आंवला को शिवधात्री भी कहते हैं।
- वनोषधि विज्ञान किताब के अनुसार विभिन्न भाषाओं के नाम….
हिन्दी- आमला, आंवला, अवरा, औड़ा।
संस्कृत- आमलक, धात्री वयस्था, तृस्यकला।
मराठी- आंवली, आंवल काठी।
बंगला- आमलनी, अम्बोलरा।
गुजराती- आवलानु झाड!
अंग्रेजी- इण्डियन गूजवेरी (Indian Gooxberry) लेटिन- फाइलैन्यस इम्बेलिका (Phyllanthus Embelica) |
- आँवले के फायदे, गुण-धर्म एवं प्रयोग….ताजा आमला-कसैला, किंचित अम्ल कटु, मधुर, शीतल, हलका, रूक्ष, त्रिदोषनाशक (अम्लता से वात का,माधुर्य और शीतलता से पित्तका तथा कसैलेपन और रूक्षता से कफ का नाशक है)।
- आँवला दस्तावर, केशों को हितकारी, अरुचि, दाह, प्रमेह, शोथ, विषम-ज्वर, तृष्णा, मेदवृद्धि, उत्क्लेद (मिचलाहट) मिटाता है।
- आध्मान (अफरा), मूत्रकृच्छ, भ्रम, अम्लपित्त, कास, श्रम (थकावट), विवन्ध (कब्जी), कुष्ठादि, रक्तविकार, रक्तपित्तादि पित्त-प्रकोप-जन्य, व्याधि और जरा- व्याधिनाशक रसायन है।
- अमृतम वाटिका में लगा है-आँवला वृक्ष
- अभी पतझड़ के बाद नए पत्ते आ रहे हैं।
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