- समुद्र मंथन के उपरांत निकले हलाल को जब महादेव को पीना पड़ा, तो उन्होंने इसे कंठ में धारण कर लिया था। भोलेनाथ का कंठ नीला होने के कारण इनका एक नाम नीलकंठ भी प्रसिद्ध हुआ।
- भारत में सिद्ध नीलकंठ मंदिर कुल 12 है, जो स्वयंभू रूप में स्थित हैं। विस्तार आगे फिर लिखेंगे। इस लेख में अति दुर्लभ नीलकंठ स्तोत्रम की जानकारी प्रस्तुत है। ये उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होगा, जो हमेशा मानसिक रूप से कमजोर, क्रोध से भरे रहते हैं।
- अवसाद, डिप्रेशन, मिर्गी रोग, मानसिक विकार, याददाश्त की कमी, काम में मन न लगना, गृह क्लेश आदि 108 तरह की व्याधि परेशानियों से मुक्ति दिलाएगा।
भगवान शिव का नाम नीलकंठ कैसे पड़ा ?
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