भृंगराज के 64 फायदे आपको इस्तेमाल करने के लिए मजबूर कर देंगे। आज तक इसी जानकारी किसी ने भी नहीं दी। बालों पर वर्षों से है राज, उसका नाम है भृङ्गराज।
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- औषधियों में भ्रंगराज एक प्रसिद्ध जंगली रुखड़ी,जड़ी है।अथ भृङ्गराज (भांगरा)।
भृङ्गराजो भृङ्गरजो मार्कवो भृङ्ग एवं च।
अंङ्गारक: केशराजो, भृङ्गार: केशरञ्जन।।
भृङ्गार: कटुकस्तिक्षणो रुक्षोष्ण: कफवातनुत्।
केश्यसत्वच्य: कृमिश्वासकासशोथामपाण्डुनुत्।
दन्त्यो रसायनो बल्य: कुष्ठ नेत्र शिरोsर्त्तिनुत्।।
- संस्कृत के इस मन्त्र के अनुसार भृंगराज केशरंजन, मार्कव, अंगारक, केशराज इसे अनेक नामों से जाना जाता है।
- बालों के सभी रोगों के लिए भृङ्गराज से बढ़कर अन्य कोई जड़ी-बूटी सन्सार में उपलब्ध नहीं है।
- भाँगरा या भृङ्गराज के गुण–कटुरसयुक्त, तीक्ष्ण, रुक्ष यानि रूखा, उष्ण कफ-वातनाशक, केशों के लिए अत्यंत हितकारी।
- त्वचा को साफ कर रंग निखारने वाला।
- दांतों में उपयोगी।
- बेहतरीन रसायन।
- बलकारक एवं कृमि, श्वांस, का में उपयोगी।
- शरीर की आम वात शोथ, सूजन मिटाता है।
- पांडुरोग (खून की कमी) में लाभकारी। खून बढ़ाता है
- स्फेददाग, कुष्ठरोग ठीक करे।
- आंखों की बीमारियां और शिरोरोग, सिरदर्द को दूर करता है।
- कितने तरह का होता है-भृङ्गराज …आयुर्वेद के अनेक निघण्टुयों में इसके पीत यानि पीले रंग का, सफेद और कृष्ण/नील रंग का इन तीन प्रकार के भृङ्गराज का वर्णन है।
- कृष्ण यानि नीला भृङ्गराज बहुत दुर्लभ है, यही सर्वश्रेष्ठ भी है।
- भृंगराज ज्यादातर केवल ग्वालियर के नजदीक श्योपुर के जंगलों दांतरदा, मानपुर, रामेश्वरम, पचनदा, ढोंढर, हीरापुर, कराहल आदि में ही मिलता है।
- कृष्ण भाँगरा बहुत बहुमूल्य भी होता है।
- अमृतम द्वारा इसी कृष्ण भृङ्गराज से कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्प युक्त,भृङ्गराज हेयर थेरेपी शेम्पूका निर्माण किया जाता है।
- अमृतम कि ये दोनों केशवर्धक उत्पादों की महंगे होने के बाबजूद भी बहुत मांग/डिमांड रहती है।बाजार में मिलने वाला भाँगरा अधिकांश श्वेत/सफेद पुष्प का होता है।
- यह बहुत सस्ता है और यह आसानी से उपलब्ध है। इसे शोढ़ल निघण्टु में श्वेत भृङ्गराज लिखा है।
- भृङ्गराज का अर्थ-भृङ्गइव राजते, ‘राजरु दिप्तौ।। अर्थात इसके पुष्प भोरों की तरह प्रकाशित होने के कारण इसे भृङ्गराज कहते हैं।
- मार्कव क्यों कहते हैं-भाँगरा को-
- मारयति केशशौक्तंय विनाशयति अर्थात-भृङ्गराज सफेद बालों को काला बनाता है।
- हिंदी में इसे घमरा, भाँगरा, भंगरा, भंगरैया।
- बंगाली में- भीमराज, केशरिया, केसरी।
- मराठी में- माका।
- गुजराती में- भाँगरो
- कन्नड़ में- गर्ग
- तेलगु में- गुंटकल, लगराता.- करीशलकन्नी
- फ़ारसी में- जमर्दर।
- अरबी में- कर्दामुलम्बित।
- लेटिन भाषा में- एक्लिप्टा एल्बा (Eclipta alba Hassk.) बताया है।
- पीले फूलों वाला भाँगरा-असम, बंगाल, कोंकण, गोआ, मद्रास में पाया जाता है। इसे वेडेलिआ कैलेंडुलेसिया लेस् कहते हैं।
- भृङ्गराज का उपयोग–इसका स्वरस और पंचांग के व्यवहार किया जाता है।
