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महिलाओं के लिए खास ओषधियां…
अमृतम कुमकुमादि तेल
नारी सौंदर्य माल्ट & कैप्सूलकुंतल केयर हर्बल हेयर स्पा/ऑयल/शैम्पूकुंतल केयर हर्बल माल्ट & कैप्सूल
अष्टगंध बोड़ी लोशनऑनियन ऑयलइस लेख में हम अमृतम कुमकुमादि तेल के बारे में गहराई से जानेंगे..
- आयुर्वेद में मंजिष्ठा-अनंतमूल, केशर, कमल केसर, चंदन, रक्तचन्दन, लोध्रं, पतंग काष्ठ, रक्त लाख (लाक्षा), -यष्टिमधु (मुलेठी), दारुहल्दी, उशीर, पद्मक, नील कमल, बरगद (वट वृक्ष), पाकड़/पाखर छाल, बिल्व, गुलाब पुष्प आदि जड़ी बूटियां चेहरे को चमकदार और जवान बनाए रखने में कामयाब हैं।
- सदियों से इनका उपयोग राजा, रहीस, धनवान लोग करते आ रहे हैं। इन्हीं सब के मिश्रण से कुमकुमादी तेल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा है।
- कुंकुमादि तेल के अंग का रंग, चेहरे की भंग त्वचा को तंग कर त्वचा निखारकर, स्किन पर लगी जंग (कील-मुहासें) साफ करता है।
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- दमकते-चमकते चेहरे के लिए कुंकुमादि तेल हर रोज रात को अपना चेहरा साफ करने के बाद, इसे चेहरे पर लगाकर और रात भर छोड़ दें। सुबह जब मैं आप अपना चेहरा धोएंगे, तो बहुत ताजा और पोषित महसूस करेंगे।
- कुंकुमादि तेल-एक लाजबाब हर्बल सनस्क्रीन सीरम है, जो सर्दी-गर्मी-बरसात तीनों मौसम में त्वचा की रक्षा कर…चेहरे पर निशान, धब्बे, झुर्री नहीं पड़ने देता।
- स्किन केयर कुंकुमादि तेल रात सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और पाएं कुदरती लाभ!!
- कुंकुमादि तेलम बहुत काम और कमाल की सौंदर्य सामग्री, जो आपकी त्वचा को निखारे। इसे त्वचा पर 2/3 बून्द लगाने से चेहरा गोरा होकर चमक-दमक जाएगा।
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- कुंकुमादि की कहानी और किस्से…सुंदरता हमेशा से लोगों के लिए बहुमूल्य रही है। खूबसरती दूसरों का ध्यान आकर्षित करने और खूबसूरती पाने के लिए कुंकुमादि तेल एक सरल साधन है। इसीलिए राजा-रहिसों को युवा और सुंदर बनाए रखने हेतु आयुर्वेदाचार्य महर्षि अंगारक ने इसका अविष्कार किया था।
- अमृतम कुम-कुमादि तेलम या सीरम सौन्दर्य-समृद्धि के लिए सम्पूर्ण समाधान है।
- कुंकुमादि फेस ऑयल या सीरम के बारे में विशेष 27 जानकारियां पहली बार पढेंगे।
- कुंकुमादि तेल कुदरती वरदान है। 27 शास्त्रों से जुटाया गया यह ज्ञान आपको मंत्रमुग्ध कर देगा यह ब्लॉग।
- कुंकुमादि तेल मात्र 7 से 27 रात चेहरे पर लगाएं, तो 27 चमत्कारी फायदे देखकर हैरान हो जाएंगे।
- क्योंकि कुंकुमादि तेल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-ह्यपरपिगमेंटशन, मॉइस्चराइजर, डेमल्सेण्ट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-प्रुरितिक, नेचुरल सनस्क्रीन गुण होते हैं।
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- कुंकुमादि तेल महंगा होने की वजह…चेहरे की सुंदरता, निखार बढ़ाने हेतु इसमें मिलाया गया चन्दन, केशर, अनंतमूल, रक्तचन्दन आदि के मिश्रण की वजह से कुम-कुमादि तेल बहुत महंगा हो जाता है। केशर के बारे में संस्कृत में अनेकों श्लोक लिखे है-
कुंकुमादि तेल चन्दन भी मिला है…
!चन्दनम् चन्द्रति आल्हादयतीति, ‘चदि आह्वादे’!अर्थात- चन्दन तन-मन को आल्हाद प्रदान करता है।
नोट-अन्य ओषधियाँ, पुस्तक चित्र अंत में देखें!!
