दुनिया में अधिकतर 80 से 90 फीसदी मरीजों में ज्वर/फीवर की वजह संक्रमण (Infection) है!
लगातार पेट की खराबी भी ज्वर की उत्पत्ति करता है।
आधि- व्याधि की वजह क्या है….
वैद्याः वदन्ति कफपित्तमरुद्विकारान्
ज्योतिर्विदो ग्रहगतिं परिवर्तयन्ति ।
भूताभिषंग इति भूतविदो वदन्ति
प्रारब्धकर्म बलवन्मुनयोः वदन्ति।।
अर्थात- अस्वस्थ्य या पीडा होने पर वैद्य कहते हैं कि वह कफ, पित्त और वायु का विकार है।
ज्योतिष ग्रन्थों में लिखा है कि रोगों का कारण ग्रहों की पीडा है।
भूवा यानि बाबा, सन्त लोग मानते हैं कि पापों का फल है या भूत का संचार हुआ है।
श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार सच्चाई यह है कि प्रारब्ध कर्म बलवान है। रोग-विकार उसी का फल है।
आयुर्वेदाचार्य ओर ऋषि मुनि कहते हैं कि प्रकृति के विरुद्ध चलने से बीमारी बढ़ती है।
ज्वरनाशक, फीवर में उपयोगी ओषधियाँ….
पूरे वर्ष स्वस्थ्य-तन्दरुस्त रहने के लिए अमृतम फ्लूकी माल्ट का सेवन करें।
इसके अलावा निम्नलिखित ज्वर नाशक जड़ीबूटियों का वर्णन अनेक ग्रन्थ में मिलता है। जैसे-
गिलोय, अमृता, गिलोय घनसत्व, गिलोय
वटी, महासुदर्शन काढा, अमृतारिष्ट, जय मङ्गल रस स्वर्णयुक्त, चिरायता, नीम, चन्दन त्रिफला, आँवला, हरीतकी अतिविषा, गन्धक,
यशद भस्म, गुग्गुलु, भल्लातक, चित्रक, भूमिआवला, मञ्जिष्ठा, सारिवा, निम्ब, गुडूची, तुलसी, रसोन, हरिद्रा, दशमूल, शुद्ध पारद, शुद्ध गन्धक, सुवर्णभस्म, मल्ल सिंदूर, वंग भस्म, ताम्रभस्म, गोदन्ती हरताल, टंकण, स्फटिका।
इन जीवाणुहर औषधियों में से किसी एक या अनेक का सन्तुलित योग बनाकर उपयोग करना चाहिए।
यह ओषधियाँ ज्वर नाशक होती हैं। लेकिन सही अनुपान न होने से यह विष स्वरूप बन जाती हैं।
विश्व भर में ज्वर (Fever) पीड़ितों की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है। कब्ज, पेट की खराबी, बिगड़ता पाचन तंत्र, ह्रास होती इम्युनिटी आदि अनेक विकृतियाँ देह का तापमान बढ़ाकर ज्वर पैदा करती हैं।
ज्वर के 5 मूल कारण (Causes)…
ज्वर, मलेरिया या फीवर मुख्य रूप से पांच प्रकार के कारणों से शरीर को विकारग्रस्त बनाता है-
【१】 संक्रमण (Infections);
【२】 आमविष (Immune disorder);
【३】आघात (Trauma)।
【४】धात्वाग्नि-दुष्टि (Metabolic)।
【५】कर्क-रोग (Cancer)
आयुर्वेदिक इलाज/उपचार (treatment)
¶~ संक्रमणहर औषधियाँ (Anti-infective drugs) सर्वप्रथम ज्वर पैदा करने वाले संक्रमण को नष्ट करने के लिए संक्रमणहर औषधियों का प्रयोग करें।
¶~ जीवाणुहर औषधियाँ (Anti-Bacterial Drugs) जीवाणु-जन्य संक्रमण (Bacterial infections) से होने वाले ज्वर के उपचार के लिए निम्न जीवाणुहर औषधियों का उपयोग करना लाभदायक होता है –
आयुर्वेद के आचार्य चरक के चरक संहिता सु. स्थ. अ. 1/125 में लिखते हैं कि –
यथा विषं यथा शस्त्रं यथाग्निरशनिर्यथा। तथोषघमविज्ञातं विज्ञातममृतं यथा।।
अर्थात अज्ञात अनजानी औषधि उसी प्रकार प्राण घातक है जिस प्रकार विष, शस्त्र, अग्नि या इंद्र का वज्र प्राण को हर लेते हैं ।
इसके विपरीत जानी हुई औषधि अमृत के समान प्राण रक्षिका होती है।
विष एवं अमृत क्या है…
अनुपान भेद से विष भी अमृत के समान उपयोगी हो जाता है एवं असम्यक (गलत) उपयोग से अमृत भी विष के समान हानिकारक हो जाता है।
अधिकांश लोग जड़ीबूटियों का ठीक तरीके तथा मात्रा के हिसाब से उपभोग नहीं करते और उन्हें हानि होती है।
फिर, बदनाम आयुर्वेद को करते हैं।
फ्लूकी माल्ट/FLUKEY MALT
महासुदर्शन क्वाथ, आंवला, हरीतकी मुरब्बा, गुलाब की गुलकन्द आदि सहित उपरोक्त उल्लेखित 55 जड़ी-बूटियोंके गुणों वाली से परिपूर्ण सम्पूर्ण ज्वर नाशक आयुर्वेदिक तैयार औषधि है।
