जब बालों को धोने की बात आती है तो महिलाओ के दिमाग मे सबसे पहले शिकाकाई का नाम आता है क्योकि यह बालो के लिए बहुत फायदेमंद चीजों मे से एक है। शिकाकाई को कई ओर नामों से भी जाना जाता है जैसे- चिकाकाई, कोची, सप्तला, सातला, शिकाय, सिकि, गोगु, और चीयाकाई इत्यादि। यह बाल धोने का एक प्राकृतिक उत्पाद है, जो एकेशिया कॉनसिना नामक पौधे से बनाया जाता है।
शिकाकाई का पेड़ः
शिकाकाई का पेड़ ऊँचा होता है। काँटेदार शाखाओ में ब्राउन चिकनी धारियाँ होती है। इसमें छोटे-छोटे काँटे व्यापक रूप से पाए जाते है। पत्ती के ड़ठल 1 से 1.5 सें.मी तक लम्बे होते है। पत्ती डबल पिनाट होती है। जिसमें पत्तियों के 5-7 जोडे़ होते है। इनकी शाखाओं के शुरुआत में जहाँ पत्तियाँ कम होती है वहाँ 2 या 3 ड़ठल वाले गोलाकार फूलों का समूह होता है। जिन ड़ंठलो मे यह फूल होते है उनकी लम्बाई 1 से 2.5 सें. मी लंबी और मखमली होती है। व्यस्क होने पर फूलो का व्यास 1 सें.मी तक होता है इसके फल की फली मोटी होती है।
आज की बदलती जीवनशैली में शिकाकाई का भूमिका:
आज की बदलती जीवनशैली और लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग का ध्यान आयुर्वेदिक और हबर्ल की ओर ज्यादा आकृषित हो रहा है। आजकल लोग केमिकल युक्त उत्पादो की बजाय हर्बल और ऑर्गेनिक उत्पादो को लेना ज्यादा पंसद करते है क्योकि वह जानते है कि हमारे शरीर के लिए क्या अच्छा है क्या बुरा है। इसलिए आयुर्वेदिक और हबर्ल बच्चों से लेकर बड़ों तक की पहली पसंद बन गई है।
शिकाकाई बालो के लिए:
पुराने जमाने मे महिलाएँ बाल धोने के लिए शिकाकाई का इस्तेमाल करती थी यह बालों के लिए बेहतरीन कंडीशनर का काम करता है। शिकाकाई का पेस्ट बनाकर बालो मे लगाने से और कुछ समय बाद गुनगुने या ठण्डे पानी धोले तो बाल नर्म और मुलायम हो जाते है।
शिकाकाई को आँवले और रीठा के साथ लगाने से इसके परिणाम बेहतरीन आते है। यह बालों को काला लंबा और घना बनाने के साथ-साथ चमकदार भी बनाता है। शिकाकाई के नियमित प्रयोग से बालों में रूसी (डैंडफ) की समस्या मे भी आराम मिलता है ।
शिकाकाई त्वचा के लिए:
शिकाकाई केवल बालो के लिए फायदेमंद नही ब्लकि त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। अगर इसके पेस्ट को चावल के पानी मिलाकर लगाने से यह एक बॉडी वॉश की तरह काम करता है। इससे किसी भी तरह स्किन इनफेक्षन आराम मिलता है । यह त्वचा की अनेको बिमारिया जैसे खुजली, संक्रमण और त्वचा रूखापन दूर करने में सहायक है। आप लोग मे काफी लोगो को यह पता ही इसका उपयोग बालो के साथ-साथ त्वचा पर कर सकते है काफी लोग यह अजीब लगेगा लेकिन त्वचा के रोग में काफी फायदेमंद होता है
दादी-नानी के नुस्खें – कहते है कि पहले के समय जब भी कोई तकलीफ या बिमारी या फिर किसी के बाल नही बढ रहे हो या चेहरे की कोई परेशानी हो इसके लिए हम सबसे पहले अपने बड़ो के पास जाते है। दादी -नानी की रसोई में आप को हर छोटी-बड़ी परेशानी का घरेलु उपाय मिल जाता है या यूँ कहे की दादी-नानी के नुस्खे जादू के नुस्खे है।
