गुरु भक्त शनि बाबा हमेशा लोगों को गुरु या भोलेनाथ से जोड़ते हैं। जो ईश्वर को नहीं मानता उसे जनता नकार देती है।
धन सम्पदा,MONEY के दाता शनि से धरती पर जिससे भी तनातनी हुई, उसका परिवार, बाल बच्चे और जनी यानी पत्नी कुएँ से पानी भरने को मजबूर हो जाती है। आदमी को मजबूरी में मज़दूरी कर गुज़ारा करना पड़ता है।
हड्डियों का दान करने वाले दधीचि पुत्र शनिदेव परम शिव भक्त महर्षि पिप्पलाद के शिष्य थे। अपना जीवन गुरु चरणों में अर्पित कर नवग्रहों में पूज्य हुए।
शनि की कृपा पाने के लिए हमेशा गुरु मन्त्र का जाप, समर्पण और पूजा ध्यान करें, तो शनि शीघ्र प्रसन्न होते हैं। आज़मा सकते हैं।
शनि शान्ति और कृपा प्राप्ति का उपाय
शनिवार की रात ओर रविवार को सुबह सूर्योदय से पहले यानी प्रातः 4 से 5 बजे के बीच किसी जोशी या शनि महाराज को छायादान करें।
छायादान का सामान…
कांसे या मिट्टी का पात्र में तेल भरकर एक अमृतम राहुकी तेल Raahukey oil का दीपक जलाकर अपना चेहरा देखकर जोशी को दान करें।साथ में घर का बना हुआ उड़द की दाल का बना हुआ मंगोड़े, दहीबड़ा एवं टिल के लड्डू, काला वस्त्र, छतरी, जुते शहद या मधु पंचामृत तथा इमरती आदि साथ में दान करें।
छायादन की यह सब प्रक्रिया मुख्य दरवाजे पर खड़े होकर करें।ततपश्चात स्नान करके घर के मंदिर में देशी घी के 5 दीपक जलाएं। शनि का प्रकोप शांत हो जाएगा।7 दिन में यदि 40 फीसदी राहत महसूस करें, तो यह छायादान 7 बार करें।
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