!~ टूटते सम्बन्धों को बचाने के लिए
कैसे करें- सेक्स समस्या का सामना
और समाधान….और जाने-
सप्तधातु कमजोर होना,
धातु का गिरना, पतला होना,
शीघ्रपतन आदि पूरुषों के गुप्तरोग
ऐसे हैं, जिससे आपसी दूरियां
बढ़ जाती हैं।
!!~ स्त्री को पूरी तरह तृप्त, संतुष्ट कर
पूर्ण आनंद देने में सक्षम पूरुषों की
12 बारह खासियत-
सेक्स कंसल्टेंट का मानना है कि
जब पति-पत्नी में आपसी खींचतान
बनी रहती हो, एक-दूसरे के प्रति
आकर्षण, प्यार, कम हो रहा हो,
दिनोदिन दूरियां बढ़ती जा रही हों
या रिश्ता टूटने की कगार पर है,
तो 4-5 रात तृप्ति संतुष्टिदायक एवं
पूर्ण चरमसीमा तक पर्याप्त सेक्स करें।
नित्य नयेपन, नवीन तरीके से सेक्स
करने से आपके रिश्ते में फिर से लगाव
बढ़ेगा, चुस्ती-फुर्ती, ताजगी आएगी और
सम्बन्ध टूटने से बच सकता है।
सेक्स शोधकर्ता बताते हैं कि पति-पत्नी
के बीच सेक्स ही एक मात्र उपाय है, जो
मेंटली रिलेक्स देकर प्रेम बढ़ा सकता है।
नियमित सेक्स रिलेशन एक-दूसरे से
जोड़े रखता है।
पर्याप्त सेक्स के कारण मुश्किल वक्त
में भी मियां-बीबी में एक-दूसरे के प्रति
प्रेम और आपसी आकर्षण बरकरार
रख पाते हैं।
सेक्स सुखद, सफल वैवाहिक जीवन
के लिए भोजन की तरह ही अत्यन्त
आवश्यक है।
शादी-शुदा अनुभवी लोगों का मानना है
इन सबके लिए पुरुषों में बाजीकरण
अर्थात सेक्स पॉवर, पुरुषार्थ शक्ति
भरपूर होना चाहिए।
सेक्स करने के लिए जरूरी काम की
बारह बातें–
【1】सेक्सी पुरुष का स्वभाव विनम्र हो।
【2】वाणी में मिठास, अपनापन हो।
【3】ज्यादा गम्भीरता या गहराई वाला न हो।
【4】बाल की खाल निकालने में संग्लन न हो
【5】सहवासी व्यक्ति स्वस्थ्य, रोग रहित हो।
【6】लिंग/शिश्न में कठोरता हो।
【7】शीघ्रपतन की शिकायत न हो।
【8】वीर्य यानि शुक्राणु की मात्रा पर्याप्त हो।
【9】लिंग में शिथिलता न हो।
【10】चुम्बन करने में ज्यादा वक्त लगाए।
【11】स्त्री के शरीर को लम्बे समय तक सहलाने में दक्ष हो।
【12】व्यक्ति चिड़चिड़ा, क्रोधी एवं गुस्सेल प्रवृत्ति का न हो।
ऐसा निपुण मनुष्य को महिलाएं अत्यधिक पसंद करती हैं। ऐसे पुरुष ही सम्भोग में
स्त्री को पूरी तरह थकाकर तृप्त, संतुष्ट
तथा लस्त-मस्त कर पूर्ण आनंद
देने में कामयाब होते है।
शुक्राणुओं की शक्ति का कमाल…
आदमी शादी से पहले गर्म जोशी
में कुछ दिनों तक मदहोशी में
और अन्त
में खामोशी या बेहोशी में रहता है।
आशय यही है कि आदमी की सारी ऊर्जा-उमंग
वीर्य पर निर्भर है। उम्र बढ़ने के साथ वीर्य
सूखने, पतला होने से मनुष्य किसी काम
का नहीं रहता। इसलिए आयुर्वेदिक ग्रन्थ
एवं शास्त्रों में सलाह दी गई है कि-
40 की उम्र पश्चात बाजीकरण अर्थात
वीर्यवर्द्धक ओषधियों का सेवन जरूरी
है। इससे बुढापे में कोई भी रोग सताते।
जोड़ों की सन्धियाँ और सम्बन्धों को
मजबूत बनाने तथा साथी संग सफल
सेक्स करने हेतु-
बी फेराल गोल्ड माल्ट/कैप्सूल लेवें।
प्राचीन ग्रन्थों, वेद-पुराणों, उपनिषद, कामसूत्र और कामशास्त्र में भी है-काम (सेक्स) की बात!!!!!!!!
गुरु दत्तात्रेय रचित बाजीकरण वर्णनम्
में कहा गया है-
बलेननारीपरीतोष्मेति, न
हीनवीर्यस्यकदापि सौख्यम्।
अतो बलार्थ रति लम्पटस्य,
बाजीविधानं प्रथमंविधत्ते !!१!!
