काम तेरे नाम अनेक जाने सेक्स की शतिरता
- काम/सेक्स यानि सम्भोग भिन्न-भिन्न जीवित नर मादा प्रजातियों के हिसाब से विभिन्न प्रकार से हो सकता है अथवा किया जा सकता है।
- सेक्स-सम्भोग को योनि मैथुन, हमबिस्तर होना, हमखाला, काम-क्रीड़ा, योनक्रिया, रति-क्रीड़ा, यौनक्रीड़ा, रतजगा, रात गुजारना, रस तरंग, सेक्सुअल रिलेशन, मिलन, मिलना आदि भी कहा जाता है।
- जबरदस्ती सेक्स करना जुर्म है-संभोग की क्रिया केवल पति-पत्नी के मध्य होना कानूनन मान्य है।
- यदि कोई स्त्री या पुरुष मानसिक तसल्ली या मेंटली रिलेक्स के लिए पर-पुरुष या परनारी से सेक्स रिलेशन बनाता है, तो वह संविधान के विपरीत अपराध या बलात्कार की श्रेणी में आता है।
- भारत सहित अनेक देशों में पति-पत्नी के अलावा अन्य स्त्री-पुरुष से संबंध बनाना बहुत बड़ा जुर्म है।
- विभिन्न प्रकार के अमान्य सम्भोग-सेक्स.. कामसूत्र, काम सहिंता आदि ग्रंथों में काम तेरे काम और नाम अनेक बताए गए हैं।
- विश्व में अनेकानेक इस तरह सेक्स सम्भोग भी हैं, जिसमें शिश्न या पुरुष लिंग का उपयोग नर और मादा के बीच नहीं होता। जैसे-मुख मैथुन, गुदा मैथुन, हस्तमैथुन इस तरह के काम या सेक्स को मैथुन, तो कह सकते हैं, लेकिन सम्भोग, सहवास बिल्कुल भी नहीं।
- धर्मशास्त्रों में काम की बात भारत के अनेक धर्म-दर्शन शास्त्रों के अनुसार कामुकता, काम यानि सेक्स को अत्यन्त पवित्र माना है। क्योंकि सृष्टि रचना में ब्रह्मांड वासियों की लौकिक इच्छा पूर्ति के लिए कामदेव का अवतार हुआ था, ताकि लोग केवल काम work से ही काम न रखें।
- नियमित रोज काम/सेक्स भी करें। मर्दांगनी प्रदान करना इसका विलक्षण गुण होता है।
- गर्वीली स्त्रियों, रमणियों के मान-मर्दन अर्थात सेक्स समाधान हेतु यह एक सक्षम तथा गुणकारी हानिरहित चिकित्सा है।
- जवानी बढ़ाने में वरदान सिद्ध हुआ है, यह 40 के पार वालों का उद्धार करता है।
- पुरुषों मेंअक्सर यह देखा गया है कि पुरुष स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन के के कारण हीनभावना से भर जाते हैं और तनाव ग्रस्त होकर दिमागी रूप से कमजोर हो जाते हैं।
- मर्द के लिए आत्म-सम्मान की हानि और समग्र पुरुषत्व हीनता सबसे बड़ा अपमान होता है।
- अगर दूसरे शब्दों में स्पष्ट रूप से कहा जाए, तो जब पुरुष शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) से पीड़ित होते हैं, तो वे एक पुरुष की तरह कम महसूस करते हैं। वे स्वयं को पुरुषार्थी नहीं समझ पाते।
शीघ्रपतन से तन का पतन और वतन बर्बाद हो जाता है
- अधिकांश लोग तत्काल लाभ देने वाली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं इससे उदर विकार बेशुमार बढ़ जाते हैं।
- सुश्रुत संहिता में स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी कामुकता वृद्धिकारक दी लेने से पूर्व पेट की शुद्धि का ध्यान रखें।
- आयुर्वेद के 5000 साल प्राचीन ग्रंथों का अवलोकन, अध्ययन, अनुसंधान कर एक ऐसी ओषधि बी फेराल गोल्ड माल्ट & कैप्सूल है, जो पेट की सभी बीमारी दूर कर पाचन तंत्र को पुष्ट बनाती है और पाचन रस, रक्त और वीर्य बनाने में अवरोधक समस्यायों का पूर्णतः निदान करती है।
- आयुर्वेद की 100 फीसदी ओषधि बी फेराल गोल्ड माल्ट 2-3 माह तक लेकर देखें। इसमें उपरोक्त जड़ी बूटी, रस भ्रमों के अलावा आमला मुरब्बा, सेव मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, गुलकंद का समावेश होने से ये पेट की सभी बीमारियों को ठीक करते हुए तब, मन का कायाकल्प कर देती है।
- बी फेराल गोल्ड माल्ट में एंटीऑक्सीडेंट आंवला मुरब्बा, उदर रोग हर हरड़ मुरब्बा, सेक्स बूस्टर छुआरा, कब्ज नाशक मुनक्का, गुलकंद आदि मिले हुए हैं।
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कब तक लेना चाहिए
- बी फेराल शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है। यह देह के सारे सिस्टम को ठीक करने में कम से कम एक से तीन माह का समय लेती है। इसीलिए तीन माह से अधिक सेवन करें।
- माल्ट के साथ बी फेराल गोल्ड कैप्सूल के साथ लेने से आपको 15 दिन में असर दिखने लगेगा। लेकिन स्थाई रूप से लंबे समय तक मर्दाना ताकत के लिए ये दोनों 100 फीसदी आयुर्वेदिक दवाएं कम से कम 3 माह तक लेना जरूरी है। आपको 5 साल तक के लिए पुरुषार्थ शक्ति की कमी नहीं होगी।
- BFeral में मिले द्रव्य अश्वगंध, शतावर, सफेद मूसली, कोंच बीज, सिद्ध मकरध्वज, शुद्ध शिलाजीत, गुगल, बंग भस्म, स्वर्ण माक्षिक भस्म, स्वर्ण भस्म, रजत भस्म, स्वर्णपत्री आदि शरीर को अंदरूनी ताकत देकर नयापन देती हैं।
- शरीर में नवीन रस, रक्त, मज्ज़ा, अस्थि, धातु का निर्माण कर शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है। इससे वीर्य भी गाढ़ा होता है।
- BFeral 3 महीने सेवन के बाद काम या सेक्स के समय मिले परम ‘आनंद’ को मापा जा सकता है?
- सदैव स्वस्थ्य रहने के लिए योग, परिश्रम, अभ्यंग यानि मालिश अवश्य करें, ताकि बिना दवाई के भी मस्त रह सकें।
- मालिश के लिए आयुर्वेद का सबसे महंगा बहुमूल्य ओषधि तेल Kumkumadi oil यौवन वृद्धि के लिए चमत्कारी है।
सेक्स क्या है।
सफल संतुष्टि पूर्वक संभोग केसे करें?
रतिक्रिया का मतलब।
सेक्स में बाजी जितने का क्या उपाय है?
सहवास केसे करते हैं?
नामर्दी, नपुंसकता का क्या इलाज है?
शीघ्रपतन से मुक्ति पाने का तरीका
पत्नी को सेक्स सुख केसे देवें?
- आदि 200 से अधिक ब्लॉग क्योरा, गुगल और amrutampatrika अमृतम की वेवसाइट पर पढ़ सकते हैं।
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