देश-दुनिया को कुछ कर दिखाने की
ललक तथा भौतिक, आध्यात्मिक सुखों की
प्राप्ति का आधार स्वस्थ शरीर ही है।
सृष्टि के सबसे प्राचीन ग्रंथ-शास्त्र
भारतीय वेद “ऋग्वेद” का सूत्र है-
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति के
लिये तन-मन की मलिनता मिटाना
डब्लूएचओ की रिपोर्ट मुताबिक
देश-दुनिया में रक्त की कमी से 29 फीसदी रोगी जूझ रहे हैं…
एनीमिया मुख्य रूप से तीन
तरह का होता है…..
एनीमिया होने के 9 कारण-
खून की कमी (एनीमिया) के 21 लक्षण-
{13} चक्कर आना
{14} सिर में दर्द रहना
{15} बच्चे की श्वास बहुत तेजी से चलना {16} बच्चों में एकाग्रता में कमी
{17} बच्चों का तुलनात्मक रूप से धीमी वृद्धि और विकास का होना।
{18} बच्चों में व्यवहारिक और मानसिक समस्या का आना
{19} साँस लेने में असुविधा
{20} अनियमित मासिकचक्र
{21} तेजी से बालों का झड़ना।
शरीर में आयरन की कमी कैसे हो पूरी..
कड़ी मेहनत से अनेको किताबों
का अध्ययन कर फार्मूले खोजकर
अमृतम ने लाखों वर्ष पुरानी प्राकृतिक परम्परा को पुनर्जीवित कर अमृतम गोल्ड माल्ट का निर्माण किया है।
आयुर्वेद के अनुसार
रक्त-रस वृद्धि में आँवला मुरब्बा, सेव मुरब्बा, हरीतकी, स्वर्ण भस्म, लौह भस्म, मंडूर भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म आदि ओषधियाँ विशेष उपयोगी हैं।
अमृतम गोल्ड माल्ट यह सब मिश्रित हैं। सभी साध्य-असाध्य रोगों में अथवा बिना विकार के भी इस जैम रूपी अमृतम गोल्ड माल्ट (अवलेह) का सेवन वेफ़िक्र होकर निसंकोच किया जा सकता है।
इम्युनिटी और खून-भूख बढ़ाने के लिए इसे बचपन से पचपन तक खिलाएं…
इसे बचपन से ही बच्चों को खिलाना आरम्भ करें। यह च्चों में नवीन रक्त का निर्माण कर इम्युनिटी बढ़ाता है। यह सर्वश्रेष्ठ रक्तवर्धक स्वास्थ्य पूरक है।
अमृतम गोल्ड माल्ट के सेवन से आपका लाडला रोगों के तूफान, वायरस, संक्रमण के सामने सीना तानकर खड़ा रह सकता है।
स्वास्थ्य का सच्चा और मजबूत साथी..
सेवन विधि-
अमृतम गोल्ड माल्ट खून, इम्युनिटी बढाकर शरीर की थकान दूर करने का आसान समाधान है। इसे तीन से 5 वर्ष तक बच्चों को आधा चम्मच दूध से बस एक बार। 5 से 8 साल तक के बच्चों को एक चम्मच रोज एक बार दूध के संग और 8 वर्ष से ऊपर के बच्चों को बस, दो चम्मच रोजाना खिलाएं और पाएं सेहत का खजाना।
मजबूत मसल्स और मनपसंद बॉडी के लिए
अमृृृतम गोल्ड माल्ट रक्त संचार बढ़ाता है।स्टेमिना स्ट्रांग करे। इसमें है – शहद और आँवले का योग, जो बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टर है।
यह 9 बीमारियों से में इफ्फेक्टिव है-
◆ खून व भूख बढ़ाता है।
◆ सर्दी-जुकाम से स्थाई आराम
◆ निमोनिया का शर्तिया इलाज
◆ चुस्ती-फुर्ती बढ़ाए
◆ एनीमिया यानी खून की कमी
◆ हृदय रोग
◆ इनडाइजेशन, यानि अपचन
◆ कॉन्स्टिपेशन कब्ज
◆ शारीरिक कमजोरी
◆ सामान्य कमज़ोरी
◆ उम्र के साथ लम्बाई न बढ़ पाना।
अमृतम गोल्ड माल्ट
https://www.amrutam.co.in/shop/amrutam-malts-ancient-indian-formulation-ayurveda-medicine-for-all-ages/amrutam-malt/
कमजोरी और सर्जरी के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
ऊपर बताये गये उद्देश्यों के अलावा भी अमृतम गोल्ड माल्ट का सेवन तंदरुस्ती के लिए किया जा सकता है।
माल्ट या अवलेह क्या होता है….
