संस्कृत में दूध को दुग्ध, क्षीर, पय:, पयस्, स्तन्य, बालजीवन और बल्यंजीवा नामों से जाना जाता है।
निघण्टु के दुग्धवर्ग: में संस्कृत के एक श्लोकानुसार
दुग्धं क्षीरं पय: स्तन्यं बलजीवनमित्यापि।
दुग्धं सुमधुरं स्निग्धं वातपित्तहरं सरम्।।
सद्य: शुक्रकरं शीतं सात्म्यं सर्वशारिरिकणाम्।
जीवनँ बृहणम् बल्यं मेंध्यं बाजीकरं परम्।।
दूध वात-पित्त करने वाला, नवीन शुक्र, वीर्य को उत्पन्न करता है। भूमि के समस्त प्राणियों के लिए साम्य यानी अनुकूल होता है।
दूध का सेवन जीवनीय शक्ति तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी है। बृहण यानि रस-रक्त आदि में इजाफा करता है।/ दूध सन्धान कारक एवं रसायन है।
दूध बलकारक, मेधा शक्ति, बल-बुद्धि, तेज तथा बाजीकरण, अवस्था को स्थिर अर्थात उम्र रोधी रखने के लिए हितकारी है। दूध पीने से बुढापा जल्दी नहीं आता। आयु की वृद्धि होती है।
आयुर्वेद द्रव्यगुण विज्ञान के अनुसार सुबह सूर्योदय के पूर्व केशर युक्त गर्म दूध पीने से खूबसूरती बढ़ती है। पेट साफ रहता है। कब्ज नहीं होती और वीर्य गाढ़ा होकर शुक्राणु की मात्रा में वृद्धि होती है।
एक पुराने ग्रन्थ के अनुसार दूध किसको पीना चहिए…
शास्त्रों में गाय का दूध सर्वश्रेष्ठ अमृत बताया है।
भैंस यानि महिष के दूध पीने से फायदे…
दूध अगर बिना ऊबालें ही फट जाए, उसे क्षीर शाक कहते हैं।
जिस दूध को उबालकर दही या नींबू के रस से फाड़ा जाए उसे तक्र पिण्ड बताया है।
दूध की मलाई को संस्कृत में सन्तानिका बताया है।
रात्रि में गर्म दूध पीकर एक घण्टे टहलना जरूरी है अन्यथा दूध पचता नहीं है।
इससे संग्रहणी रोग यानि आईबीएस IBS कि समस्या होने लगती है। लिवर की खराबी का कारण भी यही है कि दूध पीकर कसरत, मेहनत नहीं करना।
एक पुरानी किताब में दूध के फायदे बताएं गए हैं!
ठंडा दूध किसी-किसी को नुकसान पहुंचा सकता है। अर्श से पीड़ित लोगों को कभी भी ठंडा दूध नहीं पीना चाहिए।
गर्म दूध वात-पित्त-कफ को सन्तुलित करता है जबकि ठंडा दूध कफ पैदा करता है।
स्वास्थ्य के नजरिये से दूध आरोग्यदाता होता है। भावप्रकाश निघण्टु के मुताबिक दूध सर्वरोगहारी, सर्वदोष हर बताया है। स्त्री-पुरुष, बुजुर्ग एवं बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी दूध बहुत उपयोगी है।
दूध शरीर को चुस्त-दुरुस्त-तन्दरुस्त रखता है। निरोगी जीवन के लिए सुबह दूध का सेवन अवश्य करें!