- भृङ्गराज को उबालने से इसका गुण नष्ट हो जाता है। इसलिए इसके स्वरस का ही प्रयोग करना बहुत लाभकारी रहता है।
- इसे साफ कर गुनगुने पानी में 24 घण्टे छोड़कर मसलें फिर इसका स्वरस उपयोग में लेवें।
- खालित्य-पालित्य अर्थात-गंजपन, रूसी केशविकारों में भृङ्गराज के बहुत जबरदस्त लाभ होता है।
- भृङ्गराज के फायदे–सुनिश्चित परिणाम के लिए अमृतम भृङ्गराज चूर्ण का उपयोग श्रेष्ठकारी रहता है। यह कृष्ण एवं श्वेत भाँगरा पंचांग से निर्मित है-
- बालों की जड़े मजबूत बनाये।
- बालों को लम्बा, घना बनाता है।
- यह बालों को बढ़ाने में मदद करता है। नियमित तौर पर बालों में भृंगराज युक्त कुन्तल केयर हेयर ऑयलसे मसाज करें, तो स्कैल्प में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। इससे बालों की जड़ें सक्रिय हो जाती हैं और बालों का बढ़ना शुरू हो जाता है।
- कफ-खांसी में उपयोगी।
- यकॄत रोगों से बचाव।
- प्लीहा वृद्धि में कारगर।
- रक्तचाप यानि बीपी सन्तुलित रखे।
- आंखों के रोगों का अन्त।
- पाचनतंत्र को क्रियाशील बनाता है।
- मेटाबोलिज्म करेक्ट करता है।
- कुपचन में विशेष लाभदायक।
- खून की कमी नहीं होने देता।
- इसकी अधिक मात्रा लेने से वमन यानि उल्टी हो सकती है।
- अर्श, शिरःशूल, त्वचा के रोगों में हितकारी।
- बालों को काला करने एवं बढ़ाने के लिए इसका रस काशीश के साथ मिलकर लेप करते हैं।
- अग्नि से जल जाने पर भृङ्गराज, मरवा एवं मेहंदी को मिलाकर लेप करने से जख्म जल्दी ठीक होता है।
- भाँगरा के बीज बाजिकर्क होते हैं, इसे मिश्री, मुलेठी, शतावर चूर्ण के साथ मिलकर 3 से 5 ग्राम तक दूध से लेना चाहिए।
- भृंगराज के स्वरस में शिकाकाई, अनंतमूल, नीलिनी, नागरमोथा, बहेड़ा, आंवला का स्वरस मिलाकर लगाने से बालों को स्वस्थ और घना बनाते हैं।
- 100 ग्राम नारियल तेल, बादाम तेल 25 ML में 30 ग्राम भाँगरा का चूर्ण डालकर 15 दिन तक रखने के बाद यह तेल बालों में लगाने से नए बाल उगने लगते हैं।
- 5 ग्राम अमृतम भृङ्गराज चूर्ण,अमृतम मधु पंचामृत 10 ग्राम में अच्छी तरह मिलाकर सुबह खाली पेट तथा दिन में तीन बार खाने से मंदाग्नि (भूख का कम लगना) और पेचिश का रोग मिट जाता है।
- भृङ्गराज का वानस्पतिक या बोटनिकल नाम एक्लिप्टा अल्बा हसाक (Eclipta Alba hassak) है।बालों को बल देने तथा केश रोगों के हर हल हेतु यह एक महत्वपूर्ण औषधि है।
- नए, काले केश उगाने में सहायक भृंगराज का बाह्य प्रयोग अत्यंत लाभकारी है।
- भृंगराज के स्वरस को पिया भी जा सकता है तथा सिर की त्वचा पर रोज नियमित रूप से लगाने से बालों का रंग काला होने लगता है।
- यदि इसके साथ भृंगराज आंवला का संयुक्त प्रयोग आंतरिक रूप से किया जाये तो इसके श्रेष्ठ,शीघ्र और सुनिश्चित परिणाम मिलते है।
- बालों का महाराज-भृङ्गराजनामक पुस्तक में केश विकाओं में विशेष उपयोगी बताया है।
- भृङ्गराज की गुणवत्ता को अमृतम ने वर्षों तक बड़ी गहनता से परखा-जाना है।
- काला भांगरा के असरकारक गुणकारी फायदे के कारण इसका प्रयोग अन्य प्रमुख औषधियों के साथ अमृतम ने श्रेष्ठ उत्पाद कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा, हेयरऑयल और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए kuntal Care malt माल्ट निर्मित किया है।
