Past Forward अर्थात प्राचीन यानि पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाओ। ओल्ड सदैव गोल्ड रहता है।
अमृतम कुंकुमादि तेलम भी आयुर्वेद की 5000 साल प्राचीन पध्दति के अनुसार निर्मित है! इसमें नेचुरल सनस्क्रीन गुण होते हैं।
आयुर्वेद का यह बहुमूल्य फेस ऑयल रोम-रोम की मरम्मत कर, चेहरे की त्वचा को चमका देता है।
हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलोर, मुम्बई
के अखबारों में फीचर हुआ!!!
अमृतम कुमकुमदी तेल सोलह श्रृंगारों में से एक है। इसके 16 चमत्कारी काम….और कहानी
अमृतम कुंकुमादि तेल का यह योग आयुर्वेद के “योगरत्नाकर” नामक प्राचीन ग्रन्थ” के क्षुद्ररोगाधिकार तथा
चरक सहिंता के त्वचा रोगाधिकार और भैषज्य रत्नाकर के “सुन्दरता वृद्धि योग” से लिया गया है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आयुर्वेदिक फार्मूलेशन ऑफ इंडिया (AFI) आयुर्वेद की सबसे विश्वसनीय पुस्तक है।
एएफआई में केशर से निर्मित के फार्मूले का संस्कृत में एक श्लोक लिखा है….
कुंकुम चन्दनं लोध्रं
पतंग रक्तचन्दनम् !
कालियकमुशीरं च
मजिंष्ठा मधुयष्टिका !!१!!
पत्रकं पद्मकं पद्मकुष्ठं
गोरोचनं निशा !
लाक्षा दारूहरिद्रा च
गैरिकं नागकेशरम् !!२!!
पलाशकुसुमं चापि
प्रियंगगुश्च वटाअंकुरा !
मालती च मधूच्छिष्टम
सर्षपा: सुरभिवर्चा !!३!!
अर्थात–
कुंकुमादि तेल में मिले घटक निम्न हैं-
◆केसर, ◆चंदन, ◆लोध्रं,
◆पतंग काष्ठ, ◆रक्त चन्दन
◆लाख (लाक्षा) ◆मंजिष्ठा
◆यष्टिमधु (मुलेठी) ◆दारुहल्दी
◆उशीर ◆पद्मक ◆नील कमल
◆बरगद (वट वृक्ष) ◆पाकड़/पाखर
◆कमल केसर ◆बिल्व ◆अग्निमंथ
◆श्योनाक ◆गंभारी ◆पाटला,
◆नागकेशर, ◆वट अंकुर, ◆पलाश,
◆प्रियंगुमंजरी, ◆शालपर्णी पृश्नपर्णी
◆गोखरू (गोक्षुर) ◆बृहती
◆ कंटकारी या भटकटैया,
◆मालती और ◆मधु आदि मिलाकर
इसे 16 गुने पानी में 8 दिनों तक उबालते हैं। उसके बाद शेष बचे उबले जल/काढ़े को छानकर निकाल लेते है ..
और इस काढ़े को तिल्ली, बादाम, चंदनादि तेलों में15 दिनों तक मंदी आंच में पकाते हैं,
तत्पश्चात 40 से 50 दिनों में कुम-कुमादि तेल तैयार हो पाता है।
5000 वर्ष पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथो के अनुसार अमृतम कुंकुमादि तेलम 35 से अधिक ..
घटक-द्रव एवं जड़ीबूटियों के अर्क, काढ़े से प्राचीन क्षीरपाक विधि से निर्मित किया जाता है।
अमृतम कुंकुमादि तेल सोलह श्रृंगारों में से एक है। इसके 16 चमत्कारी काम….
यह त्वचा की सूक्ष्म कोशिकाओं की मरम्मत करने में खास उपयोगी हैं–
【1】त्वचा को कोमल, मुलायम और ग्लोइंग बनाने में सहायक है।
【2】जगमगाता गोरापन लाएं।
【3】चेहरे की चमक बढ़ाये।
【4】ऑयल कंट्रोल करता है।
【5】खोया निखार वापस लाये।
【6】दाग-धब्बों मिटाने में करिश्माई।
【7】झुर्रियां कम करे
【8】बेहतर रंगत दे
【9】आत्मविश्वास बढ़ाये।
【10】कील-मुहांसे, दाग-धब्बे मिटाता है।
【11】रोज रात सोते समय लगाएं यह आयुर्वेदिक औषधि- शीघ्र आएगा चेहरे पर निखार….
【12】अमृतम कुंकुमादि तेलं में मिलाई गई केशर का सबसे महत्वपूर्ण काम यह है की यह त्वचा में जल्दी शोषित होकर मरम्मत करता है।
【13】यह बुढापे को रोकता है इसलिए उम्ररोधी यानी एंटीरेजिंग भी होता है।
【14】केशर पूरे प्रेशर से त्वचा की पूरी गन्दगी बाहर निकालकर, चेहरे के कलेवर को बदल देता है।
【15】लटकती ढ़ीली त्वचा, झुर्रियां, बुढापे के लक्षण आदि समस्याओं का स्थाई हल है
【16】चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने हेतु इसमें मिलाया गया चन्दन, केशर की वजह से कुमकुमादि तेल त्वचा के लिए काफी गुणकारी होता है।
कहानी कुंकुमादि की….