कुंकुमादि तेलम की निर्माण विधि जानने के लिए वीडियो लिंक क्लिक कर देखें..
केशर युक्त कुमकुमादि तेल त्वचा के लिए बेहद लाभकारी है इसके फायदे और औषधीय गुण जानकर समझ जाएंगे कि यह महंगा क्यों है….
- कुंकुमादि तेल झर्रियाँ व बुढापे को रोकता है इसलिए उम्ररोधी यानी एंटीरेजिंग भी कहा जाता है।
- केशर पूरे प्रेशर से त्वचा की पूरी गन्दगी बाहर निकालकर, चेहरे के कलेवर को बदल देता है। त्वचा के लिए काफी गुणकारी होता है।
- कुंकुमादि में केशर का पर्याप्त समावेश है, जो प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक पदार्थ या यौगिक है, जो त्वचा के जिद्दी जीवाणु को मार डालता है ये स्किन में पैदा होने वाले अज्ञात कृमि-कीटाणुओं को नष्ट कर, इनके विकास को रोकता है।
- कुंकुमादि तेल लटकती ढ़ीली त्वचा, झुर्रियां, बुढापे के लक्षण आदि समस्याओं का स्थाई हल है।
- सदियों में या किसी भी मौसम में हाइपरपिगमेंटेशन के लिए यह तेल काफी लाभदायी माना गया है। इसके बारे में लेख के अंत में पढ़ें।
- कुंकुमादि तेल क्षतिग्रस्त त्वचा तथा रोम-रोम की मरम्मत करने में सहायक है…
- त्वचा अस्वस्थ होने से बचाये।
- त्वचा को कोमल, मुलायम और ग्लोइंग बनाएं।
- जगमगाता गोरापन लाए।
- चेहरे की चमक, सुंदरता बढ़ाये।
- ऑयल कंट्रोल करे
- खोया निखार वापस लाये
- दाग-धब्बों, कील-मुहासें जड़ से मिटायें।
- झुर्रियां कम कर, स्किन को बेहतर रंगत दे,
- खूबसूरती व आत्मविश्वास बढ़ाये।
- अमृतम कुंकुमादि तेल एक प्राचीन सौंदर्य उपचार त्वचा को हमेशा जवां और चमकदार बनाए रखता है।
- त्वचा की महीन रेखाओं और झुर्रियों को भी कम करता है।
- बदसूरती की क्रूरता से छुटकारा पाने के लिए अमृतम कुंकुमादि तेल एक चमत्कारी सौंदर्य उत्पाद है। इसे रात का जादू भी बोलते हैं।
- बहुमुल्य अमृतम कुंकुमादि फेस ऑयल रात्रि सोते समय लगाने से सुबह सभी दाग-धब्बे, काले निशान, झुर्रियां दिखाई नहीं देते।
- कुंकुमादि तेल त्वचा की अंदरूनी गन्दगी को साफ कर देता है।
- अमृतम कुंकुमादि तेल अपने चेहरे पर लगाने के बाद गर्व महसूस करेंगे। 1 से 2 माह में ये इतनी खूबसूरती प्रदान करता है कि वापरने वालों को खुद के निखार पर अहंकार होने लगता है।
- कुमकुमादि तेलम आयुर्वेद का एक अद्भुत आयुर्वेदिक हर्बल मिश्रण है, जो फेस स्किन की सुरक्षा और त्वचा की विभिन्न समस्याओं के उपचार के लिए एक जादुई इलाज के रूप में कार्य करता है।
- कुंकुमादि तेलम मॉइस्चराइजर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषकर संवेदनशील या रूखी/शुष्क परतदार त्वचा के लिए लगभग सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त है।
- कुंकुमादि तेल का निर्माण पौधे, जड़ी-बूटी, फल और दूध का अर्क का एक बेहतरीन मिश्रण, इस तेलम या तेल को स्वस्थ बनाता है।