अर्थात-
स्त्रियों की पूर्ण तृप्ति पुरुष के बल से
ही हुआ करती है, जो पुरुष कम वीर्य
वाले स्पर्महीन होते हैं। ऐसे शिथिल
पुरुषों से स्त्रियों को कभी भी सन्तुष्टि
नहीं मिलती। इसलिए ऐसे वीर्यपात
लोगों को सदैव आयुर्वेदिक बाजीकरण ओषधियों का सेवन करते रहना चाहिए।
आयुर्वेद में है सेक्स का सम्पूर्ण उपचार…
निक्षिपेन्मृमये….परिरक्षयेत् ।
प्रातदुग्धेन सहितं…धातुवृद्धिकरं..
बलपुष्टिकरं।
अर्थात-
शिलाजीत, शतावर, स्वर्णभस्म,
अश्वगंधा, शुद्ध गूगल, कौंचबीज,
आँवला मुरब्बा, मधुयष्ठी, सौंठ,
नागकेशर, पिप्पली सफेद मूसली स्वर्णमाक्षिक भस्म, रजत भस्म
युक्त आदि ओषधयाँ बल और वीर्य
को बढ़ाकर नपुंसकता, शीघ्रपतन
लैंगिक शिथिलता जैसे पुरुषों के
सभी गुप्त रोगों को जड़ से
मिटा देने में सक्षम होती हैं।
आयुर्वेदिक ओषधियाँ, जड़ीबूटियां,
रस-भस्म, क्वाथ, स्वर्णमाक्षिक भस्म,
स्वर्ण भस्म, रजत भस्म आदि उपरोक्त
योगों से निर्मित
दोनों हर्बल दवाएँ कारगर हैं। जैसे-
यौन समस्याएं,
गुप्तरोग,
स्तम्भन दोष,
मंद या संकोची स्खलन,
सेक्स से अरुचि,
कामेच्छा का न होना, ,
शिश्न की कमजोरी,
शिथिल लिंग वगेरह तकलीफों
को दूर करने में चमत्कारी हैं।
बी फेराल माल्ट-कैप्सूल का सेवन
नियमित 4 से 6 महीने तक करें,
ताकि 40 के बाद भी शरीर
को खाद मिल सके।
जवानी कायम रखने सहायक…
बी फेराल गोल्ड माल्ट
बी फेराल गोल्ड केप्सूल
ये दोनों गुप्तरोग, यौन समस्या नाशक हैं
और बाजीकरण का स्थाई उपचार है।
यह केवल आदमियों हेतु ऊपर लिखी
सभी योग-द्रव्य-घटकों से निर्मित दवा है।
यह 45 प्रकार के सभी पुरुष के
गुप्तरोगों को जड़ से मिटाती है।
बी फेराल गोल्ड माल्ट/केप्सूल
पचास के बाद भी वीर्य को खल्लास
नहीं होने देता। यह अनेक तरह की
शारीरिक दुर्बलताओं को मिटाने में
पूर्णतः सक्षम है।
वेदों में भी बताया है काम…
अथर्ववेद ६-१०१-३ अनुसार-
आहं तनोमि ते पासो अधि ज्यामिव
धनवानी, क्रमस्वर्श इव रोहितमावग्लायता!!
अर्थात:-
मैं तुम्हारे लिंग को धनुष की डोरी के
समान तानता हूँ ताकि तुम स्त्रियों में
प्रचंड विहार कर सको! यह क्षमता
एवं शक्ति बी फेराल माल्ट-केप्सूल
योग 4 से 6 माह तक लगातर लेने
आ जाती है।
शास्त्रों में है पुत्रवती होने का प्रयोग...
गोक्षुरस्य च बीजं तु पिबेन्निर्गुन्डी कारसै:।
त्रिरात्रं पञ्चवरात्रं वा वन्ध्या भवति पुत्रिणी।।
(श्री दत्तात्रेयतन्त्रे वन्ध्याचिकित्साणी)
गोखरू के बीजों को निर्गुन्डी के रस में पीसकर, ऋतुस्नान के बाद
तीन रात्रि पीकर, पति संग संगम अर्थात
सेक्स करे, तो एक महीने बाद वह स्त्री
पुत्रवती हो जाती है।
यह प्रयोग करने से 3 या 3 महीने
अपने पति को बी फेराल गोल्ड माल्ट
और केप्सूल का दूध के साथ सेवन अवश्य करवाएँ, ताकि लिंग में कठोरता
आ सके।
अमृतम बी फेराल के उपयोग से शिथिल तथा कमजोर इंद्रियों में शक्ति आ जाती है। बल-वीर्य-पुरुषार्थ में वृद्धि होती है।
है राज तनया तौ नाभि नीचे
जंघस्य मध्ये अमृतस्य कुंडह।
तस्मै प्रवेशाम मम चर्म दण्डह
बद्री भवतां सुखमा भवेतः।।
इस श्लोक को 3 बार पढ़ेंगे, तो
अर्थ समझ आने लगेगा।
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