कुबेरजी महाराज कौन थे?

  • कुबेर संपूर्ण ब्रह्माण्ड के खजाने के खजांची हैं। रावण के सैटल भाई कुबेर ने दक्षिण भारत के श्रीकाल हस्तीश्वर शिवालय में शिवजी का घनघोर तप किया, तो उन्हें धन का मालिक बना दिया।
  • शरीर से कुबड़े होने के कारण इन्हें कुबेर कहते हैं। कुबेर के अनेक किस्से हैं।

मन्दसौर के कुबेर मंदिर कभी नहीं लगता ताला

  • यहां कुबेर मूर्ति चतुर्भुज है। इसके एक हाथ में धन की पोटली, दो हाथों में शस्त्र व एक हाथ में प्याला है। भगवान कुबेर नेवले पर सवार हैं। दावा है कि भगवान कुबेर की इस तरह की मूर्ति देश में गुजरात के वडोदरा के बाद मध्यप्रदेश के मंदसौर में ही है।
  • मंदसौर के खिलचीपुरा में धन के देवता भगवान कुबेर का मंदिर है। यहां कुबेरजी शिव परिवार के साथ एक ही मंदिर में विराजे हैं।
  • कुबेर भगवान की अनूठी मूर्ति शिव के साथ केवल मंदसौर में ही स्थापित है। धनतेरस पर यहां सुबह 4 बजे तंत्र पूजा की जाती है। इसके बाद हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
  • पर्व के मद्देनजर मंदिर परिसर में रंगरोगन सहित अन्य आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। क्षेत्र का गुप्त कालीन प्राचीन कुबेर मंदिर शहर से 3 किमी दूर खिलचीपुरा में है।
  • इतिहासकारों के अनुसार 1300 साल पुरानी यह मूर्ति खिलजी साम्राज्य से पहले की बताई जाती है। पुजारी के मुताबिक यहां परंपरा के मुताबिक गर्भगृह पर आज तक ताला नहीं लगाया है। पहले तो दरवाजा तक नहीं था।
  • खिलचीपुरा में स्थित गुप्त कालीन कुबेर मंदिर। कुबेर के साथ धौलागिरि महादेव व गणेशजी। मराठा कालीन युग में इस मंदिर का निर्माण हुआ
  • इतिहासकारों का मानना है कि मराठाकालीन युग में इस मंदिर का निर्माण हुआ है। कहते हैं यहां पूजा-आराधना करने से धन संबंधी सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं।
  • श्री धौलागढ़ महादेव मंदिर लगभग 1300 साल पहले बना है। इसी मंदिर में स्थापित भगवान कुबेर की मूर्ति उत्तर गुप्त काल में सातवीं शताब्दी में निर्मित है।
  • मराठा काल में धौलागिरि महादेव मंदिर के निर्माण के दौरान इसे गर्भगृह में स्थापित किया गया। मंदिर में भगवान गणेश व माता पार्वती की मूर्तियां भी हैं।

एक बार दर्शन को जरूर जाएं

  • कुबेर के साथ धौलागिरि महादेव व गणेशजी की मूर्ति भी विराजित है। भक्तों को बैठकर ही प्रवेश करना पड़ता है और वापस निकलते समय पीठ दिखाए बिना निकलना पड़ता है।
  • धन तेरस पर हवन व महाआरती का आयोजन भी होता है। धन के देवता के साथ शिव पूजन के लिए दुनिया के श्रद्धालु आते हैं।

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