- कुमकुमादि तेल चेहरे पर क्यों लगाते हैं?…उम्रदराज़ त्वचा के लिए वरदान यह आयुर्वेदिक चमत्कारी तेल चेहरे की त्वचा रक्षा तथा सम्पूर्ण रूप से देखभाल कर आपकी स्किन को उज्ज्वलता लाता है और आपके रंग में सुधार कर निखारता है।
- कुमकुमादि तैलम में मुख्य घटक-द्रव्यों में शुद्ध केसर, मंजिष्ठा, चन्दन, रक्त चंदन, पदम् काष्ठ आदि कीमती और सुंदरता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियाँ होती हैं, जो आपको सही सुनहरी चमकती त्वचा और उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करती हैं।
- कुमकुमादि सीरम के न केवल असंख्य चिकित्सीय लाभ हैं, बल्कि यह एक उत्कृष्ट क्लींजर के रूप में भी कार्य करता है।
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- अमृतम कुंकुमादि तेल पूरी तरह से खरीदने लायक है। नीचे वीडियो की लिंक क्लिक कर देखें कि स्किन के लिए कितना मददगार है-कुंकुमादि तेल
- उत्पाद को ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
कुंकुमादि तेलम लगाने का सही तरीका…..
- योग रत्नाकर आयुर्वेदिक ग्रन्थानुसार रात को सोने से पहले अपना चेहरा अमृतम फेस वॉश या अमृतम फेस क्लीनअप से साफ कर लें।
- अपनी त्वचा को किसी शुद्ध गुलाब जल या किसी टोनर से गीला करें।
- अपनी हथेली पर अमृतम कुमकुमदि तैलम की 2-3 बूंदें लें।
- धीरे से इसे अपने चेहरे पर फैलाएं, त्वचा पर ऊपर की ओर स्ट्रोक का उपयोग करके धीरे से मालिश करें, ताकि तेल त्वचा में गहराई से समा जाए।
- सोने से पहले तेल को लगभग 15-20 मिनट तक हवा में सूखने दें।
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- उत्पादों की सुगंध प्राकृतिक अवयवों से मिलती है। हम कोई कृत्रिम सुगंध नहीं जोड़ते हैं।
कुंकुमादि तेलम/सीरम 5000 पुरानी खोज…
आयुर्वेद की पुरानी परंपरा और प्राचीनता के तहत-कुंकुमादि तेल के फार्मूले की खोज लाखों-हजारों साल पहले आयुर्वेदिक वैज्ञानिक महर्षि अंगारक ने की थी।
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- योगरत्नाकर
- भावप्रकाश
- अर्कप्रकाश,
- स्कन्दः पुराण,
- ईश्वरोउपनिषद,
आदि दुर्लभ पुस्तकों से पता लगता है कि- इसका उपयोग कोमल, निखरती त्वचा और चेहरे को चमकदार बनाने एवं खूबसूरती के लिए किया जाता रहा है।
- २७ हजार शब्द मणियों से पिरोया गया यह लेख, देख आप भी लालायित हो उठेंगे-
- इसके अतिरिक्त 27 फायदे और भी हैं- पढेंगे, तो दंग रह जाएंगे, इसे सदैव संग रखें…
- राजा-रजवाड़ों, रानी-पटरानी, महारानी की पसन्द और के महंगे शौक–कुंकुमादि फेस ऑयल का उपयोग प्राचीनकाल से होता आ रहा है। यह बहुत बहुमूल्य होने के कारण इसे केवल धनशाली एवं अमीर-रहीस लोग ही इसका इस्तेमाल करते थे।
- कुंकुमादि तेल लगातार लगाने से त्वचा के काले धब्बे, काले घेरे, निशान, पिगमेंटेशन तथा चेहरे पर होने वाली अन्य समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
