एक खतरनाक स्त्री रोग लिकोरिया —
-अधिकांश नवयुवतियां/महिलाएं श्वेत प्रदर/सफेद पानी/व्हाइट डिस्चार्ज एवं ल्यूकोरिया जैसे रोगों से जुझती रहती हैं, किन्तु अपने शर्मीलेपन के कारण किसी को बता नहीं पाती और इस बीमारी की वजह से पूरे शरीर को खोखला कर लेती हैं।
श्वेत प्रदर/लिकोरिया यह स्त्री रोग महिलाओं को काफी नुकसान पहुंचाता है। इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए परहेज/पथ्य करने के साथ-साथ अशोक छाल, शतावरी, नागकेशर के काढ़े का सेवन, प्राकृतिक चिकित्सा, व्यायाम तथा योग क्रियाओं का नियमित अभ्यास युवतियों को इस रोग से छुटकारा दिलाकर आकर्षक और सुन्दर भी बनाता है।
क्या कारण हैं इस बीमारी के —
【】अनियमित खानपान
【】उत्तेजक कल्पनाए
【】सम्भोग में उल्टे आसनो का प्रयोग करना
【】सेक्स के समय अत्यधिक घर्षण युक्त आघात
【】रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवास
【】सेक्स के पश्चात योनि को जल से साफ न करना या वैसे ही गन्दे बने रहना आदि इस रोग के प्रमुख कारण बनते हैं।
【】बार-बार गर्भपात कराना भी एक प्रमुख कारण है।
योनि स्राव/सफेद पानी से कैसे बचें —
■ जननेन्द्रिय क्षेत्र को साफ और शुष्क रखना जरूरी है।
■■ योनि को बहुत भिगोना नहीं चाहिए (जननेन्द्रिय पर पानी मारना) बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि माहवारी या सम्भोग के बाद योनि को भरपूर भिगोने से वे साफ महसूस करेंगी वस्तुत: इससे योनिक स्राव और भी बिगड़ जाता है क्योंकि उससे योनि पर छाये स्वस्थ बैक्टीरिया मर जाते हैं जो कि वस्तुत: उसे संक्रामक रोगों से बचाते हैं
■■■ यौन सम्बन्धों से लगने वाले रोगों से बचने और उन्हें फैलने से रोकने के लिए कंडोम का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए।
आयुर्वेद के के ग्रंथो जैसे भैषज्य रत्नावली,
चरक संहिनता आदि में श्वेत प्रदर नाशक अनेक घरेलू चिकित्सा का वर्णन है।
लिकोरिया नाशक हर्बल ओषधियाँ ––
[1] आंवला मुरब्बा
कच्चे आंवले को कांटेदार चाकू से गोन्थकर
उसे 24 घण्टे तक चुने के पानी में डालकर छोड़ें।
फिर पतली चाशनी में उबालकर आँवला मुरब्बा घर में भी बना सकते हैं। रोगों को जल्दी ठीक करने के लिए घरेलू उपाय बहुत जल्दी फायदा देते हैं।
एक आंवला मुरब्बा रोज सुबह दूध या पानी के साथ 2 से तीन माह तक निरन्तर लेना इस बीमारी में जरूरी है।
दूसरा तरीका यह भी है कि —
अमृत फल आँवला सुखाकर अच्छी तरह से पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रोज 2 से 3 ग्राम की मात्रा लगभग 1 महीने तक सुबह-शाम लेने से स्त्रियों को होने वाला श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग हमेशा के लिए नष्ट हो जाता है।
लिकोरिया का घरेलू देशी इलाज —
◆ झरबेरी यानी सूखे बेर 20 gm
◆◆ नागकेशर 3 gm
◆◆◆ मुलहठी/मधुयष्टि/मुलेठी 5 gm
◆◆◆◆ बड़ी इलायची, माजूफल ककड़ी के बीज, कमलककड़ी, जीरा, सूखा जामुन, फिटकरी,नीम, बबूल, गुग्गल, शिलाजीत, कालीमिर्च, छोटी पीपल, प्रदरांतक लोह, प्रवाल भस्म सभी 2-2 ग्राम और मिश्री 20 gm इन सभी को मिलाकर 21 खुराक बनाकर एक दिन में तीन बार सादे जल के साथ
7 दिन तक लेकर देखें। इस घरेलू उपाय से आपको 40 से 50 फीसदी आराम मिल जाय, तो यह प्रयोग 3 माह तक लगातार करें। लिकोरिया जीवन भर के लिए मिट जाएगा।
योनि शिथिलता मिटाने के लिए
मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है। रात को 4 चम्मच पिसी हुई दाना मेथी को सफेद और साफ भीगे हुए पतले कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर जननेन्द्रिय में रखकर सोयें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है और आराम मिलता है।
मेथी के लड्डू या मेथी पाक —
मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से श्वेतप्रदर से भी लाभ होता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इसके उपयोग से गर्भाशय की बीमारी एवं गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से सफेद पानी का आना/श्वेत प्रदर या लिकोरिया दूर हो जाता है।
तैयार देशी दवा/हर्बल मेडिसिन भी ऑनलाइन मंगवा सकते हैं —
यदि आप चाहें,तो शुद्ध तरीके से बनी देशी दवाई नांरी सौन्दर्य माल्ट का सेवन कर सकते हैं। यह 44 तरह के नांरी रोगों का जड़ मूल से नाश करती है।
यह आंवला मुरब्बा, शतावरी, अशोक छाल,
नागकेशर, छोटी पीपल, गूलर, अमलताश, गुलकन्द आदि ओषधियों के मिश्रण से निर्मित है।
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