आयुर्वेदिक निघण्टु, द्रव्यगुण विज्ञान आयुर्वेद शास्त्रमत से दूध पीने के जबरदस्त 25 फायदे जाने-
१- गर्म मीठा दूध पीने से उदर में कब्ज या गैस की समस्या से राहत मिलती है।
२- दिल या हृदय कमजोर की कमजोर रक्तवाहिनियों में ताकत आत्य है।
३- सिर में लगातार दर्द बना रहता हो, तो दूध में हल्दी पावडर, कालीमिर्च 10–10 मिलीग्राम तथा 10 ग्राम मिश्री सूर्योदय से पहले ग्रहण करें।
४- गुदा और गुर्दे के रोग मिटाने हेतु 200 ग्राम दूध में 200 ग्राम पानी मिलाकर इसमें 8 मुनक्के, एक अंजीर डालकर इतना पकाएं कि पानी जल जाए। फिर मुनक्का, अंजीर डाल्ते हुए एक-एक घूंट दूध पियें।
५- लिवर, किडनी, आंते और पाचनतंत्र विकृत होने पर 100 ग्राम दूध में 200 मिलीलीटर पानी मिलाकर 4 अंजीर के साथ इतना ऊबालें कि दूध 200 ml रह जाये। फिर अंजीर खाते हुए दूध पियें।
६- दुपहर के भोजन में पपीता, अमरूद का सलाद लेवें। अमृतम द्वारा निर्मित कीलिव कैप्सूल और कीलिव माल्ट 3 महीने सेवन करें।
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७- अक्सर पेट दर्द बना रहता है, तो सुबह खाली पेट गर्म दूध के साथ 20 मिलीग्राम अजवायन फेंके तथा रात्रि को 2 मिलीग्राम हींग गर्म दूध में मिलाकर लेवें।
८- उच्च रक्तचाप यानि बीपी हाई रहता हो, तो आधा चम्मच मधु पंचामृत, 500 मिलीग्राम
चन्दन पाउडर गुनगुने दूध के साथ सुबह लेवें।
९- चक्कर आना, सिर दर्द, माइग्रेन व शरीर भारी रहता है, तो खस, शंखपुष्पी, ब्राह्मी का पॉवडर 2–2 ग्राम एवं कालीमिर्च, इलायची 2–2 मिलीग्राम दूध में मिलाकर सुबह सूर्योदय के समय लेवें।
१०- हाथ-पैरों में कम्पन्न हो, बुढ़ापा के लक्षण दिख रहे हों, आंखें कमजोर हो रही हों, तो गर्म दूध में देशी घी एक चम्मच, अमृतम अश्वगन्धा चूर्ण, मुलेठी चूर्ण दोनों 2–2 ग्राम दूध के साथ लेवें।
११- कब्ज की शिकायत हो, तो दूध के साथ एक ग्राम एलुआ लेवें। ध्यान रखें कब्ज के कारण ही वातरोग पैदा होते हैं।
१२- गर्म दूध में 25 मिलीग्राम हल्दी सुबह खाली पेट लेने से कफ की शिकायत मिट जाती है।
१३- दूध के साथ स्वर्णमाक्षिक भस्म, लौह भड़म, वंग भस्म टिनन 30–30 मिलीग्राम लेने से खून की वृद्धि होने लगती है।
१४- भूख न लगने पर दूध के साथ धनिये का पॉवडर 500 मिलीग्राम लेना हितकारी रहता है।
१५- किसी काम में मन नहीं लगता हो, तो 50 ग्राम गर्म दूध में 5 ग्राम मधु पंचामृत मिलाकर दोनों नाक बंद करके सुबह सूर्योदय से पहले पीना चाहिए।
१६- याददाश्त कमजोर हो रही हो, तो छोटी इलायची, अगर, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, अश्वगन्धा, शतावर,
मालकांगनी सभी को 5–5 ग्राम लेवें और इसमें स्मृति सागर रस 5 ग्राम, स्वर्ण भस्म 10 गोली, चांदी भस्म 1 ग्राम सबको खरल कर 30 खुराक बनाकर गर्म दूध से यूभ-शाम तीन महीने तक लेवें।
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१७- स्वभाव चिढ़ चिढ़ा हो जाता है। रात को नींद नहीं आती। हमेशा चिन्ता बनी रहती है। ब्रेन की गोल्ड उनके लाये विशेष उपयोगी है।
१८- दुबले-पतले कमजोर लोगों को सुबह दो पराठें दूध के साथ खाने से मोटापा तेजी से बढ़ने लगता है।
१९- वीर्य पतला हो, शुक्राणु क्षीण होने लगे हों, शीघ्रपतन की परेशानी में गर्म दूध के साथ एक गोली रोज स्वर्ण भस्म की 6 महीने तक सुबह खाली पेट लेवें।
२०- मर्दाना ताक या सेक्सुअल पावर बधावन की तमन्ना हो, तो बी फेराल गोल्ड माल्ट और B Feral Gold Capsule एक सुरक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सा है।
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२१- महिलाओं को भयानक सोमरोग यानि पीसीओडी जैसे खतरनाक स्त्रीरोग से उनकी सुन्दरता कम होने लगती है।
चेहरे की चमक मिट जाती है। इस तरह की समस्या हो, तो दूध की ठंडाई बनाकर सुबह नाढते के बाद तीन महीने तक पिलाएं। इससे सुंदरता में गजब का निखार आएगा।
२२- पीसीओडी या पीसीओएस की परेशानी निरन्तर बनी रहे, तो बुढापा जल्दी आता है।
पीसीओडी से बचने के लिए 4 से 6 माह तक निरंतर अमृतम नारी सौंदर्य माल्ट तथा कैप्सूल का सेवन कर नारिसौन्दर्य मसाज आयल की धूप में बैठकर मालिश करना लाभदायक रहता है।
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नारिसौन्दर्य के फायदे गूगल पर पढ़ें।
जिन महिलाओं के स्तन छोटे हों या स्तनों में दूध कम आता हो, उन्हें नारिसौन्दर्य कैप्सूल बहुत मुफीद है।
किस तरह का दूध हानिकारक है-
दूध शक्तिदाता पदार्थ है, जो केन्सर, मधुमेह, अल्सर, बबासीर, थायरॉइड आदि ऐसी बहुत सी बीमारियों को कभी पनपने नहीं देता।
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