- क्यों होता है पिगमेंटेशन….इस समय दुषित जलवायु, प्रदूषण से पनपती जहरीली आवो-हवा की वजह से पूरे विश्व के युवा स्त्री-पुरुषों को त्वचा संबंधी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- पिगमेंटेशन या हायपरपिगमेंटेशन त्वचा की एक सामान्य समस्या है। जो प्रदूषण और प्रदुषित वातावरण के चलते 10 में से 7 महिला या मर्द चेहरे की स्किन खराब होने के भय से पीड़ित है।
- पिगमेंटेशन/हायपरपिगमेंटेशन…में त्वचा का कोई-कोई भाग सामान्य से गहरा रंग का होकर, त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ने लगते हैं। जिससे सुन्दरता क्षीण हो जाती है। त्वचा में यह समस्या त्वचा में मेलानिन का स्तर बढ़ने से होती है।
- शास्त्रों ने सुझाया, तो बनाया कुंकुमादि तेल….. आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया (AFI) के मुताबिक यह चेहरे पर निखार लाने और खूबसूरती बढ़ाने के लिए अत्यंत कारगर बहुमूल्य तेल है।
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- कुम-कुमादि तेलम का फार्मूला आयुर्वेद के अति प्राचीन ग्रन्थ “योगरत्नाकर” के क्षुद्ररोगाधिकार तथा चरक सहिंता के त्वचा रोगाधिकार और भैषज्य रत्नाकर के “सुन्दरता वृद्धि योग” से लिया गया है। आयुर्वेदिक फार्मूलेशन ऑफ इंडिया भारत सरकार द्वारा मान्य आयुर्वेद की सबसे विश्वसनीय पुस्तक है।
- कुंकुमादि तेल में केशर यानि कुमकुम मुख्य घटक है। सैफरॉन से निर्मित कुंकुमादि के फार्मूले का संस्कृत में एक श्लोक लिखा है-
कुंकुम चन्दनं लोध्रं पतंग रक्तचन्दनम् !
कालियकमुशीरं च मजिंष्ठा मधुयष्टिका !!१!!
पत्रकं पद्मकं पद्मकुष्ठं गोरोचनं निशा !
लाक्षा दारूहरिद्रा च गैरिकं नागकेशरम् !!२!!
पलाशकुसुमं चापि प्रियंगगुश्च वटाअंकुरा !
मालती च मधूच्छिष्टम सर्षपा: सुरभिवर्चा !!३!!
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- अर्थात–केसर-कुमकुम, नागकेशर, चंदन, लोध्रं, पतंग काष्ठ, रक्त चन्दन, लाख (लाक्षा), मंजिष्ठा-अनंतमूल, यष्टिमधु (मुलेठी), दारुहल्दी, उशीर, पद्मक, नील कमल, बरगद (वट वृक्ष), पाकड़/पाखर छाल, कमल केसर, बिल्व (बेलफल का गूदा)अग्निमंथ, श्योनाक, गंभारी, पाटला, वटअंकुर, पलाश, प्रियंगुमंजरी, शालपर्णी पृश्नपर्णी , गोखरू (गोक्षुर) बृहती, कंटकारी या भटकटैया, मालती और शुद्ध मधु-शहद आदि।
- 5000 वर्ष पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथो के अनुसार अमृतम कुंकुमादि तेल में मिलाए गए, 35 से ज्यादा उपरोक्त घटक द्रव का समावेश है, जो त्वचा की क्षतिग्रस्त, सूक्ष्म कोशिकाओं की मरम्मत करने में विशेष उपयोगी हैं–
कुंकुमादि तेल इन महंगी जड़ीबूटियों के काढ़े से 40 से 50 दिन में तैयार होता है। इसके निर्माण की प्रक्रिया बहुत जटिल और श्रमसाध्य है।
- कुंकुमादि तेलम/सीरम बनाने की विधि.. उपरोक्त सभी जड़ीबूटियों को जौकुट करके 16 गुने पानी में 24 से 36 घण्टे तक गलकर छोड़ दिया जाता है।