माल्ट को आयुर्वेद में अवलेह कहा जाता है। एक तरह से यह प्रोटीन-विटामिन्स युक्त स्वादिष्ट हर्बल चटनी है इस युग की भाषा में “जैम” भी कह सकते हैं।
ताकत व तंदरुस्ती हेतु अमृतम
गोल्ड माल्ट को ब्रेड, परांठे, रोटी, टोस्ट पर जैम की तरह लगाकर सेवन कर सकते हैं ।
अन्य तरीके ये भी हैं….
तत्काल एनर्जी पाने व थकान मिटाने हेतु
गर्म पानी में 2 या 3 चम्मच मिलाकर
चाय, कॉफी, पेय पदार्थ के रूप में भी
दिन में 2 या 3 बार ले सकते हो ।
“अमृतम गोल्ड माल्ट” त्रिदोष नाशक, तो हैं ही ऊर्जा-शक्ति प्रदाता भी हैं ।
इसे तीन माह तक नियमित लेवें, तो
वात, पित्त, कफ को सन्तुलित कर
शरीर के अनेक अज्ञात आधि-व्याधि
को जड़ से सफाया कर देता है।
शरीर में आवश्यक मिनरल्स, विटामिन्स,
प्रोटीन की पूर्ति करता है।
अमृतम द्वारा आयुर्वेद के हजारों-लाखों ग्रंथों में कुछ विशेष प्रसिद्ध पुस्तकें जैसे-
€ चरक सहिंता”
€ सुश्रुत सहिंता”
€ भैषज्य रत्नावली”
€ आयुर्वेद अमृत सूूत्र
€ काय चिकित्सा ग्रन्थ
€ प्राचीन आयुर्वेद के सूत्र”
€ आयुर्वेद का प्राचीन इतिहास”
€ आयुर्वेद से जीवन चिकित्सा”
€ त्रिदोष नाशक ओषधियाँ”
€ आयुर्वेद सार संग्रह”
€ जंगल में दुर्लभ रत्न”
€ योग औऱ आयुर्वेद”
आदि 2 से 5 हजार वर्ष पुरानी उपरोक्त आयुर्वेदिक पुस्तकों से अमॄतम गोल्ड माल्ट योग-घटक लेकर निर्मित किया है, जो तन में लौहतत्व की पूर्ति करता है।
अमृतम गोल्ड माल्ट में मिली हुई स्वर्ण भस्म लौह भस्म, मंडूर भस्म देह में लौह की
पूर्ति कर रुधिरवाहिनियों में खून की बढ़ोतरी कर रक्त-प्रवाह और रक्तचाप भी सन्तुलित करने में कारगर है।
अवलेह में मिले लोह भस्म का मुख्य कार्य खून के प्रमुख घटक, लाल रक्त कणों हीमोग्लोबिन का निर्माण करना करना है, जो शरीर के अंग-प्रत्यंगों को सुडौल बनाकर,
तन-मन को तन्दरुस्त बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
ये 28 नियम…कभी बीमार नहीं होने देंगे!
इन्हें चन्दन की जगह सिन्दूर का चोला चढ़ाने की परम्परा है। इनकी भक्ति से तन-मन चमक जाता है।
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