- बालों का झड़ना और बाल टूटना, दो मुहें बाल होना और अकाल या कम उम्र में बालों का सफेदी से बचाने हेतु भृंगराज औषधि अत्यंत प्रभावी है। इसीलिए भृंगराज हेयर थेरेपी के नाम से बाल धोने के लिए बेहतरीन उपाय है।
घमरा भृंगराज को कहते हैं।
- यह बालों की 35 तरह की बीमारी दूर करने में यह उपयोगी है।
- अमृतम केश विकार नाशक चमत्कारी 35 जड़ी बूटियां अंक से साभार। इस आर्टिकल में आयुर्वेद के ५000 वर्ष प्राचीन ७ शास्त्रों का हवाला दिया है।
- अमृतम मैगजीन का यह केशांक 180 पेज का था, जिसमें बालों के बारे में अनेक प्राचीन खोज सहित रोचक बातें लिखी थी।
भृंगराज के 65 चमत्कारी फायदे क्या है?
- 25000 शब्दों का ये ब्लॉग बालों की सभी समस्याओं का अंत कर जीवन में बसंत खिला देगा। जाने – बालों को तेजी से बढ़ाने वाली अन्य आयुर्वेदिक ओषधियाँ —
- भृङ्गराज के शास्त्रमत 20 चमत्कारी फायदे —संस्कृत के श्लोक सहित भृङ्गराज कई सम्पूर्ण जानकारी-गुण-प्रयोग-फायदे—भावप्
रकाश एवं आयुर्वेदिक निघंटु में इसे काला भांगरा के नाम से भी जाना जाता है ।
अमृतम पत्रिका के इस लेख में बालों के बारे में बहुत बारीकी से बताया गया था।
- केशरोग, केश झड़न, बाल धोने तथा सूखने के तरीका, तेल कब लगाएं आदि जानकारी विस्तृत रूप से अध्ययन कररें। पढ़ने में अत्यंत आनंद आएगा।
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गाल की रौनक बाल से ही बनी रहती है।
- घने बाल और भरे गाल देखकर हर कोई पुरुष निहाल हो जाता है।
- छ्छोरे तंज या कमेंट्स करते हैं कि देखो, कितना शानदार माल जा रहा है।
Cash और केश के फायदे
- यह बात तो विश्व प्रसिद्ध है कि जिनके पास CASH और केश (बाल )नहीं हैं, दोनों ही कंगाल की श्रेणी में गिने जाते है। केश लम्बे होने के कारण अनेक केस कोर्ट में चल रहे हैं।
- सिर पर बाल न होने से बहुत बुरे ख्याल आने लगते हैं। कोई कितना भी मालामाल हो, लेकिन बाल न हों, तो खिल्ली उड़ाने वाले लोग दिमाग की खाल खींच लेते हैं।
केशधोवन का पुराना तरीका
- बाल धोने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि पानी खारा या बोरिंग का न हो। अगर जल साफ-सुथरा, निखरा दोषरहित होता, तो अनेकों केशविकारों से रक्षा होती है।
- यदि जल बहुत दूषित है, बोरिंग का है, तो अमृतम भृङ्गराज हेयर थेरेपी – amrutam Bhrungraj Hair Therepy (BHT) से बाल धोएं।
शेम्पू से बाल धोने की प्राचीन विधि
- केशधोवन के समय ध्यानार्थ सूत्र यही है कि सबसे पहले भृंगराज हेयर थेरेपी (शेम्पू) हथेलियों पर लेकर उंगलियों की पोरों से खोपड़ी में बालों की जड़ों में धीरे-धीरे 5 से 10 मिनिट तक लगा रहने दें।
- फिर बालों में 100 मिलीलीटर पानी लगाकर फसुगर यानी फेन बनाएं और जब चारो तरफ से बालों में BHT पृरी तरह समाहित हो जाये, तब हल्के हाथ से बालों को धो लेवें।
- बाल धोने के बाद बहुत ही रेशमी तौलिया या टॉवल से बालों को बहुत सरलता से पोंछे तथा गीले बालों में भूलकर भी कंघी न लगाएं।