फ्लूकी माल्ट पुराने जीर्ण-शीर्ण मलेरिया, इकतरा या म्यादी बुखार, मलेरिया, डेंगू फीवर, मोतीझरा, आदि 22 प्रकार के ज्वर को ठीक करने में कारगर है।
यह संक्रमण या मच्छर के काटने से से पैदा होने वाले मलेरिया को भी मिटाता है। आज ही ऑनलाइन मंगवाएं।
असरकारक प्राकृतिक ओषधियों से मिलकर बनी हुई हो ऐसी दवा है, जो इम्युनिटी को कई गुणा बढ़ा कर आपको कोरोना वायरस के बाद के विकार,
कमजोरी से बचाने के साथ-साथ अनेकों तरह के ज्वर, डेंगू फीवर जैसे विनाशकारी रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है
और किसी भी प्रकार के वायरल बुखार को फ्लूकी माल्ट सिर्फ 3 से 7 दिन में ठीक करने में मददगार है।
कब, कैसे और कितने समय तक सेवन करें-फ्लूकी माल्ट….
फ्लूकी माल्ट – का असर आपको
इसके प्रयोग के मात्र 5 से 7 दिनों में
दिखने शुरू हो जाता है।
क्यों गुणकारी है-फ्लूकी माल्ट
【1】गिलोय extract
【2】तुलसी extract
【3】त्रिफला
【4】आँवला मुरब्बा,
【5】गुलकन्द
इसमें अनेक प्रकार की ओषधियों का
प्रयोग किया हे, जो अपने गुणों में महान है।
अमॄतम फ्लूकी माल्ट ….
सबको स्वास्थ्य का भरपूर खजाना देता है।
क्यों बनाया है अमॄतम ने फ्लूकी माल्ट?
इसमें मिली हुई औषधियां आपको अनेकों रोगों में लाभकारी सिद्ध होंगी…..
{} यह त्रिदोष, त्रिताप नाशक है।
{} कोरोना वायरस से बचाव करेगी।
{} किसी भी प्रकार के संक्रमण की रक्षक।
{} फीवर, मलेरिया एवं बुखार में फायदेमंद।
{} डेंगू फीवर नाशक है।
{} ब्लड प्लेट्स बढ़ाने में सहायक।
{} इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने में मददगार।
{} स्वास्थ्य को बेहतर बनाये,
{} पाचन शक्ति ठीक करे।
{} लिवर को क्रयाशील बनाता है।
{} भूख और खून की कमी दूर करे।
{} पेट के सभी रोगों में हितकारी।
{} सर्दी-खांसी, जुकाम, निमोनिया
एलर्जी, तथा श्वांस/सांस सम्बन्धी
बीमारियां होने से बचाता है।
कितने समय तक लेना चाहिए-
यदि आप संक्रमित रोगों, ज्वर, वायरस
आदि को जड़ से मिटाना चाहते हैं, तो कम से कम इसे एक से तीन महीने तक नियमित सेवन करें।
इम्यून सिस्टम वृद्धिकारक है। 400 ग्राम की पेकिंग में आता है।
अमृतम फ्लूकी माल्ट की विशेषता…
सभी तरह के संक्रमण, वायरस विकारों के लिए अब-अमॄतम आपके लिए लेकर आया है-
All एंटीवायरस एक हर्बल अवलेह जिसका नाम है-
फ्लूकी माल्ट का फार्मूला अत्यन्त चमत्कारी व सन्तुलित है,
जो छोटे मोटे बुखार से लेकर के किसी भी प्रकार के फ्लू से लड़ने में और शरीर के हर प्रकार के इन्फेक्शन को दूर करने में बेहद कारगर है
और भयंकर ज्वर रोगों को जड़ से दूर करने में इस का सेवन संजीवनी बूटी के समान लाभकारी है।
फ्लूकी माल्ट में मिलाया एक कड़वी बूटी चिरायता है, जो एंटीवायरल एंटीबैक्टेरियल और एन्टी–फंगल है।
फ्लूकी माल्ट में मिलाया गया हरीतकी मुरब्बा पेट की तकलीफ, कब्ज, पेट दर्द, गैस रोग नाशक है। यह मल को जलाकर पखाना साफ लाता है।
अमॄतम त्रिकटु चूर्ण सर्दी-खांसी, निमोनिया, फेफड़ों की परेशानी खत्म करने में उपयोगी आयुर्वेद की चमत्कारी ओषधि है।
फ्लूकी में आमलकी, कर्ण फूल आदि बहुत सारे एन्टी-ऑक्सीडेंट लाभदायक द्रव्य-घटक हैं।
रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है- “फ्लूकी माल्ट….. ये प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कोरोना वायरस से बचाने के
साथ -साथ स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया की तकलीफ या दर्द दूर कर डेंगू प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है।
विषाणु ज्वर, संक्रमित ज्वर या वायरल फीवर, मोतीझरा/ टायफाइड आदि पुरानी से पुरानी संक्रमित बीमारियों को मिटाने में कारगर है।
फ्लूकी माल्ट १०० फीसदी आयुर्वेदिक औषधि अतिउत्तम और शीघ्र परिणाम देने वा.