- तत्पश्चात 5 से 7 दिनों तक मंद अग्नि पर इसको 1/4 भाग काढ़ा रहने तक उबालते हैं। इसके बाद ठंडा होने पर छानकर काढ़े को 15 के 20 दिन तक मंदी आंच पर तिली आदि तेलों में पकाकर, जैतून, बादाम, मालकांगनी मिलाकर अमृतम कुमकुमादि तेल 45 दिनों में तैयार हो पाता है।
कुमकुमादि तेल की विशेषताऐं…देह में प्रतिजैविक रोगाणुरोधी यौगिकों का व्यापक समूह होता है, जिसका उपयोग कवक और प्रोटोजोआ सहित सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने वाले जीवाणुओं के कारण हुए संक्रमण के इलाज के लिए होता है।
कुंकुमादि तेलम/सीरम में
★ एंटीऑक्सीडेंट,
★ एंटी-ह्यपरपिगमेंटशन,
★ मॉइस्चराइजर,
★ डेमल्सेण्ट,
★ एंटीबैक्टीरियल,
★ एंटी-इंफ्लेमेटरी,
★ एंटी-माइक्रोबियल,
★ एंटी-प्रुरितिक,
★ कुदरती व नेचुरल सनस्क्रीन गुण होते हैं।
अमृतम कुमकुमादि तेल पुराने से पुराने कील-मुंहासे, झुर्रियां, दाग-धब्बे, कालापन एवं चेहरे की समस्याओं से पीड़ित स्त्री-पुरुषों के लिए अति उत्तम आयुर्वेदिक ओषधि है।
कुंकुमादि तेल पूर्णतः हानिरहित, बिना साइड इफ़ेक्ट के एक प्राकृतिक त्वचानिखार उपचार है।
- कैसे, क्यों चली जाती है-चेहरे की चमक…आयुर्वेद के अनुसार– तन में तनिक सी विटामिन्स की कमी, चेहरे के निखारने, मेकअप या खूबसूरत बनाके लिए सिंथेटिक तथा निम्न दर्जे के उत्पादों का उपयोग, और अधूरी नींद, कब्ज, अपचन, मानसिक अशांति, हार्मोनल चेंजेज आदि अनेक वजहों से चेहरे की त्वचा फीकी पड़ने लगती है।
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- खाल खत्म हो जाती है, केमिकल्स की क्रूरता से… बिना जांचे-परखे केमिकल युक्त पदार्थ के इस्तेमाल करने के फलस्वरूप धीरे-धीरे फेस पर फुंसियां, कील-मुँहासे, काले धब्बे, झुर्रियां, होने से चेहरा निस्तेज हो जाता है। कम उम्र में आकर्षण कम होकर बुढ़ापे के लक्षण प्रकट होने लगते हैं।
त्वचा की समस्त समस्याओं से बचने के लिए आयुर्वेद में हानिरहित अनेकों उपाय लिखे हैं। जिसमें कुंकुमादि तेल बहुत ही बहुमूल्य ओषधि है।
अमृतम द्वारा निर्मित कुमकुमादि तेल, जो केशर आदि 35 जड़ीबूटियों के रस तथा काढ़े से निर्मित है। बस इसे सुबह स्नान के पहले या पश्चात और रात सोने से पहले 2 से से 3 बून्द एक माह तक निरन्तर लगाना है।
- सभी मौसम में कारगर-कुंकुमादि तेल…अत्यधिक ठंड के मौसम में त्वचा सूखी और बेजान Dry skin हो जाती है या गर्मी के गर्म मौसम का सर्वाधिक खराब असर हमारी त्वचा/स्किन पर होता है। इसकी उचित देखभाल एवं बेहतरीन ट्रीटमेंट के लिए कुंकुमादि तेल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा है।
- कुंकुमादि तेल से मालिश करें, तो शरीर का होगा कायाकल्प… यदि आप अधिक धन व्यय कर सकें, तो एक महीने पूरे शरीर में एक बार में 25 से 30 मि.ली. लगाकर अभ्यंग मालिश कर सकते हैं।
कुंकुमादि तेल की मालिश से लाभ…क्या होंगे-….
