गुग्गुल के आयुर्वेदिक लाभ-2

अमृतम आयुर्वेद के ऐसे हजारो ग्रंथ गुग्गल के गुण, कुल, जाति, भेद, मात्रा, रोग,   प्रयोग, उपयोग, उपभोग, सेवन विधि, गुग्गल से बनने वाली हर्बल दवाएं, 135 प्रकार के गुग्गल की निर्माण प्रक्रिया आदि तथा  पहचान, मिलने का स्थान, गुग्गल की खेती, गुग्गल का शुद्धिकरण, किस प्रकार शुद्ध-पवित्र किया जाए गुग्गल के गुणगान से भरे पड़े हैं  । महायोगराज गुग्गल, सिंहनाद गुग्गल, कैशोर गुग्गल, त्रिफला गुग्गल,   त्रियोदशांग गुग्गल

 अनेक गूगल युक्त ओषधियों का यह मुख्य घटक है ।

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गुग्गल से मिटने या दूर होने वाले रोग
गुग्‍गुल कफ, वात, कृमि और

 अर्श नाशक होता है  ।
इसलिये ही अमृतम पाइल्स की माल्ट
 ( Piles Key Malt) में इसलिए ही गुग्गल मिलाकर निर्मित किया है । पाइल्स की माल्ट गुदा के मस्सों को सुखा देता है तथा पुनः नहीं होने देता   इसके अलावा इसमें सूजन और जलन को कम करने के गुण भी होते हैं  ।
गुग्गल के योग से निर्मित दवाएँ- ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट, ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल
 (गुग्गल एवं स्वर्ण भस्म युक्त) ।
 ज्ञात हो कि ऑर्थो से पीड़ितों के लिए बहुत ही असरकारी है ।
Orthokey Gold Malt तथा
Orthokey Gold Capsule
(with Guggul & gold bhasm)
उन दोनों में  गुग्गल विशेष रूप से मिलाया है ।
रोगाधिकार– गठियावाय, मांसपेशियों में खिंचाव,  गर्दन, पीठ, कमर व कंधों का दर्द, जोड़ों, घुटनों एवम बदन दर्द सहित सर्व वात विकार नाशक है  ।
स्नायु मण्डल पुष्टि शक्तिदायक
  ऑर्थोकी अमृतम की अद्भुत
 वात-विनाशक  ओषधि है ।
  7 दिन लगातार सेवन से शरीर के सभी नए- पुराने वात-विकार, हाहाकार कर निकल जाते हैं  ।
बार-बार होने वाला पेट खराब, अक्सर  कब्ज होने के कारण आई शिथीलता, कमजोरी व आलस्य  मिटाता है ।
रक्त में जमे यूरिक एसिड घोलने में सहायक है
तथा ग्रंथिशोथ।  (Thyriod)  में। लाभकारी है ।
 Indication- useful in Arthritis,
 Fibrositis, Lumber, Frozen,
 Shoulder, Cervical pain, Joint-Pain,
 Body pain, Thyroid, and Muscular
  pain etc.
गुग्गल युक्त ऑर्थोकी
हड्डियों से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान करने में सहायक है ।  हड्डियों में किसी भी प्रकार की परेशानी में गुग्गुल युक्त ऑर्थोकी (Orthokey) बहुत उपयोगी होता है। हड्डियों में सूजन, चोट के बाद होने वाले दर्द और टूटी हड्डियों को जोड़ने एवं रक्त के जमाव को दूर करने में बहुत लाभकारी  है।
ऑर्थोकी कमजोर हड्डियों को ताकत देकर बलशाली बनाता है ।
 गिरने का भय मिटाता है ।
 गुग्गल को  गुड़ के साथ मिलाकर सेवन करने से स्त्रियों के गर्भाशय के रोग दूर करता है ।
गर्भाशय तथा महिलाओं के विकार, प्रदर  रोगों के लिए गुग्‍गुल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गुग्गुल को सुबह-शाम गुड़ के साथ सेवन करने से कई प्रकार के गर्भाशय के रोग ठीक हो जाते हैं। अगर रोग बहुत जटिल है तो 4 से 6 घंटे के अन्तर पर इसका सेवन करते रहना चाहिए
सदा स्वस्थ और सुंदर बने रहने के लिये
अमृतम नारी सौन्दर्य माल्ट 
का जीवन सेवन। करना महिलाओं
 के लिए अति उत्तम रहता है ।
यह महिलाओं के मन की मलिनता मिटाने बहुत ही सहायक है ।
दर्द और सूजन से राहत दें
गुग्‍गुल में मौजूद इन्फ्लमेशन गुण दर्द और सूजन में राहत देने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में भी बहुत मदद करता है  । साथ ही ऑर्थोकी भी लेवें ।
त्‍वचा व चर्म रोगों में  फायदेमंद- गुग्‍गुल
खून की खराबी के कारण शरीर में होने वाले फोड़े, फुंसी व चकत्ते आदि के कारण गुग्‍गुल बहुत लाभकारी होता है। क्‍योंकि इसके सेवन से खून साफ होता है। त्‍वचा संबंधी समस्‍या होने पर इसके चूर्ण को सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें।
