- आयुर्वेद की ये २९ बातें आपका बुढ़ापा रोकने में मदद करेंगी और जोश जवानी बरकरार रखेगी।
- आयुर्वेद सार संहिता, माधव निदान और Ayurvedic Life Style पुस्तकों के हिसाब से चलकर आप बुढ़ापा आने से रोक सकते हैं।
- बुढ़ापा रोकने के लिए अकेले दवाइयां ही पर्याप्त नहीं होती। बुढ़ापा रोकने मेंआपकी जीवनशैली का विशेष योगदान है।
- अगर आप प्रातः सूर्योदय के पहले या ब्रह्ममुहूर्त में नहीं जागते हैं, तो निश्चित ही कम उम्र में ही बुढ़ापा नही लगेगा।
- बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए सप्ताह में एक बार उपवास भी जरूरी है।
- प्रतिदिन एक प्रहर यानि तीन घंटे का मौन व्रत भी बुढ़ापा रोकने में सहायक है।
- मल विसर्जन के समय दांत भींच कर रखने चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती।
- सुबह उठते ही मुंह में पानी भरकर इसी जल से आंख धोने पर नेत्र ज्योति फीकी नहीं पड़ती।
- सुबह सदा जल कम से कम 3 से 4 गिलास पीने से शरीर स्वास्थ्य रहता है और पेट के विकार नहीं होते।
- जल चिकित्सा संहिता के मुताबिक सुबह पानी पीने से जवानी लम्बे समय तक बनी रहती है।
- रात को भोजन कम करें और पानी पीकर बिस्तर पर लेटने के पूर्व पूरे शरीर को ढीला छोड़े और विचारों को शून्य करें। अगर हो सके, तो ॐ शंभूतेजसे नमः शिवाय का जाप करें।
- सुबह जल्दी उठकर कम से कम 5 से 7 km पैदल चले। कुछ देर कसरत करें। यह दशरथ रूपी शेर करते से कसा रहता है।
- सुबह स्नान से पहले किसी ओषधि तेल से धूप में बैठकर मालिश कर, स्नान करें।
- Kayakey oil चंदन, जैतून, बादाम, गुलाब पुष्प से निर्मित एक अच्छा आयुर्वेदिक तेल है। इसे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं।
- सुबह नहाने से पहले भूलकर भी अन्न, बिस्कुट, नाश्ता आदि का भक्षण न करें।
- रोज नियम से पूजापाठ के साथ 15 मिनिट ध्यान अवश्य करें।
- याद रखें कि पुरुषों में वीर्य क्षरण की प्रक्रिया निरंतर चलते रहती है और वीर्य के घटने, पतला होने से बुढ़ापा जल्दी आता है।
- आप B Feral Gold Malt और कैप्सूल का सेवन कर अपनी जोश जवानी को बनाए रख सकते हैं।
- यह आयुर्वेदिक ओषधि लगातार लेते रहने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आएगा।
- महिलाओं को बुढ़ापा आने का कारण रजो:निवृत्ति है, जो अक्सर 40 से 45 साल की उम्र में आना रुक जाता है। अगर महिलाओं को माहवारी नियमित आती रहे, तो लम्बे समय तक बुढ़ापा नही आता।
- दवाएं गुगल पर सर्च कर सकते हैं।
- सुबह ब्रेक फास्ट में मीठा दही जरूर लेवें। लेकिन रात को दही, अरहर की दाल, स्लेड, फल, जूस, गरिष्ठ भोजन आदि न लेवें। ये सब रात्रि में आसानी से नहीं पचती और शरीर में आलस्य लाकर नाड़ी कोशिकाओं को शिथिल बनाती हैं।
- भोजन या नाश्ते के बाद कम से कम दो घंटे तक पानी न पिएं।
- भोजन के बाद ही गर्म पानी पी सकते हैं, इससे चर्बी गलेगी, पेट साफ रहेगा। पाचनतंत्र मजबूत होगा।
- सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से तन की कोशिका, नाड़ी सिकुड़ने लगती हैं और इससे वात रोग, ग्रंथिशोथ यानि थायराइड की समस्या होने लगती है।
- सुबह जब हम जागते हैं, तो पेट की जठराग्नि के कारण तापमान अधिक होता है और उस समय उदर को सादे जल की चाहत होती है।
- सुबह गर्म पानी पीने से शरीर की ऊर्जा, एनर्जी क्षीण होने लगती है। पकाना साफ नहीं आता।
- पित्त दोष से पीड़ित या असंतुलित पित्त वालों को भूलकर भी सुबह गर्म पानी नहीं पीना चाहिए। किंतु ठंडी तासीर या कफ प्रकृति वाले लोग सुबह गर्म पानी पी सकते हैं।
- अगर दिमाग में तनाव, अवसाद, डिप्रेशन, मानसिक अशांति या क्लेश हो, तो भी प्रातः गर्म पानी नहीं लेना हितकारी है।
- शरीर की शुद्धि एवम डिटॉक्स करने के लिए डिटॉक्स की हर्ब्स ऑनलाइन मंगवाकार दिन में एक बार काढ़ा बनाकर पीने से तन, मन, मस्तिष्क में शान्ति मिलती है।
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