बालो के लिए शिकाकाई के फायदेः
आयुर्वेद में शिकाकाई अपने बेहतरीन गुणो के लिए जाना जाता है:
(1) सिर के और बालो के समुचित विकास के लिए शिकाकाई बेहतरीन उपाय है। शिकाकाई की तासार ठण्डी़ तथा ऐन्टीसेप्टिक गुणो से सिर की सुजन कम करने मे मदद करता है। सिर के PH (level) स्तर को बनाये रखने में भी मदद करता है।
(2) शिकाकाई एक अच्छा मॉइस्चराइजर है। इसमे प्राकृतिक रूप से विटामिन ई पाया जाता है जो बालो को मॉइस्चराइजर के लिए आवश्यक है क्योकि यह बाल कणों को बंद रखने के तरीको मे से एक है।
(3) मुख्य रूप से विटामिन ई और विटामिन सी की उपस्थिति के कारण इसकी रसायनिक संरचना के कारण और कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंटों अच्छी उपस्थिति के कारण प्राकृतिक रूप से रूसी मे बहुत फायदेमंद है। शिकाकाई की पत्तियों का इस्तेमाल डैंड्रफ स्केलप्स को हटाने के लिए किया जाता है। शिकाकाई का पाउडर उन लोगो को भी फायदा पहुँचाता है जिनके बाल और सर पर चिपचिपा डैंड्रफ होता है।
(4) बालो की एक समस्या और भी है जिससे लोग कई जगहों पर शर्मिदगी उठानी पडती है। वह समस्या जू़ँ की है इससे न केवल खुजली होती है घाव भी बन जाते है। इससे बचने के लिए शिकाकाई का उपयोग बेहतर है क्योकि यह जू़ँ विरूद्ध कारगर है। इसके कम PH मूल्य, एंटी फंगल और जीवाणुरोधी गुण बालो मे जू़ँ वृद्धि को रोकने मे मदद करते है।
(5) कई लोगो के बाल बहुत घुंघराले होते है। जो आसानी से नही सुलझ पाते, ऐसे लोगो के लिए भी शिकाकाई एक अच्छा विकल्प है। शैम्पु से धुले बालों का अपेक्षा शिकाकाई से धुले बाल आसनी से सुलझ जाते है और कम टुटते है।
(6) यदि आप अपने बालो मे डाई लगाते है तो भी आपके बालों में शिकाकाई फायदेमंद है आपको डाई लगाने से पहले बालो को शिकाकाई से धो लेना है। और उसके बाद डाई लगानी है इससे से डाई आपके बालो में अच्छे से लगेगी और इस का प्रभाव ज्यादा समय तक रहेगा।
त्वचा के लिए शिकाकाई के फायदेः
(1) खरोंच के लिए शिकाकाई एक अच्छा ऐन्टीसेप्टिक है। पहले गर्म पानी मे हल्दी को भिगोकर उसका पेस्ट बना ले। फिर शिकाकाई एक टुकड़ा लें और सीधे आग पर रखकर जला ले ज वह काला न हो जाए फिर इसे ठण्डा कर ले इसका पाउडर बना ले अब इस पाउडर को हल्दी के पेस्ट मिलाकर खरोंच में लगा ले और धोले। हल्दी और शिकाकाई दोनो ही एंटी फंगल, एंटी-माइको्रबियल, और एंटी-बैक्टीरियल है। यदि घाव ज्यादा है डॉक्टर की सलाह लेवें।
(2) शि काकाई का पाउडर दाग-धब्बो के इलाज के लिए उपयोग मे आता है। आधा चम्मच शिकाकाई पाउडर लें और इसमें एक-एक चम्मच क्रीम, बादाम पाउडर, और हल्दी के साथ मिलाए और इसमें दो चम्मच शहद मिलाए। उस मिश्रण का उपयोग अपने शरीर को साफ करने के लिए करें। यह मिश्रण मृत कोशिकाए खत्म करने में मदद करता है और आपकी त्वचा को प्राकृतिक चमक देता है।
इसलिए आयुर्वेदिक गुणों के कारण शिकाकाई लाभकारी है।
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