- आयुर्वेद में फिट रहने की अनेकों किट और छोटे छोटे घरेलू सरल उपाय उपलब्ध हैं। इन्हें दैनिक जीवन में अपनाकर निरोग रह सकते हैं। रोज सुबह एक चम्मच गुलकंद सुबह साढ़े जल से सेवन करें।
रात को 8 मुनक्के, जीरा, अजवाइन, सौंफ, धनिया, दालचीनी, नागकेशर सभी 250–250 mg 100 ग्राम पानी में गलाकर सुबह उबालकर ठंडा करें और जूस निकालकर उसमें आधा ग्राम सेंधा नमक और 5ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट पियें।
- नाश्ते में मीठा दही जरूर लेवें।
- रात को दही न खाएं।
- अरहर की दाल खाएं, तो उस दिन पानी अधिक पियें।
- नाश्ते में गरिष्ठ भोजन ले सकते हैं।
- आयुर्वेद चंद्रोदय, द्रव्यगुण विज्ञान के अनुसार सुबह स्नान करने के बाद ही नाश्ता करें।
- सुबह का ब्रेकफास्ट स्वर्ण की तरह, दुपहर का भोजन रौप्य यानी चांदी की तरह बल कारक होता है लेकिन रात्रि का खाना माटी की तरह होता है।
- रात को सुपाच्य भोजन ही लेना हितकारी रहता है।
- मुंह की दाल सर्वश्रेष्ठ होती है।
- कभी कभा दलिया भी ले सकते हैं।
- रात में दही, सलाद, फल, जूस, अरहर की दाल का परहेज बताया है।
- सुबह उठते ही 2 से तीन गिलास केवल सादा जल ही लेवें, फिर चाय आदि लें।
- पेट में कब्ज न होने दें ।
- अमृतमपत्रिका पर स्वस्थ्य कैसे रहें यह ब्लॉग ऑनलाईन पढ़ें। इसमें श्रीमद भागवत गीता आदि ग्रन्थों के निर्देश दिए हैं!
- आयुर्वेद वात-पित्त-कफ को सन्तुलित कर सम्पूर्ण तन-मन की कार्यप्रणाली की नियमित करता है।
- आयुर्वेद में किसी भी रोग को ठीक करने में समय लग सकता है, लेकिन बीमारी का इलाज जड़ से होता है।
- वात-पित्त-कफ का संतुलन आप स्वयं भी बना सकते हैं इस हेतु ayurveda life style बुक का अध्ययन कर अमल करें। इस किताब के पढ़ने से आपको यह ज्ञात हो जाएगा कि शरीर की तासीर कैसी है।
- अगर आप आयुर्वेद चिकिसकों या स्त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा घर बैठे ऑनलाईन उपचार करना चाहते हों, तो amrutam.globle पर परामर्श ले सकते हैं।
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