ली ओषधि है एवं यह तन के दूषित खून को भी साफ कर प्राकृतिक रक्तशोधक भी है।
फ्लूकी माल्ट की खास खासियत…
बदलते मौसम में लेवें आयुर्वेदिक फ्लूकी माल्ट, तो सालभर रहेंगे स्वस्थ्य-तन्दरुस्त, निरोग…
आयुर्वेद की एक पुरानी कहावत है कि- मौसम और मुकद्दर की मार से कोई नहीं बच सकता।
इसलिए मौसम की मार से बचाव के लिए अमृतम फ्लूकी माल्ट का उपयोग करें और मुकद्दर की मार से बचने हेतु मेहनत और प्रार्थना करें।
अमृतम दवाएँ-स्वस्थ्य बनाएं…अमृतम आयुर्वेदिक दवाएँ ताउम्र स्वस्थ्य रखते हुए, प्राणी को पूर्ण आयु प्रदान करती हैं।
स्वस्थ्य शरीर को भी …ज्वर जर्जर बना देता है!
【■】बदलते मौसम की वजह से वर्तमान में महामारी के रूप में प्रकट ज्वर, जो जीवन का स्वर बिगाड़कर तन को तार-तार कर देता है।
【■】ज्वर, बुखार, मलेरिया पुराना हो जाने से तन-मन को खोखला कर देता है।
आयुर्वेदिक इलाज- अमृतम फ्लूकी माल्ट में कुटकी, चिरायता, गिलोय, तुलसी आदि अनेकों असरकारक प्राकृतिक जड़ीबूटियों को मिलाया गया है,
जो रोगों से लड़ने की अंदरूनी शक्ति प्रदान करती है।
आयुर्वेद के अनेकों प्राचीन ग्रन्थ भावप्रकाश, भैषज्य रत्नावली, आयुर्वेद सार-संग्रह के अनुसार फ्लूकी माल्ट में मिश्रित
द्रव्य-घटक डेंगू तथा स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, मोतीझरा, टायफायड आदि दुष्ट से दुष्ट, जानलेवा और खतरनाक बुखार-विकारों, ज्वर को जड़ से निकाल फेंकता है।
असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए आयुर्वेद दवाएँ पूर्णतः सक्षम है।
फ्लूकी माल्ट के सेवन से मौसमी बीमारियों और वायु प्रदूषण या संक्रमण से उत्पन्न तकलीफों से बचाव रहता है।
रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में यह शर्तिया इलाज है,
फ्लूकी माल्ट बार-बार होने वाले नजला, सर्दी-खाँसी, जुकाम से यह रक्षा करता है।
इसमें महासुदर्शन चूर्ण, प्रवाल पंचामृत रस, मोती भस्म आदि सौ से अधिक गुणकारी औषधियों का समावेश है।
अमृतम फ्लूकी माल्ट 100 फीसदी ज्वरनाशक हर्बल मेडिसिन केवल ऑनलाइन उपलब्ध है।
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Works as an immune booster. Flukey malt is an ancient …
Product Type: Ayurveda & Organic Products General Ayush
आयुर्वेद की रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, न्यूरोथेरेपी एवं थेरेप्युटिक योगा, अभ्यङ्ग, मालिश, नित्य स्नान, स्नान पश्चात भोजन,
सूर्योदय से पूर्व जागना इत्यादि। प्रक्रियाओं के सम्यक उपयोग कई व्याधियों में अत्यंत उपयोगी हैं।
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