- अगर सम्भव हो, तो बालों को खुली धूप में कुछ देर तक उंगलियों की पोरों से सुलझाते हुए सुखावें।
- सप्ताह में 2 या 3 बार से ज्यादा बाल नहीं धोना चाहिए। जब भी बाल धोने होना हो, तो 24 घण्टे पहले अमृतम कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल जड़ों में लगाकर खोपड़ी को तरबतर कर लें-
- amrutam भृङ्गराज हेयर थेरेपी से बाल धोना श्रेष्ठकर रहेगा। अमृतम द्वारा आयुर्वेद की 5000 साल पुरानी पध्दति से बनाया गया यह हर्बल शेंपू भृङ्गराज के काढ़े से निर्मित है।
- भृङ्गराज बालों के लिए अमृत है। यह बालों का रूखा-भूरापन दूर कर असँख्य केशविकारों का जड़ से नाश करता है।
- बालों को लम्बा, घना, काला, चमकदार बनाने में भृङ्गराज सहायक है।
भृङ्गराज को भांगड़ा, घमरा, घामरा, भांगरा भी कहते है।
- आयुर्वेदाचार्यों एवं भावप्रकाश, आदर्श निघण्टु आदि के अनुसार यह अनेक रोगों में उपयोगी है। यह सब जगह आसानी से खेत की मेढ़ों पर मिल जाता है…
- बालों की 14 से अधिक बीमारियों में अत्यन्त लाभकारी है।
- प्राचीनकाल में भ्रंगराज, शिकाकाई, रीठा, अमृतम त्रिफला चूर्ण तथा रोहिष घांस का मिश्रण कर बाल धोते थे, जिसे केशविकार, नेत्ररोग दूर होते थे।
- अमृतम भृङ्गराज हेयर थेरेपी बाल धोने के लिए बेहतरीन हर्बल शेम्पो है-
बाल धोने से पहले ध्यान देने वाली विशेष बात
- अगर किसी के बाल बहुत मुलायम हों, तो उन्हें कभी भी बालों में किसी तरह का हेयर आयल नहीं लगाना चाहिए। तेल लगाने से जड़े कमजोर होने लगती हैं, जिससे बाल बेतहाशा टूटने-झड़ने लगते हैं।
- बाल यदि ज्यादा मुलायम हैं, तब उन स्त्री-पुरुषों को अमृतम द्वारा बनाया गया एक विशेष उत्पाद
- कुन्तल केयर हर्बल हेयर spa हेम्पयुक्त 12 से 24 घण्टे पहले बालों में लगाकर सुखाएं और हल्की सी कंघी करके दूसरे दिन बालों को भृंगराज हेयर थेरेपी से बाल धोवें।
- बालों के लिए हर्बल मेडिसिन जिनकी बालों की जड़ें बिल्कुल कमजोर हो चुकीं हों, वे जरूर पढ़ें।
- जब सभी प्रयत्न, जतन करने के बाद भी केशपतन यानि बालों का झड़ना, टूटना बन्द न हो, तो समझो, शरीर में अंदरूनी कोई तकलीफ है, जिसे पकड़ नहीं पा रहे हैं।
- लगातार पाचनप्रणाली की विकृति, चयापचय/मेटाबोलिज्म की खराबी से शरीर में दिनों दिन इम्युनिटी सिस्टम बिगड़ जाता है।
- समय पर भूख न लगने और गैस बनने से भी अनेक बीमारियां पैदा हो जाती हैं।
- पाचन तंत्र बिगड़ने का दुष्प्रभाव यह होता है कि खोपड़ी बहुत जल्दी केशों से खाली होने लगती है।
- बालों की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए उदर रोगों से बचना चाहिए। जरूरी पोषक तत्व, विटामिन, केल्शियम की कमी से भी शरीर में अनेकों विकार पनपने लगते हैं।
आयुर्वेद में विटामिन्स भंडार
- बालों के लिए विशेष “विटामिन बी“ के ये अवयव मस्तिष्क तथा सिर की में जड़ों में आई गिरावट एवं मेलानोसाइट्स उत्पादन की न्यूनता को रोक देते हैं।
- लम्बे, घने, काले केश महिलाओं को सुन्दर बनाते हैं। बालों में बला का आकर्षण भी आभूषण से कम नहीं होता।
बालों का देशी इलाज-