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- इसकी मालिश से त्वचा की सारी सूक्ष्म गन्दगी बाहर निकल जाती है।
- कुछ ही दिनों में चेहरे पर खूबसूरती का एहसास आप स्वयं करने लगेंगे।
- कुमकुमादि तेल पूर्णतः साइड इफ़ेक्ट रहित हर्बल ऑयल है।
- आयुर्वेद टेक्स्टबुक के मुताबिक इसके हजारों साइड बेनिफिट हैं।
- कुंकुमादि तेल बुढ़ापे से बचाये-समृद्धि बढ़ाये….बुढ़ापे से बचने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को पूरे शरीर की मालिश करने से विशेष भाग्योदय भी होने लगता है।क्योंकि भौतिक सम्पदा के दाता शुक्र ग्रह हैं, जो इस बहुमूल्य तेलम के अभ्यङ्ग से बहुत प्रसन्न होते हैं। यह प्रयोग भी एक बार आजमा कर देखें।
- सम्मोहन शक्ति वृद्धिकारक कुंकुमादि तेल… बड़े-बड़े महात्मा, सन्त, अवधूत कुंकुम यानि केशर को घिसे हुए चन्दन में अच्छी तरह फेंटकर इसका लेप का माथे पर त्रिपुण्ड या टीका लगाते हैं, जिससे उनमें विशेष आकर्षण आने लगता है।
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- शिव रहस्योपनिषद और भविष्यपुराण के तिलक-टीका अध्याय में सम्मोहन विद्या प्राप्ति के कुछ दुर्लभ प्रयोग बताये गये हैं।
अमृतम “कुमकुमादि तेलम” के कुदरती फायदे…
कुंकुमादि तेल के नियमित उपयोग से आंखों की रोशनी भी बढ़ सकती है।
ढ़ीली त्वचा टाइट हो जाती है।
कुंकुमादि तेल में मूल घटक केसर है, जिसका आयुर्वेद शास्त्र, चरक सहिंता, ऋग्वेद आदि में इसके आलौकिक औषधीय गुणों और अद्भुत विशेषताओं का वर्णन किया है। बताया गया है कि-
त्वचा को निखारने के लिए केशर के मुकाबले सृष्टि में अन्य कोई दूसरी ओषधि है ही नहीं।
केशर शरीर के सभी अवयवों, नाड़ियों एवं त्वचा की देखभाल, पोषण, रक्षण तथा सौन्दर्यवर्धन के लिए प्रतिपादित किया गया है।
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- कुंकुमादि तेल लगाने से त्वचा पर केश के पास में होने वाला कालापन दूर होकर त्वचा सतेज, सुन्दर, खूबसूरत और चमकदार लगती है।
- कील-मुँहासे, पिम्पल्स, आंखों के नीचे के काले निशान जड़ से मिटाता है।
- आयुर्वेद में इसे अत्यंत उपयोगी माना है। जिनके चेहरे पर बड़े मस्से हों, तिल हो, दाग हों ओंठ अटपटे या मोटे हों इन सब खामियों को कम कर वर्ण को निखारकर और रंग साफ करता है।
- कुंकुमादि तेल चेहरे की गौरा बनाने में सहायक है।
- कुंकुमादि तेल त्वचा को चमकाता है और निखार लाता है। यह हाइपरपिग्मेंटेशन रंग बदलने में सहायक है।
- कुंकुमादि तेल रासायनिक आधारित क्रीम की तुलना में त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमद है।
- कुंकुमादि तेल आयुर्वेद का एक उत्तम प्रोडक्ट है और इसका हमारे चेहरे पर कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है।
- कुंकुमादि तेल शुष्क या रूखी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे हम मॉइशर के तोर पर भी उपयोग में लाते है।
- कुंकुमादि तेल त्वचा से सबंधित सभी रोगो को ख़त्म करता है।
