अमृतम केपिछले लेख (blog) में 4 प्रकार के प्रदर रोग के बारे में बताया गया ।
श्वेतप्रदर (shwet pradar) Leucorrhea के रोग को जड़ से मिटा देगा –
“नारी सौन्दर्य माल्ट”
संसार मे शायद ही कोई स्त्री हो, जो प्रदररोग से पीड़ित न हो । महिलाएं इस रोग को मामूली समझती हैं, इसलिए लाज शर्म के कारण अपने घरवालों से भी नहीं कहती ।अतः प्रदररोग (सफेद पानी) white discharge
धीरे-धीरे बढ़ता रहता है । इस रोग की समय पर चिकित्सा न होने से गर्भाशय से ज्यादा मात्रा में पीब की तरह का स्त्राव होने
लगता है । जिसके कारण रोगी स्त्री की योनि के अंदर और योनि मुख पर जख्म हो जाता है । इस कारण हर समय
लेते रहने का मन करता है । सिरदर्द रहता है ।
किसी भी काम को करने की इच्छा नहीं होती ।चक्कर आते हैं ।खून की कमी होकर शरीर पिला पड़ जाता है । सफेद चिट्टे पड़ने लगते हैं ।
कब्ज होकर पेट फूलने लगता है ।
पाचन क्रिया बिगड़ जाती है । चेहरा मुरझाया से रहता है । धीरे-धीरे खूबसूरती घटने लगती है ।
श्वेतप्रदर रोग (shwet pradar) Leucohhrea
या whate discharge का क्या है अमृतम आयुर्वेदिक इलाज ।
प्रदररोग (सफेद पानी) का सफलता पूर्वक उपाय हर्बल,प्राकृतिक चिकित्सा से सम्भव है ।
स्त्रीरोगों की सम्पूर्ण चिकित्सा,इलाज आदिकालीन चिकित्सा पध्दति आयुर्वेद द्वारा बिना किसी हानिकारक दुष्प्रभाव के किया जा सकता है।
आयुर्वेद का अति प्राचीन ग्रंथ आयुर्वेदिक
निघण्टु (धन्वंतरि कृत) में कई घरेलू उपाय बताये हैं ।
दादी माँ के नुख्सों में भी इस तरह के कई छोटे-छोटे उपाय सुझाये हैं, किन्तु वे इतने कारगर साबित नहीं हुए क्योंकि बाजार से जड़ी-बूटियां उतनी साफ-सुथरी और पूरी नहीं मिल पाती ।
दूसरा कारण जानकारी का अभाव और बनाने का झंझट अलग से है । ओषधियों को कम मात्रा में लेने के कारण महंगी बहुत पड़ती है ।
वर्तमान में आयुर्वेद की हजारों कम्पनियाँ प्रदररोग या स्त्री रोग नाशक दवाई निर्मित कर रही हैं लेकिन किसी भी आयुर्वेद दवाओं के परिणाम (Result) सुनिश्चित नहीं हैं ।
इन सबका कारण है अमृतम आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार घटक द्रव्य (composition) जड़ी-बूटियों का पर्याप्त माता
में न लेना । क्योंकि कैप्सूल, टेबलेट,सीरप ( syrup ) में आवश्यक ओषधि-काढ़े, रस-भस्मों
का अनुपान अनुसार समावेश नहीं हो पाता ।
इसीलिए 35 वर्षों तक आयुर्वेदिक दवाओं की मार्केटिंग करने के पश्चात अमृतम फार्मास्युटिकल्स
के नाम से उद्योग स्थापित किया ।
ताकि रोगप्रतिरोधक क्षमता वृद्धिकारक, जीवनीय शक्ति दायक तथा भयंकर असाध्य रोग नाशक ओषधियों का निर्माण किया जा सके । अमृतम की सभी 108
दवाएँ अद्भुत असरकारक हैं ।
हमारा उदघोष व मूलमंत्र है –
“अमृतम” -रोगों का काम खत्म
अमृतम द्वारा विश्व में पहली बार सभी
रोगों के लिये
अलग-अलग करीब 27 तरह के माल्ट निर्मित किये हैं । महिलाओं के मन की मलिनता मिटाने हेतू
नारी सौंदर्य माल्ट तथा मालिश ( Massage)
के लिये नारी सौंदर्य तैल निर्मित किया है ।
लिवर की सुरक्षा हेतु keyliv माल्ट,
Fever मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, स्वाइनफ्लू के लिये Fevkey माल्ट ,
नामर्दी, सेक्स की समस्या
से स्थाई मुक्ति हेतु
बी.फेराल माल्ट, व कैप्सूल
आदि । ओषधियों के निर्माण में रत है । अमृतम दवाएं रोगों का जड़मूल
से दूर करती हैं और पुनः रोगों को आने से रोकती है । अमृतम के सभी माल्ट शरीर मे आवश्यक प्रोटीन, विटामिन्स, कैल्शियम, खनिज पदार्थों की पूर्ति करते हैं । जिन्हें सप्लीमेंट के रूप में जीवन भर भी सेवन कर सकते हैं । इनके कोई भी साइड इफ़ेक्ट या दुष्प्रभाव नहीं हैं ।
अमृतम के सभी माल्ट कई प्रकार के मुरब्बे,
गुलकन्द, जड़ी-बूटियों के काढ़े से निर्मित किये जाते हैं । प्रत्येक माल्ट में लगभग 50 से अधिक असरदार ओषधियों का मिश्रण किया जाता है।
माल्ट निर्माण की प्रक्रिया बहुत ही जटिल व खर्चीली होने से करीब एक माल्ट 25 से 30 दिन में निर्मित हो पाता है ।
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