- आयुर्वेद के पुराने ग्रंथों जैसे भावप्रकाश निघण्टु, वनोषधि दर्पण, वनराज निघंटु, दुर्लभ जड़ीबूटी के अनुसार निम्नलिखित ओषधियाँ शरीर में अंदरूनी रूप से रोगप्रतिरोधक क्षमता/इम्युनिटी पॉवर में वृद्धिकारक हैं।
- सेव मुरब्बा, आँवला मुरब्बा, बेल मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, गुलकन्द, बादाम, अन्जीर, चिरौंजी, काली किसमिस, शुण्ठी, मधुयष्ठी, पिप्पली, मारीच, जीरा, अजमोद, दालचीनी आदि
- इसके अलावा बालों की जड़ों को मजबूती देने वाली 21 जगत विख्यात प्राकृतिक जड़ीबूटियों का विवरण इस प्रकार है —
- त्रिफला, चिरौंजी, बादाम मिंगी, बालछड़, जटामांसी, हरश्रृंगार, ब्राह्मी, भृंगराज, गेहूं सत्व, दूर्वा, सागौन बीज, सीताफल उपरोक्त सभी हर्बल मेडिसिन के मिश्रण से
- बनाया है, जो झड़ते,टूटते बालों के लिए सुनिश्चित सम्पूर्ण चिकित्सा है।
- कुन्तल केयर माल्ट अमृतम आयुर्वेद की अति प्राचीन पद्धति से अनुभवी व आधुनिक चिकित्सकों की देख-रेख में निर्मित किया जाता है।
- रसतन्त्रसार, आयुर्वेद सार संग्रह, मदनपाल निघंटु, चरक सहिंता” आदि आयुर्वेद ग्रंथो: के अनुसार माल्ट (अवलेह) के निर्माण की प्रक्रिया अति जटिल होने के कारण इसको बनाने में 1-3 माह तक का समय लग जाता है।
Kuntalcare पाचन तन्त्र सुधरता है
- घमरा/भृंगराज के काढ़े और मुरब्बा से निर्मित कुन्तल केयर माल्ट शरीर की अंदरूनी बीमारियों को दूर कर पाचनप्रणाली को ठीक करता है। इसके अलावा निम्नांकित केश रोगों को जड़मूल से ठीक करने में मददगार है।
- सिरदर्द, खालित्य यानि गंजापन, बालों का झड़ना, केशपतन, रूसी-खुजली, बालों का पतला होना, कीड़ा लग जाना, बालों का लगातार टूटना, बालों का दोमुहें हो जाना, बालों का असमय सफेद होना, बार-बार जुएं पड़ना आदि रोगों का नाश है।
- खारे/बोरिंग व प्रदूषित पानी से बाल धोने के कारण होने वाले अनेक केश रोग और भी अनेक केशविकारों का नाश करता है।
बालों के लिए हर्बल मेडिसिन —
- जब बालों को बचाने के लिये सभी तरह का इलाज करने के बाद भी यदि कोई फायदा न दिखे, तो एक बार “कुन्तल केयर हर्बल हेयर माल्ट” का उपयोग जरूर करें ।
- सेवन विधि – 1 से 2 चम्मच सुबह खाली पेट तथा रात्रि में सोते समय गुनगुने दूध या जल से 2 से 3 माह तक नियमित लेना इसलिए जरूरी है, ताकि कमजोर जड़े मजबूत और स्ट्रांग हो जाएं।
रूसी,खोंची,झड़न मिटाये, सात दिनों में असर दिखाये
- कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल के उपयोग से केश झड़ना 2 या 4 दिन में ही रुक जाते हैं
- कुन्तल केयर हर्बल हेयर शेम्पो। खारे और बोरिंग के दूषित पानी से बाल धोने में उपयोगी।
- कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा। गंजापन आने से रोकता है ।
- कुन्तल केयर hemp Spa। उम्र से पहले बालों को सफेद नहीं होने देता
- कुन्तल केयर हर्बल माल्ट। पेट की सभी पुरानी से पुरानी तकलीफ ठीक करता है।
- भृंगराज हेयर थेरेपी (आयुर्वेदिक शैम्पू) रूखापन, कड़ापन मिटाकर, तन की प्रकृति अनुसार बालों को मुलायम बनाता है ।
- भृंगराज हेयर ऑयल नजर की कमजोरी एवं बार-बार होने वाले सिरदर्द को दूर करता है।
सभी उत्पाद ऑनलाइन ही मिलते हैं।
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