- कुंकुमादि तेल चेहरे के ऊपर से काले धब्बे और आखो के नीचे होने वाले काले घेरे को ख़त्म करने का काम करता है।
- मुँहासे मिटाने में भी कुंकुमादि तेल का उपयोग किया जाता है।
- पित्तदोष एवं संक्रमण नाशक कुंकुमादि तेलम…इस तेल का उपयोग नाक के लिए भी किया जाता है। नाक में इसके ३-४ बून्द डालने पर पित्त को ठीक कर संक्रमण दूर करता है।
- कुंकुमादि तेल को त्वचा पर लगाने से उसकी कोशिका निकल जाती है। जिससे चेहरा चमकता है।
- इस तेल को चेहरे पर लगाने से झुर्रियां साफ हो जाती है।
- कुंकुमादि तेल चेहरे पर मालिश करने से रक्तसंचार यानि ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है।
- कुंकुमादि तेल त्वचा में होने वाली सूजन को रोकता है।
- कुंकुमादि तेल मस्से मिटाता है।
- कुंकुमादि तेल का उपयोग घाव के निशान, चकत्ते को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
- कुंकुमादि तेल सदियों से एक बेहतरीन सौंदर्य या ब्यूटी उत्पाद है।
- कुंकुमादि तेल के नुकसान/ साइड इफ़ेक्ट…कुंकुमादि तेल का उपयोग करने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता। जो लोग ज्यादा रसायनिक/केमिकल युक्त क्रीम का उपयोग करते हैं, उन्हें कुछ समय के लिए चेहरे पर खुजली होना, गाल पर लाल चकत्ते हो सकते हैं। लेकिन धैर्य और विश्वास के साथ लगाते रहें। कुंकुमादि तेलम के इस्तेमाल से आप सदा के लिए खुश रह सकते हैं।
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- अमृतम के सभी उत्पादों में प्राकृतिक तत्व हैं और इसलिए रंग और सुगंध प्रभावशीलता को खोए बिना भिन्न हो सकते हैं।
- हमारे उत्पादों का रंग प्राकृतिक अवयवों से है, इसलिए यह समय के साथ थोड़ा बदल सकता है – हालांकि उत्पाद की प्रभावकारिता में कोई फर्क नहीं आता है यानि अपरिवर्तित रहती है।
- हमारे उत्पाद हानिकारक रसायनों से मुक्त हैं।
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- यह भारत की 5000 वर्ष पुरानी चिकित्सा पध्दति के मुताबिक निर्मित है। हमें गर्व है- मेड इन इंडिया होने का।
- शरीर में रक्त सम्बन्धी दोष हों या खून की खराबी हो, तो स्किन की माल्ट एक महीने जल या दूध से सेवन करें।
- आयुर्वेद हमें सेहत सम्बन्धी अनेक तरह की तकलीफों से बचाता है। कुंकुमादि तेल का उपयोग केवल बाहरी यूज़ के लिए किया जाता है।
पैकिंग- 12 मिलीलीटर कांच की बोतल में
मूल्य- ₹ 1599/–
Amrutam Kumkumadi Oil – https://www.amrutam.co.in/shop/amrutam-kumkumadi-oil/
Ayurvedic Recipe for Skin Radiance
Kumkumadi Oil for men and women.
- Amrutam’s Kumkumadi Oil is recommended for men and women of all skin types. This powerful herbal oil reverses signs of ageing, dullness, pigmentation and restores the natural glow of the skin. It is made with a blend of rich herbal ingredients including Kesar and Rakta Chandana, and helps in sunburn, prevents dark circles, and provides a magical glow to your face.
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