सुस्त दिमाग को क्रियाशील कर
आग या ऊर्जा उत्पन्न करने में
सहायक होती हैं।
बच्चों के ब्रेन को ब्यूटीफुल बनाएं…
बच्चों को इन ओषधियों का सेवन
यदि बचपन से कराया जाए, तो
वे बहुत होनहार और शार्प माइंड
होकर दुनिया में नाम कमा सकते हैं।
अमॄतम फार्मास्युटिकल्स, ग्वालियर
ने बुद्धि की वृद्धि लिये
◆ ब्रेन की गोल्ड माल्ट
◆ ब्रेन की गोल्ड टेबलेट
का निर्माण किया है।
याददाश्त की कमजोरी को आयुर्वेद में अत्यन्त चिंताजनक बताया है। इस व्याधि से बड़ा दुनिया में दूसरा कोई दुश्मन है ही नहीं….
संस्कृत का एक प्रसिद्ध श्लोक है कि-
न च विद्यासमो बन्धुः न च व्याधिसमो रिपुः।
न चापत्यसमो स्नेहः न च धर्मो दयापरः॥
अर्थात-
विद्या से बड़ा कोई बंधु नहीं,
व्याधि जैसा कोई शत्रु नहीं,
पुत्र जैसा स्नेह नहीं और
दया से श्रेष्ठ कोई धर्म नहीं।
तेज दिमाग चाहिए तो इस्तेमाल करें ये, जड़ी-बूटियां इसमें मिलाये गये द्रव्य-घटक निम्नलिखित हैं-
दिमाग और मेमोरी को तेज
करना है, तो उपयोग करें
ब्रेन की गोल्ड माल्ट एवं टैबलेट
अमॄतम शंख पुष्पी् –
माइंड को शार्प
करने में सहायक है। याददाश्त
को बढ़ाने के साथ-साथ यह
जड़ी-बूटी दिमाग में रक्त का सही सर्कुलेशन करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
अमॄतम जटामांसी….
तनाव को मिटाकर अच्छी नींद
लाने में बेहद कारगर है।
दिमाग को धारदार करने के लिए
सबसे पहली उपयोगी बूटी है जटामांसी। …
अमॄतम ब्राह्मी बूटी-
यह दिमागी टॉनिक के नाम से
दुनिया भर में विख्यात है।
दिमाग को शांति प्रदान करना
ब्राह्मी का मुख्य गुण है
और बार-बार भूलने की आदत
से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
याददास्त को मजबूत करने में
भी मदद करती है।
अमॄतम दालचीनी-
यह मात्र मसाला नहीं है।
यह आयुर्वेद की गुणकारी
ओषधियों में गिना जाता है।
दालचीनी को ब्राह्मी, जटामांसी
के साथ लेने पर अवसाद यानि
डिेप्रेशन के विचारों को आने से
रोकती है।
दिमाग तेज होता है।
अमॄतम जायफल-
यह गर्म मसालों में उपयोग होता है।
इसकी तासीर गर्म होने के कारण
कभी एल्जाइमर अर्थात भूलने की
बीमारी नहीं होती।
अमॄतम तुलसी-
तुलसी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हृदय/हार्ट और दिमाग में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है।
अमॄतम कालीमिर्च-
आयुर्वेद के ग्रंथों में इसे मरीच
कहा गया है। इसमें सौंठ, पीपल
मिलाने से त्रिकटु बन जाता है।
इसमें पेपरिन नामक रसायन
होता है, जो शरीर और दिमाग की कोशिकाओं को आराम देता है।
डिप्रेशन को दूर करने के लिए भी
यह योग जादू सा काम करता है।
इसी वजह से इन सबको
ब्रेनकी गोल्ड टेबलेट में मिश्रित किया है।
स्मृति सागर रस…
बार-बार भूलना, एकाग्रता की कमी, भुल्लकड़पन, ज़रूरी चीजें भी याद न रहना, ज़रा सी विपरीत परिस्थिति में मानसिक सन्तुलन बिगड़ जाना,
अत्याधिक क्रोध, गुस्सा आना, चिड़चिड़ाना आदि समस्याओं के पीछे मन्द बुद्धि, दिमाग में रक्तसंचार की कमी के कारण दिमाग कमज़ोर होने से जिन लोगों याददाश्त कमजोर होने लगती है, उन्हें स्मृति सागर रस एक असरदार ओषधि है। इसे ब्रेन की गोल्ड माल्ट में मिलाया गया है।