स्किनकी टेबलेट व प्योर की सिरप बहुत लाभकारी है ।
कब्‍ज के  कब्जे से मुक्त करें- गुग्गल
अगर आपको कब्‍ज की शिकायत रहती हैं तो आपके लिए गुग्‍गुल का चूर्ण फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए लगभग 5 ग्राम गुग्गुल में सामान मात्रा में त्रिफला चूर्ण को मिलाकर रात में हल्का गर्म पानी के साथ सेवन करने से लम्बे समय से बनी हुई कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है तथा शरीर में होने वाले सूजन भी दूर हो जाते हैं  ।
सहायक हर्बल ओषधि के रूप में
कब्ज की चूर्ण, (Kabj Key Churn)
फ्रेश की चूर्ण,
सहज अनारदाना चूर्ण का सेवन करें
जिन्हें हमेशा कब्जियत बनी रहती हो वे कीलिव स्ट्रांग सिरप नियमित लेते रहें ।
मुंह स्‍वास्‍थ्‍य व मुख रोगों के लिए बेहद उपयोगी
मुंह से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्‍या में गुग्‍गुल का सेवन करना अच्‍छा रहता है। गुग्गुल को मुंह में रखने से या गर्म पानी में घोलकर दिन में 3 से 4 बार इससे कुल्ला व गरारे करने से मुंह के अन्दर के घाव, छाले व जलन ठीक हो जाते हैं  ।
गंजापन दूर करें-गूगल
आधुनिक जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण आजकल बढ़ी उम्र के लोग हीं नहीं बल्कि युवा भी गंजेपन का शिकार हो रहे हैं। अगर आपकी भी यहीं समस्‍या हैं तो आप गुग्गुल को सिरके में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से सिर पर गंजेपन वाले स्थान पर लगाएं इससे आपको लाभ मिलेगा । अन्यथा
कुंतल केयर हेयर आयल
 अच्छी तरह बालों में लगाकर
  अमृतम हर्बल शेम्पू
 से बाल धोवें । यह खारे, बोरिंग व प्रदूषित पानी से बालों की रक्षा करता है ।
अम्‍लपित्त से छुटकारा-
आमतौर पर उल्‍टा-सीधा या अधिक मिर्च मसाले युक्त आहार लेने से अम्‍लपित्त यानि खट्टी डकारों की समस्‍या हो जाती है। इस समस्‍या से बचने के लिए आप गुग्‍गुल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच गुग्गुल का चूर्ण एक कप पानी में मिलाकर रख दें। लगभग एक घंटे के बाद छान लें। भोजन के बाद दोनों समय इस मिश्रण का सेवन करने से अम्लपित्त की समस्‍या से छुटकारा मिल जाता है  ।
अथवा इससे बने योग जिओ माल्ट
का सेवन एक ख़ुराक- करे अम्ल पित्त ( Acidity) का नाश !
यह गुलकन्द से निर्मित है ।
उच्च रक्तचाप नाशक – गुग्गल
रक्तचाप के स्तर को कम और सामान्य स्तर पर बनाए रखने में गुग्‍गुल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा गुग्‍गुल दिल को मजबूत रखता है और दिल के टॉनिक के रूप में जाना जाता है  !
मोटापा  नाशक– गुग्गल
गुग्‍गुल का इस्‍तेमाल शरीर में फैट को कम करने के लिए किया जाता है। सदियों से यह एक मोटापा विरोधी एजेंट के रूप में काम करता है। अगर आप मोटापे की समस्‍या से परेशान है तो शुद्ध गुग्गुलु की 1 से 2 ग्राम को गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। गुग्गुल शुद्ध करने के लिए इसे त्रिफला के काढ़े और दूध में पका लें।
सेवन में सावधानी
गुग्‍गुल की प्रकृति गर्म होने के कारण इसका ज्‍यादा इस्‍तेमाल करने पर इसे गाय के दूध या घी के साथ सेवन करे। साथ ही इसका प्रयोग करते समय तेज और मसालेदार भोजन, अत्याधिक भोजन, या खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
बच्चों को  खिलाएं – गुग्गल युक्त
चाइल्ड केअर माल्ट
पेट के सभी रोग होंगे दूर हो जाएंगे । बच्चों की
हेल्थ के लिए बहुत ही उपयोगी है ।
पीलिया रोग, खून की कमी, भूख न लगना आदि यकृत रोगों। में
 कीलिव माल्ट।
अत्यंत लाभकारी है..
संक्रमण के कारण गले की सूजन और दर्द को ठीक करने  में सहायक है गुग्गल और कफमुक्ति माल्ट ये आसान उपाय आपको हमेशा स्वस्थ्य रख सकते हैं ।
ध्यान रहे अमृतम दवाएँ प्राचीन पध्दति से निर्मित की जाती हैं ।
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