भगवान विष्णु का एक नाम हरि भी है…. हरि का अर्थ हरने वाला हरी से नहीं है …करने वाली हरियाली से नहीं है…..आदि ऐसा प्रतीत होता है…
कि इस पृथ्वी को हरी-भरी करने का जिम्मा भगवान विष्णु पर ही है….
पृथ्वी में जहां कहीं भी शिव कृपा है….
वहां का स्थान हरा हरियाली भरा ही मिलेगा कथा में जब तक तथा अर्थात दम रहेगी तब तक की अनुभवहीन सुनने वाले लोग इस धरती पर हैं….
जीवन भर उल्टे सीधे कार्य कर बता बता कर अहंकार दिखाने वाले लोग कभी आगे नहीं बढ़ पाते हैं।।
इसलिए वह कथा का सहारा लेकर अच्छे बनने की कोशिश करते है।।
जो लोग किसी का भी भला नहीं करते जो किसी के प्रति अच्छा भाव नहीं रखते वे लोग कथा का सहारा लेने की कोशिश करते है लत पकड़े तरने का प्रयास करते हैं….
कहते हैं कि जब बुद्धि में नहीं है…
तथा तुम क्या बचोगे यथा जो लोग सबको सता – सता कर धन इकट्ठा करते हैं….
वह भी कथावर में बहुत विश्वास करते हैं….
कमाई सबको दिखती है खर्चा किसी को नहीं दिखता सफलता सबको दिखती है…
संघर्ष किसी को नहीं दिखता समृद्धि सबको दिखती हैं….
समय का सदुपयोग किसी को नहीं दिखता अपने दम पर 0 से शिखर पर पहुंचने वाले कुछ लोग रिश्तेदार आदि अहंकारी समझते हैं…
सफल लोग व्यक्तित्व दिनचर्या और अधिक व्यवस्था के कारण समय नहीं दे पाते इसलिए लोग उन्हें अहंकारी समझते हैं…
बुद्धि शुद्धि से ही व्यक्ति सफल होता है…..
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