अमॄतम केसर-
अनिद्रा मिटाने में इसका कोई
सानी नहीं है। दिमाग की थकावट
दूर करने में मदद करती है।
जीवन में पूरी तरह मानसिक सुख
पाने के लिए बचपन से ही अपने
बच्चों को ब्रेन की गोल्ड माल्ट
का इस्तेमाल करना अत्यंत
लाभकारी है।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट/टेबलेट
किसी भी उम्र के स्त्री-पुरुष
सेवन कर सकते हैं।
विशेष- यह 100 फीसदी
आयुर्वेदक दवाई है। इसे कम
से कम 3 महीने तक अवश्य लेवें।
दिमाग के लिए कारगर चिकित्सा…
आयुर्वेदिक की प्राचीन और प्रसिद्ध जड़ी-बूटियों में अश्वगंधा, वच, मुलेठी, ब्राह्मी,
मालकांगनी, आवलां मुरब्बा, त्रिफला, त्रिकटु शतावरी के साथ आयुवेर्दिक काढ़े जैसे कि सारस्वतारिष्ट और चंदनासव से अवसाद का इलाज किया जाता है।
आयुर्वेद तनाव रहित बनाकर आपके शरीर और अच्छे स्वास्थ्य के बीच एक शानदार तालमेल बनाने का यह एक आसान तरीका है। दिमाग को तेज करने वाला
ब्रेन की गोल्ड माल्ट एवं टेबलेट
3 माह तक निरन्तर लेना जरूरी है
यह असरकारी योगों जैसे-आवलां मुरब्बे, मेवा-मसालों, प्रकृतिक जड़ीबूटियों के काढ़े से निर्मित है । यह दुनिया का पहला हर्बल जैम है, इसे आयुर्वेद में माल्ट कहा जाता है ।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट-
मन-मस्तिष्क से तनाव, अवसाद मिटाने
में पूरी तरह सक्षम है। यह दिमाग को मद-मस्त,प्रसन्न कर पूरी तरह शान्त रखने वाली स्मृति वर्द्धक हर्बल दवाई है। ब्रेन की गोल्ड अतिशीघ्रता से याददाश्त वृद्धिकारक है ।
◆ ब्रेन की गोल्ड माल्ट
◆ ब्रेन की गोल्ड टेबलेट
◆ अमृतम अश्वगंधा चूर्ण
ये तीनों दवाएँ अत्यंत असरकारक ओषधियाँ हैं। बस इसे तीन से 6 माह तक बिना रुके दूध के साथ दृढ़ निश्चय करके लेते रहें।
शंका-समाधान….
क्या आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का कोई
दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट होगा?….
आयुर्वेद एक प्राकृतिक चिकित्सा है,
इसके उपयोग से कोई हानि या नुकसान
नहीं होता बल्कि आयुरवेद के लाभकारी
प्रभाव मतलब साइड बेनिफिट बहुत हैं।
अच्छे प्रभाव को देखने के लिए मुझे इन सप्लीमेंट्स को कब तक लेना होगा? …
आयुर्वेदिक दवाएँ किसी भी तरह के रोगों
को जड़ से मिटाने में कारगर होती हैं।
इसमें किसी तरह के केमिकल या रसायनिक
सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
इसलिए सम्पूर्ण परिणाम के लिए इसे
कम से कम तीन महीने तक सेवन
करने की सलाह दी जाती है।
यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि
आयुर्वेदिक ओषधियाँ या सप्लीमेंट्स
में इस्तेमाल होने वाले तत्व उच्च गुणवत्ता
के होते हैं….
जड़ीबूटियों की जानकारी देने वाले प्राचीन ग्रन्थ आयुर्वेदिक निघण्टु, भावप्रकाश, द्रव्यगुण विज्ञान, आयुर्वेद सारः-संग्रह आदि अनेक प्रामाणिक पुस्तकों में सभी द्रव्यों के बारे में बताया गया है।
जैसे-नाम, पहचान, तना, पुष्प, वृक्ष, रंग, गुण-दोष, मात्रा, उपयोग का तरीका, परहेज सब कुछ लिखा हुआ है। इसी अनुसार दवाओं का निर्माण किया जाता है, जो रोग ठीक करने में हितकारी है।
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