इस तेल के फार्मूले की खोज लाखों-हजारों साल पहले आयुर्वेदिक वैज्ञानिक महर्षि अंगारक ने की थी।
बदसूरती की वजह से दिल में लगी ठेस से फेस खराब होने के कारण हम जिंदगी की हर रेस में पिछड़ने से जी क्लेश में रहता है।
ऐसे वक्त अमृतम कुंकुमादि ऑयल यदि 30 दिन तक रोज रात को चेहरे पर बस एक बून्द लगाकर सोएं,
तो लड़कियों में खूबसूरती बढ़ाकर आत्मविश्वास जगाता है।
क्योंकि हर्बल का अर्थ है इमोशनल मेकिंग।
एक माह में चेहरे पर चमक ही चमक…
तन भी सुंदर, मन भी सुंदर तुम सुंदरता की मूरत हो ऐसा कहने वाले फिर हजारों होंगे!
अमृतम कुम-कुमादि तेलम् यह आयुर्वेद का 5 हजार साल पुराना फार्मूला है–
★ अर्कप्रकाश,
★ स्कन्दः पुराण,
★ ईश्वरोउपनिषद,
आदि पुरानी किताब के किबाड़ खोलने से ज्ञात होता है कि-इस तेल का उपयोग सुन्दरता वृद्धि हेतु सदियों से हो रहा है।
कोमल, निखरती त्वचा और चेहरे को चमकदार बनाने एवं खूबसूरती के लिए किया जाता रहा है।
पुराने राजे-रजवाड़ों के महंगे शौक–
का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है।
यह बहुत बहुमूल्य होने के कारण इसे केवल राजा-महाराजा की रानी-महारानी के अलावा अमीर-रहीस लोग ही वर्षों इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
आम आदमी को इस तेल के बारे इसमें ज्यादा मालूम नहीं है।
सदियों में या किसी भी मौसम में हाइपरपिगमेंटेशन के लिए यह तेल काफी लाभदायी माना गया है।
क्यों होता है पिगमेंटेशन….
इस समय दुषित आवो-हवा की वजह से पूरे विश्व के युवा स्त्री-पुरुषों को त्वचा संबंधी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
पिगमेंटेशन या हायपरपिगमेंटेशन त्वचा की एक सामान्य समस्या है।
जो प्रदूषण और प्रदुषित वातावरण के चलते 10 में से 7 महिला या मर्द चेहरे की स्किन खराब होने के भय से पीड़ित है।
पिगमेंटेशन/हायपरपिगमेंटेशन
में त्वचा का कोई-कोई भाग सामान्य से गहरा रंग का होकर, त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ने लगते हैं। जिससे सुन्दरता क्षीण हो जाती है।
त्वचा में यह समस्या त्वचा में मेलानिन का स्तर बढ़ने से होती है।
https://www.amrutam.co.in/shop/personalcare/kumkumadi-oil-ayurvedic-recipe-for-skin-radiance/
के नियमित उपयोग से काले धब्बे, काले घेरे, निशान तथा .चेहरे पर होने वाली अन्य समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
सुंदरता हमेशा से लोगों के लिए बहुमूल्य रही है। खूबसरती दूसरों का ध्यान आकर्षित करने का एक अच्छा साधन है।
पुराने से पुराने कील-मुंहासे, झुर्रियां, दाग-धब्बे, कालापन एवं चेहरे की समस्याओं से पीड़ित स्त्री-पुरुषों के लिए अति उत्तम आयुर्वेदिक ओषधि है।
ये पूर्णतः हानिरहित, बिना साइड इफ़ेक्ट के प्राकृतिक उपाय है।
आयुर्वेद के अनुसार–
क्यो चली जाती है-चेहरे की चमक...
तन में तनिक सी विटामिन्स की कमी, चेहरे के निखारने, मेकअप या खूबसूरत बनाके..
लिए सिंथेटिक तथा निम्न दर्जे के उत्पादों का उपयोग, और अधूरी नींद, कब्ज, अपचन, मानसिक अशांति, हार्मोनल चेंजेज आदि..
अनेक वजहों से चेहरे की त्वचा फीकी पड़ने लगती है।
अमृतम कुंकुमादि तेल की विशेषतायें…
★ एंटीऑक्सीडेंट,
★ एंटी-ह्यपरपिगमेंटशन,
★ डेमल्सेण्ट,
★ एंटीबैक्टीरियल,
★ एंटी-इंफ्लेमेटरी,
★ एंटी-माइक्रोबियल,
★ एंटी-प्रुरितिक होता है।
इसके इस्तेमाल त्वचा होगी मुलायम, कोमल सुंदरता अपने आप निखरती है या निखरेगी!
बस एक बार 25 मिलीलीटर कुंकुमादि फेस ऑयल एक महीने के लिए पर्याप्त है।
हजारों सौन्दर्य प्रसाधन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
यह फेस के मेल को साफ कर त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारकर सुरक्षित रखता है।
केवल ऑनलाइन उपलब्ध है-
पैकिंग 25 मिलीलीटर ₹-2999/-
पित्त भी बदसूरती बढ़ाता है।
यदि आप 5 तरह के पित्त दोषों से पीड़ित हैं,
सुन्दरता में वृद्धि अवरोध उत्पन्न होता है।
पित्त दोष के उपाय जानने हेतु गूगल पर सर्च करें…!
Leave a Reply